जींद:
राजधानी से दिल्ली से करीब 150 किलोमीटर दूर हरियाणा के जींद में यह ऑड-ईवन का सिस्टम चल रहा है। जींद में ऑटो रिक्शा की संख्या लगातार बढ़ने की वजह से शहर की यातायात व्यवस्था चरमरा गई। जिससे यहां पर जिला प्रशासन ने ऑटो रिक्शा पर 1 दिसंबर से ही लागू कर दिया है। 15 दिन के सफल परीक्षण के बाद इसे परमानेंट कर दिया गया।
मेक्सिको:
ऑड-ईवन नंबर का प्रयोग करने सबसे पहले मेक्सिको शहर ने किया था। यहां पर 80 के दशक में ही यह लागू हो गया था। फर्क इतना था कि यहां पर बस सम-विषम की जगह एक एक नंबर का दिन फिक्स हो गया था। यहां भी प्रदूषण को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया था।
बीजिंग:
बीजिंग में 2008 के ऑलम्पिक्स से पहले ऑड-ईवन नंबर फॉर्मूला लागू किया गया था। इसको लोगों ने काफी अच्छे से फॉलो भी किया। बीजिंग में 20 से 40 प्रतिशत तक प्रदूषण में कमी आई। धीरे धीरे आज यह वहां पर स्थायी रूप से ट्रैफिक नियमों का हिस्सा बन गया।
पेरिस:
2014 में पेरिस में भी यह नियम लागू किया गया। यहां पर भी प्रदूषण काफी तेजी से बढ़ रहा था। जिससे सरकार की तरफ से लोगों को सार्वजनिक वाहनों की मुफ्त सेवा भी दी गई। यहां पर यह नियम तोड़ने पर 4000 जुर्माने की रसीदें काटी जाती हैं।
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