कैसे थे डैनी बतौर गायक
कितनों को यह बात पता है कि डैनी सिर्फ नायक और खलनायक ही नहीं, एक बेहतरीन गायक भी रहे हैं. उन्होंने सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर, मोहम्मद रफी और आशा भोसले के साथ भी सुर साधे हैं. उन्होंने कई नेपाली गानों को रिलीज किया है और कई नेपाली फिल्मों के लिए गाने भी गाए हैं. उनके सबसे ज्यादा मशहूर दो गाने 1970 में रिकॉर्ड किए गए. ये गाने उस समय भी हिट हुए और आज भी हिट हैं. उन्होंने एक हिंदी फिल्म Saino के लिए लिखा भी है और उसमें काम भी किया है. बताया जाता है कि उनके भतीजे ने ही ये फिल्म डायरेक्ट की थी. डैनी ने इस फिल्म का भी टाइटल सॉन्ग गाया और पार्श्व गायक उदित नारायण की पत्नी दीपा नारायण के साथ डेब्यू भी किया है. उन्होंने एक नेपाली डेब्यू गायिका आशा भोसले के साथ भी किया है. गाना कुछ इस तरह था आगे आगे तोपई का गोला और पाछी मशीनगन.... डैनी के इसी गाने से प्रेरित हो आर डी बर्मन ने फिल्म फिर वही रात के लिए गाना संग मेरे निकले थे साजन को कम्पोज किया. इनके अलावा भी डैनी ने कई फिल्मों के गानों में अपनी आवाज दी है. 1975 से 1990 के बीच नेपाल, डाजर्लिंग, सिक्किम और असम में उन्हें बतौर गायक खूब प्रसिद्धी मिली.
कुछ ऐसे रही इनकी निजी जिंदगी
डैनी की शादी सिक्किम की राजकुमारी गावा डेन्जोंगपा से उनके पैतृक गांव गंगटोक में हुई. अब दोनों मुंबई के जुहू इलाके में रहते हैं. 2003 के बाद से फिल्मों में अपने किरदार को लेकर वो अब और भी ज्यादा चूज़ी हो गए हैं. इतना ही नहीं फिल्मों में भी वह अपनी तरह से ही काम करना पसंद करते हैं. उनके भाई सिक्किम में एक बाउज़ एंड बियर कारखाने के मालिक हैं.
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डैनी के टॉप निगेटिव रोल
निगेटिव रोल में डैनी के काम को सबसे पहले बी आर चोपड़ा की 1973 में रिलीज हुई फिल्म धुंध में सराहा गया. फिल्मों में उनको सबसे बड़ा ब्रेक मिला गुलजार की फिल्म मेरे अपने से. उसके बाद आई फिल्म धुंध. इस फिल्म में डैनी ने एक गुस्सैल पति का किरदार निभाया. 1970 में डैनी ने कई तरह के किरदारों में अभिनय किया, लेकिन इनमें से सबसे ज्यादा पॉजिटिव रोल्स को चुना. डैनी के बारे में यह भी बताया जाता है कि फिल्म शोले में गब्बर की भूमिका के लिए पहले डैनी को ही चुना गया था, लेकिन फिरोज़ खान की फिल्म धर्मात्मा की शूटिंग में आउटडोर व्यस्त होने के कारण वह फिल्म शोले को डेट्स नहीं दे सके और आखिर में यह रोल अमजद खान को चला गया. 1978 में फिल्म देवता के बाद से उन्हें लंबे रोल मिलने शुरू हुए. इसके बाद उन्हें बड़े बजट वाली फिल्मों जैसे आशिक हूं बहारों का, पापी, बंदिश, द बर्निंग ट्रेन और चुनौती में निगेटिव रोल के लिए आज भी याद किया जाता है. इन फिल्मों के अलावा अन्य जिन फिल्मों में डैनी को निगेटिव रोल के लिए याद किया जाता है, वह हैं SP करन के किरदार में फिल्म धर्म और कानून (1984) में, रघुवीर सिंह के किरदार में फिल्म कानून क्या करेगा (1984) में, शेरा के किरदार में फिल्म अंदर बाहर (1984) में, ठाकुर मान सिंह के किरदार में फिल्म ऊंचे लोग (1985) में, आंधी-तूफान (1986), भगवान दादा (1986), कांचा-चीना के किरदार में फिल्म अग्निपथ (1990) में, फिल्म हम (1991) में बख्तावर के किरदार में, फिल्म घातक में कात्या के किरदार में, फिल्म क्रान्तिवीर (1994) में चतुर सिंह के किरदार में, फिल्म पुकार (2000) में शंकर सिंघानिया के किरदार में. फिल्म सनम बेवफा में उन्होंने प्राण के सामने भूमिका निभाई थी और फिल्म 1942: A Love Story में भी उनकी भूमिका काफी अहम रही. फिल्म बेबी (2015), बैंग-बैंग (2014), जय हो (2014), द रोबोट (2010), लक (2009) में भी उन्होंने अपने अभिनय का लोहा मनवाया.
टीवी सीरियल और हॉलीवुड में डैनी की भूमिका
फिल्म अजनबी (1993) की कथा-पटकथा खुद डैनी की लिखी हुई थी. अपने दोस्त रोमेश शर्मा के साथ नए कलाकारों को लेकर अजनबी की शूटिंग पूरी की गई, लेकिन फिल्म को कोई खरीददार नहीं मिला. लिहाजा मजबूर होकर उसे टीवी धारावाहिक में बदला गया. पहले एपिसोड से ही अजनबी को बहुत बेहतर रिस्पांस मिला. बावन एपिसोड के बाद तेइस एपिसोड का विस्तार मिलना अजनबी की लोकप्रियता और श्रेष्ठता का प्रत्यक्ष प्रमाण है. इसके अलावा हॉलीवुड एक्टर ब्रैड पिट के साथ फिल्म सेवन इयर्स इन टिबेट में डैनी को काम करने का मौका मिला है.
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