लाइट, पानी का नहीं चलेगा बहाना, लगाने होंगे जनरेटर

स्कूलों को विभाग ने दिए सख्त निर्देश, न करें लापरवाही

Meerut। यूपी बोर्ड की परीक्षाओं को नकलविहीन बनाने के लिए शासन बेहद सख्त हैं। इसके मद्देनजर जहां इस बार सीसीटीवी की नजर में बोर्ड की परीक्षाएं आयोजित करवाई जाएगी वहीं परीक्षा में डिबार शिक्षकों की तैनाती पर भी रोक लगाने के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।

यह है निर्देश

जिन स्कूलों में लाइट नहीं हैं, वहां स्कूलों को जनरेटर की व्यवस्था करनी होगी। वहीं पानी और शौचालय की स्थिति भी दुरूस्त होनी चाहिए।

एग्जाम सेंटर्स वाले स्कूलों के खिड़की व दरवाजे भी दुरूस्त होने चाहिए।

परीक्षा में शामिल विद्यार्थियों समेत प्रश्न-पत्रों पर भी सीसीटीवी कैमरों की नजर होगी। प्रश्न-पत्रों के पैकेट भी सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में ही खोले जाएंगे।

एग्जाम सेंटर्स के मेन गेट से लेकर गैलरी तक सभी परीक्षा कक्षों में सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जाएगी। जबकि स्कूलों में इंटरनेट की व्यवस्था भी जरूरी है।

स्ट्रंाग रूम में रखेंगे प्रश्न-पत्र

जिन स्कूलों को एग्जाम सेंटर बनाया गया है, वहां प्रश्न-पत्र व अन्य सामग्री 15 दिन पहले ही भेज दी जाएगी। प्रश्न-पत्रों को स्कूल स्ट्रांग रूम में पूरी सावधानी से रखेंगे। रूम की जिस अलमारी में प्रश्न-पत्र रखे जाएंगे, उसकी चाबी सिर्फ केंद्र व्यवस्थापक के पास ही होगी। यहां भी सीसीटीवी कैमरा लगा होगा।

गलत प्रश्न-पत्र खुलने पर कार्रवाई

बोर्ड की ओर से एग्जाम सेंटर्स को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि अगर गलत प्रश्न-पत्र का पैकेट खुल तो संबंधित केंद्र व्यवस्थापक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उत्तर पुस्तिकाओं पर अनावश्यक मुहर भी नहीं लगी होनी चाहिए।

हमने सभी 109 सेंटर्स को निर्देश भेज दिए हैं। प्रश्न-पत्रों और उत्तर पुस्तिकाओं की सुरक्षा को लेकर सभी परीक्षा केंद्रों को विशेष रूप से दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। उन्हें स्पष्ट किया गया है कि किसी भी प्रकार की लापरवाही भारी पड़ेगी।

सरदार सिंह, कार्यवाहक डीआईओएस, मेरठ