-सिविल लाइंस में बाइक सवार बदमाशों ने लूट की नीयत से सेल्समैन को मारी गोली

-बाइक से रुपए जमा करने जा रहे दोनों सेल्समैन को लगी गोली, जख्मी

-सीसीटीवी फुटेज में कैद हुई बदमाशों की करतूत, अब पकड़ना चैलेंज

ALLAHABAD: एजेंसी का पैसा बैंक में जमा करने जा रहे कान्हा मोटर्स के सेल्समैन को बदमाशों ने लूट की नीयत से गोली मार दी। गोली खाकर भी हिम्मत दिखाने से बदमाश अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सके। उन्हें भागना पड़ गया। भाग रहे बदमाशों का चेहरा एक शॉप के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। अब पुलिस वीडियो फुटेज की मदद से उन्हें ट्रेस करने में जुटी है।

साथ निकले थे दो कर्मचारी

सिविल लाइंस एरिया में स्थिति कान्हा मोटर्स के मालिक राम गुप्ता हैं। मंडे को कलेक्शन का करीब आठ लाख रुपए बैग में लेकर दो कर्मचारी कपूर चन्द्र गुप्ता और जय करन यादव बाइक से बैंक के लिए निकले। जय बाइक चला रहे थे और रुपयों से भरा बैग पीछे बैठे कपूर चन्द्र के पास। उन्हें इसे एजेंसी से करीब दो सौ मीटर की दूरी पर स्थित आईसीआईसीआई बैंक में रुपए जमा करना था। शॉप से निकलने के साथ ही एक बाइक पर सवार दो युवक उनके पीछे लग गए। जैसे ही वे दोनों एचडीएफसी बैंक के समीप पहुंचे पीछा कर रहे बदमाशों ने उन्हें रोककर बैग छीनना चाहा। कपूर चन्द्र ने विरोध जताया तो एक बदमाश ने तमंचा निकाला और गोली चला दी। गोली चलाते ही जय की बाइक डिसबैलेंस हो गई इस चक्कर में पीछे चल रहे बदमाशों की बाइक भी गिर गई। सेल्समैन का विरोध देखकर बदमाशों ने दूसरे को भी गोली मारकर बैग पर कब्जा करने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हुए तो भाग निकले।

रुपए लेकर भागे सेल्समैन

जयकरन को पीठ में गोली लगी और कपूर को पेट और पीठ के बीच में। दोनों जख्मी होने के बाद भी रुपयों से भरा बैग लेकर भागे। करीब साढ़े दस बजे हुई घटना की सूचना मिलते ही चौकी इंचार्ज महेश पाण्डेय मौके पर पहुंचे। जख्मी सेल्समैन को स्वरूपरानी हॉस्पिटल भेजवाया। डॉक्टर ने फ‌र्स्ट एड के बाद एक्सरे कराया तो पता चला कि एक सेल्समैन के शरीर में गोली फंसी है। तब तक सूचना पाकर कान्हा मोटर्स के मालिक व कर्मचारी भी हॉस्पिटल पहुंच गए। उन्होंने तत्काल बेहतर इलाज के लिए उन्हें शहर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में शिफ्ट करा दिया।

फुटेज से मिला बदमाशों का सुराग

सरेआम लूट की सूचना मिलते ही पुलिस एक्टिव हो गई। एसपी सिटी राजेश यादव और सीओ एलआईयू स्पॉट पर पूछताछ के बाद स्वरूपरानी हॉस्पिटल पहुंचे। एसपी सिटी वहां पर पूछताछ में लगे रहे। तभी पता चला कि घटनास्थल के पास स्थित एक शॉप के बाहर सीसीटीवी कैमरा लगा है। पुलिस वहां पहुंची और चेक किया तो पूरा घटनाक्रम सामने था।

कोई विरोध नहीं कर सका

पुलिस की मानें तो जहां पर घटना हुई वहां पर कई लोग मौजूद थे। लेकिन, किसी ने विरोध नहीं किया। किसी ने बदमाशों की बाइक का नंबर भी नोट नहीं किया। जहां घटना हुई वहां पाण्डेय चाय वाले की शॉप है। उसने बताया कि उसके सामने ही बाइक सवार बदमाशों ने गोली मारी है। बदमाशों के खौफ से वह सहम गया था। जब तक उसे कुछ समझ में आता तब तक बदमाश वहां से निकल चुके थे।

चंद सेकेंड का खेल

बाइक सवार बदमाशों की हरकतें सीसीटीवी कैमरे में कैद है। बदमाशों का हुलिया और उनके कारनामे कैमरे में चंद सेकेंड तक दिखे हैं। फुटेज में साफ दिखा कि बदमाशों ने गोली मारी तो सेल्समैन की बाइक पलट गई। उसके साथ ही बदमाशों की बाइक भी नीचे गिरी। गोली लगने के बाद दोनों सेल्समैन उठकर भागते हैं और बाइक से उतरे एक बदमाश ने फिर फायरिंग की। फिर वह अपने साथी से बाइक उठाकर चलने को कहता है। बदमाश बाइक उठाते हैं। तुरंत उनकी बाइक स्टार्ट नहीं होती। चार-छह कदम वे पैदल ही चलते हैं। फिर आसानी से भाग निकलते हैं।

क्यों न हों हौसले बुलंद

बाइक सवार बदमाशों के हौसले क्यों न बुलंद हों। एक के बाद एक लूट की घटना को वे अंजाम दे रहे हैं और पुलिस किसी बदमाश को ट्रेस नहीं कर पा रही है। कुछ दिन पहले ही बदमाशों ने सिविल लाइंस में तरुण सांवला के तमंचा के बट से हमला कर तीन लाख रुपए लूट ले गए थे। कुछ इसी तरह ममफोर्डगंज चौराहे के पास सरिया व्यापारी से दो लाख रुपए लूट कर भाग निकले थे।

दो सेल्समैन आईसीआईसीआई बैंक में रुपए जमा करने जा रहे थे। इस दौरान बाइक सवार बदमाशों ने उन्हें लूट की नीयत से गोली मारी है। जख्मी सेल्समैन का ट्रीटमेंट कराया जा रहा है। सीसीटीवी कैमरे की मदद से बाइक सवार बदमाशों को ट्रेस किया जा रहा है।

राजेश कुमार

एसपी सिटी

कोई तो च्अपनाच् है इस खेल में

इस घटना पुलिस को आशंका है कि कोई तो है जो बदमाशों के साथ शोरूम के कर्मचारियों का भी नजदीकी था। ऐसा इसलिए क्योंकि एजेंसी से बैंक की दूरी में सिर्फ एक चौराहे का अंतर है। यह दूरी बमुश्किल दो सौ मीटर नहीं है। इस दूरी के भीतर ही लूट की कोशिश तमाम सवाल खड़े कर सकती है। मसलन एजेंसी के कर्मचारी बाइक से थे। यह दूरी उन्हें ज्यादा से ज्यादा दो से तीन मिनट में तय कर लेनी थी। इसके बाद भी बैंक से पहले उन पर हमला हो गया। यानी कोई तो था जिसे पता था कि कर्मचारी पैसा लेकर निकलने वाले हैं। संभव है बदमाशों ने ही रेकी करके यह पता किया हो। लेकिन, पुलिस इसे मानने को तैयार नहीं है।

कोरम के लिए चेकिंग, फिर सब भूले

खास बात यह थी कि घटना के बाद पुलिस ने बदमाशों को पकड़ने के लिए चेकिंग का आदेश दे दिया गया। इसके बाद हर चौराहे पर पुलिस एक्टिव नजर आने लगी। लेकिन, यह चौकन्नापन चंद मिनट तक ही रहा। कुछ देर बाद सन्नाटा हो गया और बदमाश पकड़ में नहीं आए। आई नेक्स्ट ने इस घटना को नोटिस लेते हुए शाम के वक्त रियलिटी चेक किया तो पता चला कि चेकिंग तो हो रही है लेकिन सिर्फ बाइक के कागज की। पुलिस चालान काटकर पैसा वसूलने में मस्त थी।