ऐसी है जानकारी
इस पूरे मामले में न्यायमूर्ति मनमोहन की खंडपीठ ने अपने फैसले में ये कहा है कि सभी तथ्यों से स्पष्ट हो जाता है कि फिल्म शोले के राइट सिप्पी ब्रदर्स व शोले मीडिया एंड इंटरटेनमेंट के पास है। इस बात की जानकारी राम गोपाल वर्मा व उनकी आरजीवी प्रोडक्शन कंपनी को बाकायदा थी। इसके बावजूद उन्होंने जानबूझकर बदनीयती से शोले फिल्म का रीमेक बना दिया। बताते चलें कि कोर्ट की ओर से ये फैसला साशा सिप्पी (पुरानी फिल्म 'शोले' के प्रोड्यूसर विजय सिप्पी और जीपी सिप्पी के बेटे व पोते) की ओर से फिल्म के कॉपीराइट को लेकर दायर याचिका पर लिया गया।
हर एक चीज है पुरानी 'शोले' वाली
इसके आगे अदालत ने ये भी कहा कि रीमेक में सभी किरदार पुरानी हिट फिल्म शोले के ही रखे गए। पुरानी हिट फिल्म से रामगोपाल वर्मा की नई फिल्म कुछ अलग भी नहीं थी। ऐसे में यह मामला साफ तौर पर कॉपीराइट एक्ट का बनता है। प्रस्तुत किए गए मामले में याची ने अदालत को इस बात की जानकारी दी है कि उनकी फिल्म शोले 15 अगस्त, 1975 को रिलीज हुई थी।
ये तक हुआ है कॉपी
30 नवंबर, 1999 को जीपी सिप्पी ने एक प्रेसवार्ता के दौरान शोले का रीमेक बनाने की घोषणा की। इसी बीच राम गोपाल वर्मा ने इस कॉपीराइट एक्ट का उल्लंघन करते हुए 'राम गोपाल वर्मा की शोले' बना दी। फिल्म में किरदारों से लेकर बहुत कुछ डायलॉग तक वही रखे गए। इतना ही नहीं पुरानी वाली फिल्म 'शोले' में किए गए हेलेन के डांस को भी नई 'शोले' में उर्मिला पर ज्यों का त्यों फिल्माया गया है।
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