- नेताजी के झंडा लहराने पर होगी कार्रवाई

- पहले से देनी होगी जुलूस के रास्ते की जानकारी

GORAKHPUR : जिले के सभी नौ विधान सभा क्षेत्रों के दो लाख क्0 वोटर्स का फ्यूचर कंप्यूटर में फंसा है। इलेक्शन कमीशन की ओर से चलाए गए अभियान में फॉर्म-म् भरने वाले नये वोटर्स की फीडिंग तो हो गई है, लेकिन इलेक्शन कमीशन के पोर्टल पर अभी इसको अपडेट नहीं किया जा सका है। जिला निर्वाचन से जुड़े से अफसरों का कहना है कि जल्द ही नये वोटर्स अपडेट हो जाएंगे। इससे जिले में टोटल वोटर्स की तादाद फ्फ् लाख 9भ् हजार हो जाएगी। उधर जिला निर्वाचन अधिकारी रवि कुमार एनजी ने नॉमिनेशन को लेकर गाइड लाइन जारी कर दी है। उन्होंने कहा कि सीसीटीवी कैमरों के साथ ही नामिनेशन प्रक्रिया की भी वीडियो रिकॉर्डिग कराई जाएगी।

झंडा लहराया तो होगी कार्रवाई

चुनावी आचार संहिता लागू होने के चलते व्हीकल पर बड़े झंडे लहराने पर कार्रवाई होगी। इस तरह की कई शिकायतें मिलने पर डीएम रवि कुमार एनजी ने ट्यूजडे को सभी पॉलिटिकल पार्टीज के प्रतिनिधियों की मीटिंग में सख्त हिदायत दी। उन्होंने कहा कि पार्टी के पदाधिकारी छोटा झंडा तो लगा सकते हैं, लेकिन किसी भी वाहन पर राजनैतिक पार्टी का बड़ा झंडा लहराता मिला तो मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।

जुलूस के रास्तों की देनी होगी जानकारी

नॉमिनेशन के जुलूस को लेकर जारी की गई गाइडलाइंस में साफ कहा गया है कि इससे ट्रैफिक ट्रैफिक चौपट नहीं होना चाहिए। नेता जिस रुट से अपना नॉमिनेशन करने जाएंगे। उस रुट की जानकारी ब्8 घंटे पहले एसपी ट्रैफिक को देनी होगी। ताकि रुट पर डायवर्जन करके गोरखपुराइट्स को जाम से बचाया जा सके। प्रचार के दौरान स्कूल, कॉलेज, सरकारी संस्थान, हॉस्पिटल इत्यादि जगहों पर लाउडस्पीकर नहीं बजाया जा सकेगा। नेताओं के काफिले में क्0 से अधिक व्हीकल नहीं होंगे। इस बात का ध्यान रखना होगा कि काफिले की क्0 गाडि़यों से अलग किसी भी वाहन के बीच कम से कम दो सौ मीटर का फासला रखना होगा। अगर दो सौ मीटर से कम दूरी पर वाहन पाया गया तो उसे नियम का उल्लंघन माना जाएगा।

नॉमिनेशन के बाद जुड़ने लगा खर्च

नॉमिनेशन फाइल करते ही कैंडिडेट्स के खर्च का मीटर चलने लगेगा। नॉमिनेशन फाइल करते वक्त जुलूस निकालने पर उसका खर्च भी कैंडिडेट के चुनावी खर्च में जोड़ा जाएगा। नॉमिनेशन के एक दिन पहले प्रत्याशी को अपना नया एकाउंट खोलना होगा। इलेक्शन के दौरान उसी एकाउंट से खर्च किया जाएगा जिसका ब्यौरा मांगने पर देना होगा। किसी भी मद में ख्0 हजार रुपए कैश खर्च किए जा सकेंगे। इससे ज्यादा खर्च करने के लिए चेक यूज करना होगा। क्7 को खर्च पर्यवेक्षक जिले में आ जाएंगे।

पांच दिन पहले मिल जाएगी वोटर पर्ची

यदि मतदान के पहले वोटर आईडी कार्ड नहीं मिलता है तो वोट डालने के लिए वोटर स्लिप पर्याप्त होगी। इलेक्शन के पांच दिन पहले जिला प्रशासन के कर्मचारी डोर टू डोर जाकर वोटर स्लिप बांटेंगे। इपिक नंबर मिलने पर भी वोट डाला जा सकेगा। यदि इपिक नंबर नहीं मिलता है या फिर वोटर स्लिप नहीं है तो अन्य क्क् विकल्पों का यूज से वोट डाल सकेंगे, लेकिन राशन कार्ड का प्रयोग नहीं किया सकेगा।

नेता, कार्यकर्ता के पास भ्0 हजार मिले तो खैर नहीं

नेता, कार्यकर्ता या समर्थक के पास यदि भ्0 हजार से ज्यादा रकम मिली तो कार्रवाई होगी। चुनाव में कोई पैसा न बांट सके, इस लिए यह निर्देश दिया गया है। उप जिला निर्वाचन अधिकारी गौरव वर्मा ने बताया कि भ्0 हजार तक की रकम लेकर चलने पर भी जांच-पड़ताल के दौरान संतोषजनक जवाब देना होगा। किसी तरह का संदेह होने पर रकम जब्त कर ली जाएगी।

इलेक्शन में मिलने वाली शिकायतों को देखते हुए सभी अधिकारियों, कर्मचारियों को एलर्ट कर दिया गया है। इलेक्शन कमीशन की गाइडलाइंस फॉलो कराने के लिए पॉलिटिकल पार्टीज के नेताओं, प्रतिनिधियों की मीटिंग बुलाकर उनको सभी तरह की जानकारी दे दी गई है।

रवि कुमार एनजी, डीएम, मुख्य जिला निर्वाचन अधिकारी