-बर्फखाना के पास रहता है घायल, घर के पास ही मारी गई गोली

-दो बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया, रिजेंसी में किया गया ऑपरेशन

-संबंधी और उसके बेटे पर शक, पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए घर में दी दबिश

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KANPUR : कर्नलगंज में मंगलवार को सरेशाम डेयरी कारोबारी के बेटे को गोली मार दी गई। वो भांजे की टीचर को रास्ता बताने के लिए गया था कि घर से चंद दूरी पर दो बदमाशों ने उस पर हमला कर दिया। आनन-फानन में परिजन इलाकाई लोगों की मदद से उसको रिजेंसी ले गए। खबर लिखे जाते तक हालत गंभीर थी और ऑपरेशन की तैयारी की जा रही थी। परिजनों ने संबंधी और उनके बेटे पर हमला करने का शक जताया है। पुलिस का कहना है कि घायल ने हमलावरों को देखा है। उनके बयान के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

दोनों परिवारों में पड़ गई दरार

कर्नलगंज में बर्फखाना इलाके में रहने वाले भूरे पहलवान डेयरी कारोबारी हैं। उनके बेटा साहबे आलम और बेटी शमीम है। जिसमें शमीम की ग्वालटोली के मकबरा निवासी बिल्डर शौकत अली के बेटे अशरफ उर्फ शेखू से हुई थी। शादी के बाद साहबे का शेखू के घर आना-जाना हुआ तो उसके शेखू की बहन नूरी से प्रेम संबंध हो गए। करीब दो साल पहले साहबे और नूरी का निकाह हो गया। इसके कुछ दिनों बाद शमीम का शेखू से झगड़ा हो गया और वो मायके आ गई। उसने शेखू के खिलाफ घरेलू हिंसा समेत अन्य मुकदमे दाखिल किए हैं। इधर, साहबे आलम का भी पत्नी नूरी से विवाद हो गया और नूरी मायके चली गई। दोनों परिवार में दरार पड़ गई और वे एक दूसरे से रंजिश मानने लगे।

सास ने दी थी जान से मारने की धमकी

मंगलवार को साहबे भांजे की टीचर को रास्ता दिखाने के लिए घर के बाहर निकला था कि घर से चंद कदम दूरी पर उस पर दो बदमाशों ने हमला कर दिया। दोनों बदमाशों ने उस पर तमंचे से फायरिंग कर दी। साहबे ने बचने की कोशिश की, लेकिन उसके चेहरे पर एक गोली लग गई। जिससे वो गश खाकर गिर गया और हमलावर उसे मरा समझकर वहां से भाग गए। साहबे की साल आशा बेगम पूर्व पार्षद है। साहबे के पिता भूरे के मुताबिक आशा बेगम ने रूपम चौराहे पर खुलेआम साहबे को जान से मारने की धमकी दी थी। साहबे ने थाने में शिकायत की थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। भूरे का आरोप है कि वो अक्टूबर 2015 से थाने से लेकर आला अफसरों की चौखट में चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनके खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।