RANCHI : सिटी के सर्वेश्वरी नगर के रहने वाले अजय कुमार सिंह से फेसबुक पर फ्रेंडशिप कर उनके अकाउंट से 84 लाख रुपए की ठगी करनेवाले मॉर्गन मॉरिश को दिल्ली पुलिस ने छोड़ दिया है। वह एकबार फिर फर्जी आईडी बनाकर अजय कुमार सिंह के अकाउंट से 50 हजार रुपए की अवैध निकासी के फिराक में था। इस बाबत अजय ने होम मिनिस्ट्री से दिल्ली के चाणक्यपुरी थाना पुलिस को फोन कराया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस मॉर्गन मॉरिस को पकड़ लिया था। पूछताछ में उसके बिना आईडेंटिटी प्रूफ के दिल्ली में रहने की बात सामने आई थी। इसके अलावा उसने अपने को यूके का रहनेवाला बताया था, लेकिन छानबीन में वह नाइजीरिया का निकला। लेकिन, इस मामले में रांची पुलिस की निष्क्रियता की वजह से दिल्ली स्थित चाणक्यपुरी थाना से उसे छोड़ दिया गया।

चेन्नई से एक की गिरफ्तारी

इसी बीच सीआईडी को सूचना मिली कि एक व्यक्ति चेन्नई स्थित एक्सिस बैंक से रुपए की अवैध निकासी की फिराक में है। इसके बाद अजय कुमार सिंह फ्लाइट से सीआईडी टीम के साथ चेन्नई पहुंचे और रुपए निकासी के आरोप में एस तमीम अंसारी को गिरफ्तार कर लिया। सीआईडी टीम उसे गिरफ्तार कर रांची ले आई है। यहां राजा-रानी कोठी स्थित सीआईडी ऑफिस में पूछताछ की जा रही है।

22 जून से चल रहा था खेल

अजय कुमार सिंह ने बताया कि मॉरिस ने फेसबुक पर पहले अशोक मोदी नाम के एक बिजनेसमैन से दोस्ती की। दोनों के बीच चैटिंग शुरु हो गई। इसी दौरान दोनों ने अपने-अपने बिजनेस के बारे में एक-दूसरे को बताया। इसके बाद अशोक मोदी समेत तीन लोगों ने मुझसे कहा कि वे रांची में अपना प्रोडक्ट बेचना चाहते हैं। इसके लिए एक ऑफिस खोलने की जरूरत है। उन्होंने बिजनेस करने के लिए समझौता कर लिया। इसके बाद अकाउंट में साझेदारी के नाम पर रुपए लेने शुरु कर दिए। इस तरह अशोक मोदी और उसके पार्टनर्स ने बिजनेस करने के नाम पर तीन महीने में ही 84 लाख रुपए ठग लिए। इसके बाद अशोक मोदी ने अपना फेसबुक अकाउंट बंद कर दिया।

फिर बनाया फर्जी एफबी अकाउंट

अजय कुमार सिंह के साथ धोखाधड़ी करने के बाद इस गैंग के मेंबर्स ने फिर से फेसबुक अकाउंट बनाया। इसकी जानकारी अजय कुमार सिंह को मिल गई। अजय भी फर्जी बिजनेसमैन बनकर मॉर्गन मॉरिस से संपर्क साधा। इसके बाद उसे दिल्ली बुलाया गया। यहां उसे ट्रैप कर दिल्ली पुलिस के हाथों पकड़वा दिया।

84 लाख के लिए सात लाख खर्च

भुक्तभोगी अजय कुमार सिंह ने सोमवार को सुखदेवनगर थाना में बताया कि 84 लाख की ठगी का शिकार होने के बाद आरोपियों को पकड़ने के लिए उसने सात लाख रुपए अतिरिक्त खर्च किए। इधर, पुलिस ने उनके अकाउंट को सीज कर लिया है, ताकि विदेश में उसके रुपए ट्रांसफर नहीं किए जा सके।