MATHURA (26 March): देहात-कस्बों में सार्वजनिक स्थानों पर लगाई गई सौर ऊर्जा लाइटें के तले अंधेरा छाया हुआ है। जन प्रतिनिधियों की निधि से लगी इन लाइटों की बैटरी चोरी हो रही है। खराब लाइटों को भी ठीक नहीं कराया जा रहा है।

883 लाइटें लगाई गई

जिले में वर्ष 2009-10 में संसद, विधायक और विधान परिषद सदस्यों की निधि से अब तक करीब 20 लाख की रकम सौर ऊर्जा लाइट पर खर्च की जा चुकी है। सांसद निधि से करीब 632, विधायक और विधान परिषद सदस्यों की निधि से करीब 143 और ग्राम पंचायत मद से करीब 108 सौर ऊर्जा लाइट लगवाई गई। पूर्व में 18 से 20 हजार रुपये की लागत से लगवाने वाली एक लाइट की कीमत वर्तमान में करीब 22 हजार रुपये है। ?लॉक बलदेव, मांट, फरह और अन्य कस्बों में सौर ऊर्जा की लाइटों के तले अंधेरा छाया हुआ है। कहीं से बैटरी चोरी हो गई है तो कहीं से सामान। कुछ लाइट खराब हैं। न इन्हें ठीक कराया जा रहा है और न ही दूसरी बैटरी रखी जा रही है।

सुरक्षा की जिम्मेदारी नागरिकों पर

सौर ऊर्जा की लाइटों की सुरक्षा का दयित्व स्थानीय नागरिकों का है। निकाय और ग्राम पंचायतें की भी जिम्मेदारी हैं। सामान चोरी की रिपोर्ट भी संबंधित को करानी होती है। नेडा के अनुसार, जिले में अभी तक बैटरी और अन्य सामान चोरी होने का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है। सौर लाइटों चालू रखने का दायित्व लगवाने वाली कंपनी का ही है, जो पांच साल रख-रखाव करेगी। नेडा अधिकारी संजय वर्मा ने कहा कि, खराब लाइट की शिकायत नेडा की संस्तुति पर ही कंपनी निस्तारित करेगी। उन्हें ठीक नहीं कराया जा रहा है। जनप्रतिनिधियों की निधि से स्थापित लाइटों के रखरखाब की जिम्मेदारी संबंधित कंपनी का है। शिकायत पर दर्जनों लाइटें विभाग से ठीक

करवाई गई।

सांसद हेमामालिनी की निधि से करीब पंद्रह दिन पहले पं। दीनदयाल उपाध्याय की जन्मस्थली दीनदयाल धाम में चालीस सौर लाइटें लगवाई गई हैं। धाम के सेवा केंद्र परिसर स्थित सभागार के समीप से दो लाइटों की बैटरी ही चोरी हो गई। गांव के पथवारी मंदिर के समीप से एक लाइट की बैटरी चोरी करने को बक्से का ताला तोड़ने का प्रयास भी किया गया।