अभियान: हम सेफ नहीं है

सिटी में हादसे का कारण बन सकते हैं पुराने भवन

आरएमसी नहीं कर रहा कार्रवाई

>RANCHI: शुक्र है नेपाल में दो दिन से आ रहे भूकंप के कारण रांची में जानमाल का बड़ा नुकसान नहीं हुआ। लेकिन, अगर यहां ऐसी आपदा आ जाए, तो इससे भी बड़ा नुकसान होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। इसके लिए सबसे बड़ा गुनहगार रांची नगर निगम होगा, जो तीन साल में जर्जर इमारतों का सर्वे नहीं कर पाया है। वहीं, तमाम मानकों का उल्लंघन कर सिटी में बनाई जा रही मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के लिए भी आरएमसी कम दोषी नहीं है। रांची शहर में कई ऐसी जर्जर इमारतें खड़ी हैं, जो भूकंप जैसी आपदा में बड़े हादसे का कारण बन सकती हैं। जी हां, दर्जनों जर्जर इमारतें रांची को खतरे के मुहाने पर लाकर खड़ी कर दी हैं।

तीन साल में नहीं हुआ सर्वे

रांची नगर निगम ने क्ख् अप्रैल ख्0क्ख् को शहर के पुराने और जर्जर भवनों का सर्वे कराने की घोषणा की थी। तब जानमाल के लिए खतरा बनी जर्जर इमारतों को ढाहने का नगर निगम ने निर्णय लिया था। इनमें निजी इमारतों के साथ-साथ सरकारी इमारतें भी शामिल थीं। ये इमारतें सुरक्षा के लिए खतरनाक हो चुकी हैं। झारखंड नगर पालिक अधिनियम ख्0क्क् के तहत झारखंड नगर निगम क्षेत्र में पुरानी और जर्जर हो चुकी बिल्डिंगों को गिराने का अधिकार नगर निगम को साल ख्0क्ख् में ही मिला है। पहले यह अधिकार भवन निर्माण विभाग को था। जो डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन की मदद से इन भवनों को चिन्हित कर ढाहता था। लेकिन, रांची नगर निगम तीन साल में भी यह पता नहीं कर पाया कि शहर की कौन-कौन सी इमारतें जर्जर हो चुकी हैं।

मेन रोड में कई जर्जर इमारतें

रांची के मेन रोड स्थित शास्त्री मॉर्केट से लेकर सर्जना चौक तक कई ऐसी इमारते हैं, जो जर्जर हो चुकी हैं। कभी भी गिर सकती हैं। जहां पर सैकड़ों शॉप्स हैं और दिन के समय हजारों लोग मौजूद रहते हैं। भूकंप का लेवल अगर तेज हुआ तो इन इमारतों को गिरने से कोई नहीं रोक सकता। मेन रोड में होने के कारण जानमाल के बड़े नुकसान की आशंका भी है। लेकिन, इसकी परवाह रांची नगर निगम को नहीं है। वह हर साल सर्वे की बात करता है लेकिन कभी सर्वे कराता नहीं।

एक दशक से नहीं टूटी जानलेवा बिल्डिंग

झारखंड बनने के बाद से आजतक नगर निगम क्षेत्र में स्थित एक भी जर्जर और पुरानी खतरनाक बिल्डिंग न तो खाली कराई गई हैं और न तोड़ी गई हैं। रांची नगर निगम को जब अधिकार मिला तो उसने घोषणा की थी कि वह पब्लिक के जानमाल के लिए खतरा बनी बिल्डिंग का सर्वे कर उन्हें खाली कराएगी और फिर तुड़वा देगी। लेकिन, उसने ऐसा कभी नहीं किया।

ऑफिशियल स्टैंड

रांची सिटी में सुरक्षा के लिए खतरनाक बन चुकी जर्जर और पुरानी बिल्डिंगों की सूची नगर निगम के पास नहीं है। नगर निगम की टीम इसके लिए सर्वे कराएगी। सर्वे का काम पूरा होते ही इन जर्जर भवनों के मालिकों को नोटिस देकर खाली कराया जाएगा। उसके बाद उस बिल्डिंग को तोड़ा जा सकता है।

-नरेश सिन्हा, पीआरओ, रांची नगर निगम