- स्वच्छता सर्वेक्षण की सभी गाइडलाइंस को 31 दिसंबर तक किया जाना था पूरा

- टॉयलेट समेत कई बिंदुओं पर तैयारियां अधूरी, फिलहाल सुधर सकती है स्थिति

LUCKNOW: स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 की गुरुवार से शुरुआत हो चुकी है। अभी तक टॉयलेट समेत कई ऐसे बिंदु हैं, जिन पर निगम की ओर से पूरी तरह अमल नहीं किया जा सका है। जिससे सर्वेक्षण के दौरान निगम के अंक कटना तय है। हालांकि अभी भी निगम के अधिकारियों के पास खामियों को दूर करने के लिए 26 दिन (31 जनवरी) का समय शेष हैं। चूंकि फरवरी के पहले या दूसरे सप्ताह में केंद्र की टीम के शहर आने की संभावना है। अगर टीम के आने से पहले खामियां दूर कर ली गईं तो रैंकिंग में सुधार की उम्मीद की जा सकती है वरना स्वच्छता सर्वेक्षण 2017 की तरह ही खराब रैंकिंग (269) का ग्राफ सामने आ सकता है।

अभी हो सकता है सुधार

1-टॉयलेट

लक्ष्य मिला था-17 हजार

अभी तक बने-10 हजार करीब

डेडलाइन-पहले 30 नवंबर फिर 31 दिसंबर 2017

2- डोर टू डोर कचरा कलेक्शन

लक्ष्य-110 वार्डो से कचरा कलेक्ट करना

स्थिति-20 फीसदी वार्डो में व्यवस्था शुरू नहीं

डेडलाइन-31 दिसंबर

3-डस्टबीन

लक्ष्य - प्रमुख बाजारों, सार्वजिनक जगहों पर डस्टबीन लगवाना

स्थिति-50 फीसदी बाजारों, सार्वजनिक स्थानों में नहीं लगे डस्टबीन

डेडलाइन-31 दिसंबर

4-स्वच्छता एप

लक्ष्य-61 हजार

स्थिति-10 हजार एप डाउनलोड

डेडलाइन-31 दिसंबर

5-स्वच्छता कमेटी

लक्ष्य-प्रमुख स्कूलों में स्वच्छता कमेटी का गठन

स्थिति-एक भी स्कूल में कमेटी नहीं बनी

डेडलाइन-30 नवंबर

हर कोई जिम्मेदार

कहीं न कहीं एक बात साफ है कि भले ही निगम की ओर से कागजों में तो तैयारियां पूरी कर ली गई हैं लेकिन जब फील्ड में क्रियांवयन की बात आई तो स्थिति जस की तस हो गई। इस स्थिति के लिए निगम से जुड़े सभी अधिकारी जिम्मेदार हैं, चाहे वे योजनाओं के क्रियांवयन का मामला हो या मॉनीटरिंग का। आलम यह है जब सर्वेक्षण शुरू हो गया है तो खामियों को दूर करने के प्रयास शुरू किए जा रहे हैं।

बाक्स

सुधर सकती है स्थिति

खामियों में शामिल कई ऐसे भी बिंदु हैं, जिन्हें अगले 26 दिन के अंदर पूरा किया जा सकता है। ये बिंदु हैं स्वच्छता एप डाउनलोडिंग, डस्टबीन व्यवस्था और स्वच्छता कमेटी। जबकि निर्धारित लक्ष्य के अनुसार, टॉयलेट का निर्माण संभव नहीं है। इसी तरह डोर टू डोर कचरा कलेक्शन से हर घर को जोड़ा जाना भी असंभव दिख रहा है।

वर्जन

टॉयलेट से लेकर स्वच्छता एप डाउनलोडिंग के मामले में काफी सुधार आया है। हमारी ओर से प्रयास किए जा रहे हैं कि 31 जनवरी से पहले-पहले तैयारियां पूरी कर ली जाएं। हर किसी को जिम्मेदारी सौंप दी गई है।

पीके श्रीवास्तव, अपर नगर आयुक्त