1- रंग दे बसंती, डॉयरेक्टर- राकेश ओमप्रकाश मेहरा
साल 2006 में राकेश ओम प्रकाश मेहरा कि फिल्म रंग दे बंसती ने दर्शकों के दिलों में ऐसी छाप छोड़ी कि सभी बसंती रंग में रंग गए। ये फिल्म भारत के यूथ को ध्यान में रख कर बनाई गई थी। ये कुछ ऐसे नौजवानों की कहानी है जो खुद में ही मस्त रहते हैं। जिन्हे आजादी से प्यार है। जो मार्डन इंडिया के लिए कुछ भी कर सकते हैं। रंग दे बसंती में राजनीति में पनपे भ्रष्टाचार और चंद लड़कों की सरकार से लड़ाई पर आधारित है।
2- तारे जमीन पर, डॉयरेक्टर- आमिर खान
साल 2007 में आमिर खान समाज की जड़ों से एक मुद्दा उखाड़ कर लाये। ये फिल्म बच्चों पर आधारित थी। ये फिल्म उन खास बच्चों की व्यथा को सुनाती है जो डॉयसिलेक्सिया नाम की बीमारी से पीडि़त हैं। फिल्म दिखाती है कि कैसे हर एक बच्चा अपने आप में खास होता है। हर बच्चे की एक अलग क्वालिटी होती है। बच्चों पर प्रेशर डाल कर कोई काम नहीं करवाना चाहिए। जो काम करने में उन्हें मजा आये उसे करने देना चहिए। यह भी पढ़ें : कसम से, श्रद्धा कपूर को ऐसे लुक्स में पहले कभी नहीं देखा होगा आपने
3- थ्री इडिएट, डॉयरेक्टर- राजकुमार हिरानी
2009 में बनी थ्री इडिएट कहानी आप की और हर छोटे बच्चे की है जो अपने सपने पूरा करना चाहता है। फिल्म में दिखाया गया है कि हर बच्चे का रूझान अलग होता है। हर बच्चा अपने आप में खास होता है। बच्चा इंजीनियर बनेगा या डॉक्टर ये उसे तय करना चाहिए। थ्री इडिएट भारत में इंजीनियरिंग स्टूडेंट और छात्रों के बीच में खूब पाप्युलर हुई। यह भी पढ़ें : ऋतिक रोशन की फिल्मों की कमाई जानकर हैरान रह जाओगे
4- पीपली लाइव, डॉयरेक्टर- अनुशा रीजवी
2010 में बनी फिल्म पीपली लाइव को आमिर खान और उनकी पत्नी किरण रॉव ने प्रोड्यूस किया और अनुशा ने फिल्म को डॉयरेक्ट किया है। फिल्म की कहानी भारत में किसानो और उनकी आत्महत्या पर आधारित है। जिसमें सरकार और मीडिया कैसे उस समस्या से डील कर लेते हैं दिखाया गया है। कैसे एक किसान अपना परिवार चलाता है। कैसे वो अपने बच्चों को पालता है। 83 अकादमी अवार्ड में फिल्म को बेस्ट फॉरेल लेग्युएज का अवार्ड भी मिला था। फिल्म ने विश्वभर में 40 करोड़ का कारोबार किया था जबकि फिल्म का बजट मात्र 10 करोड़ रुपये था।
5- पीके, डॉयरेक्टर- राजकुमार हिरानी
साल 2014 में बनी ये एक साइंस फिक्शन और कॉमेडी फिल्म थी। राजकुमार हिरानी के साथ आमिर ने दूसरी बार फिल्म में काम किया था। फिल्म में धर्मिक मुद्दों को उठाया गया था। पीके ने भारत के कोने-कोने में रहने वाले हर व्यक्ति पर व्यंग किया था। फिल्म बनने के बाद कई दलों ने इसका विरोध भी किया। यह भी पढ़ें : दया… इन 10 फिल्मों में तो गड़बड़ ही गड़बड़
Bollywood News inextlive from Bollywood News Desk
Bollywood News inextlive from Bollywood News Desk