RANCHI: रिम्स में एचआइवी मरीजों के इलाज के लिए बनाए गए एंटाइरेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) सेंटर की मशीन खराब हो गई है। इससे न तो मरीजों का टेस्ट हो पा रहा है और न ही ट्रीटमेंट। ऐसे में मरीज हॉस्पिटल निराश हो कर लौट रहे हैं। लेकिन, मरीजों को होने वाली इस परेशानी को लेकर रिम्स प्रबंधन गंभीर नजर नहीं आ रहा है।

क्या है खराबी

हॉस्पिटल के एआरटी सेंटर में लगाई गई मशीन एक महीने से खराब है। इसे सीडी फार्मेसी के नाम से जाना जाता है। इसके कुछ पा‌र्ट्स खराब हो गए हैं, जिसे कंपनी के इंजीनियरों ने कई बार रिपेयर करने की कोशिश की, लेकिन मशीन चालू नहीं हो सकी। बताया जाता है कि उक्त मशीन के पा‌र्ट्स विदेशों से मंगाए जाते हैं। प्रबंधन की लापरवाही की वजह से पा‌र्ट्स मंगाने में देरी हो रही है, वहीं मशीन बंद पड़ी है।

नहीं हो रही है जांच

एआरटी सेंटर में मशीन के बंद होने से यहां आने वाले मरीजों की जांच भी नहीं हो पा रही है। टेस्ट नहीं होने से यह पता लगाने में परेशानी हो रही है कि पेशेंट्स की बीमारी किस स्टेज में है। बिना पता लगाए उनका ट्रीटमेंट नहीं किया जा रहा है। इससे यहां आने वाले कई मरीज निराश लौट रहेहैं। उन्हें रांची से बाहर के सेंटरों पर जाने की सलाह दी जा रही है।

सिर्फ काउंसेलिंग से नहीं चलेगा काम

एचआइवी से पीडि़त पेशेंट्स के लिए रिम्स में ही काउंसेलिंग सेंटर बनाया गया है। जहां आने वाले पेशेंट्स को डॉक्टर सलाह दे रहे हैं। साथ ही लोगों को इस बीमारी में सावधानी को लेकर विजुअली जानकारी भी दी जा रही है।

क्या है एआरटी सेंटर (फोर योर इंफॉर्मेशन)

देश भर में एचआइवी पॉजिटिव मरीजों के इलाज के लिए एआरटी सेंटर बनाए गए है। जहां पेशेंट्स को ट्रीटमेंट दी जाती है। इससे एचआइवी के वायरस को विकसित होने से रोका जाता है। एचआइवी के बढ़ जाने से एड्स जैसी घातक बीमारी हो सकती है।

वर्जन

एआरटी सेंटर की मशीन खराब होने की जानकारी मुझे नहीं है। अगर ऐसा है तो इसकी जानकारी ली जाएगी। पा‌र्ट्स की जहां तक बात की जाए तो जिस कंपनी का होगा वहीं से मंगाया जाएगा।

डॉ। एसके चौधरी, डायरेक्टर, रिम्स