दो बार पहले हो चुका है परिसीमन और रैपिड एक्शन सर्वे, तीसरी बार फिर अपनाई जा रही वही प्रक्रिया

आरक्षण को लेकर खेल के लग रहे आरोप, दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की डिबेट में पार्षदों ने लगाए कई आरोप

ALLAHABAD: हाईकोर्ट ने नवंबर तक हर हाल में निकाय चुनाव संपन्न कराने का आदेश दिया है। इसके लिए नियम-कानून ताक पर रखकर मनमाने तौर पर परिसीमन, रैपिड सर्वे और वार्डो का आरक्षण करने की प्रक्रिया चल रही है। राजनीतिक प्रभाव में वार्डो का नाम गायब किया जा रहा है। पूरी चौहद्दी को बदला जा रहा है। ऐसा क्यों हो रहा है? कोई जवाब देने वाला नहीं है। नगर निकाय चुनाव को लेकर चल रही तैयारी और रैपिड सर्वे के दौरान क्या-क्या दिक्कत आ रही है यह जानने के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने निवर्तमान पार्षदों के बीच डिबेट का आयोजन किया। इस दौरान पार्षदों ने खुल कर अपनी बात रखी।

परिसीमन में नियम कानून का खुला उल्लंघन किया गया है। दो बार लोगों से आपत्ति मांगी गई और निस्तारण की बजाय निरस्त कर दिया गया। तीसरी बार ली गई आपत्ति का क्या हुआ, अब तक पता नहीं।

शिवसेवक सिंह

आपत्तियों का निस्तारण बंद कमरे में किया गया। जबकि जिलाधिकारी द्वारा गठित कमेटी को आपत्तिकर्ता को यह बताना चाहिए कि क्या सही है और क्या गलत। इसके बिना परिसीमन विरूद्ध होगा।

अतहर रजा लाडले

परिसीमन हो या रैपिड सर्वे इन सब का आधार वोटर है। जब वोटर लिस्ट ही गड़बड़ है तो निकाय चुनाव निष्पक्ष कैसे होगा। सिविल लाइंस एरिया में तीन वार्ड हैं। देढ़ से दो हजार वोटर ऐसे हैं, जिनका नाम तीनों वार्ड में है।

अशोक सिंह

दो बार परिसीमन हुआ और दो बार रैपिड सर्वे हुआ। दोनों बार परिसीमन और रैपिड सर्वे खारिज किया गया। परिसीमन में पूड़ा पड़ाईन वार्ड बनाया गया। लेकिन पूड़ा पड़ाईन मोहल्ले को अल्लापुर में शामिल कर दिया गया।

राजू निषाद

किस नियम के आधार पर वार्डो का परिसीमन किया गया, कुछ समझ में नहीं आ रहा। ढाई किलोमीटर दूर के एरिया को प्रीतमनगर में जोड़ दिया गया है। रैपिड सर्वे शुरू है, लेकिन अभी तक कोई नहीं पहुंचा है।

आनंद सिंह, प्रीतमनगर

परिसीमन में जबर्दस्त खेल हुआ है। कैंटोनमेंट एरिया के इलाके को सिविल लाइंस वार्ड 17 में जोड़ दिया गया है। वहां दो पार्षद पहले से हैं। वार्ड 17 के कई ब्लॉक वार्ड 10 में जोड़े गये हैं।

अमित सिंह, सिविल लाइंस

परिसीमन में वार्ड बदलने के साथ वोटर लिस्ट में भी गड़बड़ी की गई है। वार्ड 58 दरियाबाद में कल्याणी देवी एरिया के लोगों का नाम था। उनका एरिया बदल कर दूसरे वार्ड में शामिल कर दिया गया है।

नीरज टंडन

वार्डो का नामकरण गलत है। मुट्ठीगंज, दरियाबाद जैसे मोहल्लों के नाम पर एक और दो करके वार्ड बनाए गए हैं। जबकि नियमत: दूसरे वार्ड का नाम ही बदल देना चाहिए। एक और दो करके वार्ड नहीं बना सकते।

अरविंद तोमर

सलोरी-सादियाबाद-चांदपुर-ईश्वर शरण में दो वार्ड की आबादी कम थी, इसे खत्म कर दो वार्ड में समायोजित किया गया। कटघर की आबादी 12 हजार होने के बावजूद खत्म कर मुट्ठीगंज में समायोजित किया गया।

रामचंद्र यादव, पूर्व पार्षद

निवर्तमान पार्षदों के सवाल व आरोप

रैपिड सर्वे बार-बार क्यों?

पिछले रैपिड सर्वे निरस्त क्यों?

परिसीमन हुआ, लेकिन अभी तक जानकारी नहीं कि वार्ड की चौहद्दी कहां तक?

परिसीमन का नक्शा नगर आयुक्त कार्यालय के बाहर लगना चाहिए, अब तक क्यों नहीं लगा?

एससी की आबादी 2011 के अनुसार, ओबीसी की 2017 के अनुसार क्यों?

नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी कर रहे सेटिंग

वोटरों के पूरे के पूरे ब्लाक इधर-उधर किए जा रहे