-उदय प्रताप महाविद्यालय ने नहीं कराया रिनुअल

-विद्यापीठ एडमिनिस्ट्रेशन ने कॉलेज से मांगे स्वायत्तता के रिनुअल के डाक्यूमेंट्स, डिग्री पर लगी रोक

VARANASI

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से एफिलिएटेड यूपी कॉलेज के हजारों स्टूडेंट्स की डिग्री फंस गयी है। यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने ऑटोनामस से रिलेटेड डॉक्यूमेंट प्रस्तुत न करने पर डिग्री देने से मना कर दिया है। साथ ही यूनिवर्सिटी ने कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन से स्वायत्तता के नवीनीकरण का डाक्यूमेंट मांगा है, ताकि छात्रों की डिग्री जारी की जा सके। फिलहाल कॉलेज के स्टूडेंट्स को डिग्री डिस्ट्रिब्यूट नहीं की जा रही है। उधर डिग्री के लिए वह कॉलेज व यूनिवर्सिटी का चक्कर काट रहे हैं।

सन् क्99क् में हुआ ऑटोनामस

उदय प्रताप महाविद्यालय को सन् क्99क् में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से पांच साल के लिए स्वायत्तता मिली। इसके तहत कॉलेज को अपने स्टूडेंट्स का एग्जाम कराने व रिजल्ट जारी करने का भी अधिकार मिल गया। नियमानुसार कॉलेज प्रशासन को स्वायत्तता बनाए रखने के लिए प्रत्येक पांच साल पर नवीनीकरण कराना होता है। वहीं सन् ख्0क्फ् से कॉलेज की स्वायत्तता समाप्त चल रही है। इसके बावजूद कॉलेज प्रशासन नवीनीकरण नहीं करा सका। हालांकि छात्रों को मार्कशीट अब भी उदय प्रताप स्वायत्तशासी महाविद्यालय के नाम से जारी की जा रही है। ऑटोनामस होने पर ऑब्जेक्शन करते हुए काशी विद्यापीठ ने कॉलेज के स्टूडेंट्स की डिग्री रोक दी है।

अब स्वायत्तशासी लिखना गलत

डिप्टी रजिस्ट्रार शमीम अहमद खान ने बताया कि नियमानुसार स्वायत्तता समाप्त होने के बाद मार्कशीट या डिग्री पर स्वायत्तशासी कॉलेज लिखना यूजीसी के नियमों के खिलाफ है। स्वायत्तता नवीनीकरण के संबंध में कॉलेज प्रशासन से डाक्यूमेंट मांगे गए हैं, ताकि छात्रहित में डिग्री जारी की जा सके।

नवीनीकरण के प्रॉसेस में होने का दावा

प्रिंसिपल डॉ। एसएन सिंह का कहना है कि कॉलेज के स्वायत्तता के नवीनीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस क्रम में यूनिवर्सिटी से अनुमोदन कराकर प्रस्ताव यूजीसी को भी भेजा चुका है। ऐसे में यूनिवर्सिटी को डिग्री जारी करने में कोई ऑब्जेक्शन नहीं होना चाहिए। इस संबंध में यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन से जल्द ही बात भी की जाएगी।