आई एक्सक्लूसिव

- गवर्नमेंट डिपार्टमेंट्स पर केस्को का 17 करोड़ बकाया

-इलेक्ट्रिसिटी बिल के रूप में पब्लिक पर बकाया है 1838 करोड़ रुपए

-बकाया धनराशि न मिलने से सुधर नहीं पा रहा केस्को का पावर सप्लाई सिस्टम

-बकाया मिल जाए तो स्टेट व सेंट्रल गवर्नमेंट के हाथ केस्को को फैलाना न पड़े हाथ

KANPUR: केस्को का पावर सप्लाई सिस्टम जर्जर होने की एक बड़ी वजह करोड़ों नहीं बल्कि अरबों रुपयों का बकाया है। इस बकाएदारी में गवर्नमेंट डिपार्टमेंट्स भी शामिल हैं, जिन पर केस्को का करोड़ों रुपया बकाया है। जिनसे केस्को बकाया वसूल नहीं पा रहा है। बकाया धनराशि वसूली के लिए शासन तक के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। इसी वजह से न तो दशकों पुराना पावर सप्लाई सिस्टम बदल पा रहा है और न ही नए डेवलपमेंट व‌र्क्स हो पा रहे हैं।

शासन से भी मदद मिलना हुई थी बंद

करीब 6 साल पहले सिटी का पावर सप्लाई सिस्टम प्राइवेट हाथों में दिए जाने के डिसीजन के साथ शासन से केस्को को फाइनेंस हेल्प मिलना बन्द हो गई थी। हर साल मिलने वाले बिजनेस प्लान के तहत धनराशि भी नहीं मिली। जिसकी वजह से केस्को न तो डेवलपमेंट व‌र्क्स करा सका और न ही पावर सप्लाई सिस्टम सुधार सका। दो साल पहले प्राइवेट कम्पनी के साथ एग्रीमेंट खत्म होने के डिसीजन के बाद फाइनेंस हेल्प मिलना जरूर चालू हुई, लेकिन केस्को के खस्ताहाल सिस्टम के सामने ये हेल्प सिर्फ ऑक्सीजन ही साबित हो रही है।

पब्लिक जूझ रही बिजली संकट से

इसी वजह से इलेक्ट्रिसिटी लाइन टूट रही है, पोल गिर रहे हैं, ट्रांसफॉर्मर जल रहे हैं। केबल फुंक रही है। यही नहीं सबस्टेशन तक में आग लग रही है। लोगों को जबरदस्त बिजली संकट से जूझना पड़ रहा है। बकाया वसूलने के लिए केस्को ड्राइव चला रहा है, कनेक्शन काट रहा है, लेकिन फिर भी बकाया वसूली में खास सफलता हाथ नहीं लग रही है। केस्को अफसरों के मुताबिक डोमेस्टिक सहित अन्य कन्ज्यूमर्स पर 1838 करोड़ रुपए बकाया है। केस्को के चीफ इंजीनियर योगेश हजेला ने बताया बकाया वसूली के विशेष अभियान के तौर पर डिसकनेक्शन डे चलाया जा रहा है। पावर सप्लाई सिस्टम सुधारने का प्रोजेक्ट आईपीडीपीएस पास हो चुका है। इसके लिए टेंडर भी हो चुका है। जल्द ही काम शुरू किया जाएगा।

डिपार्टमेंट- बकाया धनराशि (लाख में)

वन - 26.55

सिंचाई- 96.80

कानून एवं न्याय- 111.17

समाज कल्याण- 13.11

स्पो‌र्ट्स-2.65

पीडब्ल्यूडी-51.21

एग्रीकल्चर-26.40

आवास विकास-29.16

फाइनेंस एडमिनिस्ट्रेशन-69.17

अरबन डेवलपमेंट-113.95

इंडस्ट्रीज -9.67

गृह-1089.07

चिकित्सा- 72.40

प्राथमिक शिक्षा-61.64

टोटल- 1780.54 लाख