- दस लाख रुपए है डीजल का बकाया

PATNA : डीएवी बीएसईबी को लेकर हर दिन एक नया विवाद सामने आ रहा है। ज्ञात हो कि डीएवी स्टाफ को अबतक सैलरी नहीं दी गई है। इस मुद्दे को आई नेक्स्ट ने कई बार उठाया है।

दस लाख है बकाया

सूत्रों की माने तो डीएवी बीएसईबी की जितनी भी गाडि़यां हैं अब उसका यूज नहीं हो रहा। रामानुज प्रसाद के सस्पेंड होने के बाद से ही स्कूल में पैसों की समस्या होने लगी। नए प्रिंसिपल के ज्वाइन होने के बाद से पैसे के मामले को लेकर चेयरमैन के साथ कई बार बात हो चुकी है, लेकिन नतीजा कुछ भी हाथ नहीं लगा। मालूम हो कि पिछले तीन माह से भी अधिक समय से स्कूल के उपर डीजल का बिल बकाया है। यह बिल क्0 लाख से भी अधिक का है।

चेयरमैन को कुछ भी पता नहीं

स्कूल के मैनेजमेंट कमेटी के चेरमैन राजीव रंजन सिन्हा को इस मुद्दे कोई जानकारी नहीं है। मालूम हो कि स्कूल का दो अकाउंट है। इसकी जानकारी सभी को है। एक अकाउंट बैंक ऑफ इंडिया में और दूसरा अकाउंट एसबीआई में। सभी स्टाफ को एसबीआई से ही सैलरी मिलती थी और बच्चों की फी बैंक ऑफ इंडिया में जमा होती है। चेयरमैन ने बताचीत में बताया कि दो अकाउंट से अबतक ट्रांजक्शन हो रहा था मुझे जानकारी नहीं थी। साथ ही यह भी कहा गया कि नए प्रिंसिपल ने मुझे इस रिगार्डिग अबतक कुछ बताया ही नही। वहीं पि्रंसिपल आई राय की माने तो उन्होंने चेयरमैन को स्कूल के सभी स्थितियों से अवगत कराया था।

क्यों ड्यूज रखी जाती थी सैलरी

डीएवी के किसी भी ब्रांच में किसी भी ग्रेड के स्टाफ की सैलरी ड्यूज नही ंरखी जाती, लेनिक डीएवी बीएसईबी में स्वीपर सहित थर्ड ग्रेड के स्टाफ की सैलरी दो-दो महीने बाद दी जाती थी। साथ ही यह भी नियम है कि जहां स्कूल का फी जमा होता है वहीं से स्टाफ को सैलरी भी दी जानी चाहिए।

सैलरी मिलने में कोई परेशानी नही है। प्रिंसिपल बखेड़ा कर रहे हैं, उन्हें पहले बताना चाहिए था कि सैलरी एसबीआई से दी जाती है। हमने मंडे को उन्हें बुलाया है। हिसाब देने के बाद स्टाफ को सैलरी दे दी जाएगी।

- राजीव रंजन सिन्हा, चेयरमैन, डीएवी बीएसईबी मैनेजमेंट कमेटी

ज्वाइन करने के बाद से ही चेयरमैन से वार्ता हो रही है.अगर डीएवी बीएसईबी को चलाना है तो उन्हें को ऑपरेट करना चाहिए।

इंद्रजीत राय, प्रिंसिपल, डीएवी बीएसईबी