1. जूली 2 :
फिल्म प्रोड्यूसर पहलाज निहलानी इस बार एक्ट्रेस राई लक्ष्मी को बोल्ड लुक में दर्शकों के सामने ला रहे हैं। सेंसर बोर्ड चीफ रहते हुए सभी को संस्कार का पाठ पढ़ाने वाले पहलाज फिल्म 'जूली 2' के डिस्ट्रिब्यूटर बन गए हैं। यह फिल्म काफी बोल्ड है, इसमें कई एडल्ट सींस भी हैं। यानी कि जब अपनी फिल्म की बारी आई, तो पहलाज का संस्कारी ज्ञान गायब हो गया। वैसे पहले भी उनकी फिल्मों के गानों में डबल मीनिंग शब्द इस्तेमाल किए गए हैं।
संस्‍कारी पहलाज निहलानी की फिल्‍मों के गाने इतने असंस्‍कारी क्‍यों हैं?
2. फिल्म 'अंदाज' :
साल 1994 में आई फिल्म अंदाज में मुख्य रोल में अनिल कपूर और करिश्मा कपूर थीं। इस फिल्म के निर्माता पहलाज निहलानी थे और उन्होंने फिल्म के अंदर कई डबल मीनिंग वाले गाने डलवाए। जिसमें कि एक 'खड़ा है, खड़ा है' था। जबकि दूसरा 'रोज करेंगे हम करेंगे...कू..कू..कू' हालांकि यह गाने फिल्म के सीन के हिसाब से फिल्माए गए हैं लेकिन इनके दूसरे मतलब भी निकलते हैं।
संस्‍कारी पहलाज निहलानी की फिल्‍मों के गाने इतने असंस्‍कारी क्‍यों हैं?
3. फिल्म 'आंखें' :
साल 1993 में रिलीज हुई फिल्म 'आंखे' बॉक्स ऑफिस पर जबर्दस्त हिट हुई थी। फिल्म में गोविंदा और चंकी पांडे मुख्य भूमिका में थे। इस फिल्म के निर्माता भी पहलाज ही थे। उन्होंने इस फिल्म में भी द्विअर्थी शब्दों वाले गाने चलवाए। जिसमें कि एक 'खेत गए बाबा, बाजार गई मां अकेली हूं घर में तू आजा बालमा' वहीं दूसरा गाना था 'लाल दुपट्टे वाली' जिसमें हीरोइन अपनी स्कर्ट हिलाकर गाती है कि 'हर किसी के लिए ये खिड़की नहीं खुलती'
संस्‍कारी पहलाज निहलानी की फिल्‍मों के गाने इतने असंस्‍कारी क्‍यों हैं?

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