KANPUR: दिल्ली में स्मॉग से जिस तरह मेडिकल इमरजेंसी जैसे हालात हैं। वैसे हालात कानपुर में भी बन सकते हैं, क्योंकि दिल्ली का खतरनाक स्मॉग कानपुर पहुंच गया है। बुधवार को शहर में स्मॉग का असर साफ दिखाई पड़ा सुबह से ही आबोहवा में धुंध छाई रही जोकि शाम होते-होते और बढ़ गई। इससे विजिबिलिटी भी काफी कम रही। सिटी में पॉल्यूशन की बात करें तो पीएम-ख्.भ् का स्तर मानक से क्0 गुना तक ज्यादा था। खतरनाक गैसों का स्तर भी मानक से कहीं ज्यादा था। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक सिटी में छाई यह धुंध अभी कई दिनों तक बनी रहेगी। हवाएं न चलने की वजह से स्थिति और खराब हो सकती है.

 

.और खराब हाेंगे हालात

सीएसए के मौसम विज्ञानी डॉ। अनिरूद्ध दुबे के मुताबिक धुंध अभी अपर लेयर पर है, लेकिन नमी का स्तर सुबह 9ब् परसेंट तो दोपहर में भी ब्7 परसेंट तक है। इससे धुंध और बढ़ रही है। हवा की औसत रफ्तार एक किमी भी नहीं है। ऐसे में धुंध अभी और बढ़ेगी। शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में इसका खासा असर दिखाई देगा। उन्होंने कहा कि हवा की रफ्तार अगर दक्षिण की तरफ चलती है तो स्मॉग का असर और बढ़ेगा।

 

मॉनिंग वॉक से बिगड़ेगी सेहत

आमतौर पर मार्निग वॉक सेहत और खुले वातावरण में एक्सरसाइज करना स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद माना जाता है, लेकिन स्मॉग के असर से मार्निग वॉक सेहत भी बिगाड़ देगी। चेस्ट फिजीशियन आनंद कुमार के मुताबिक सुबह के समय आबोहवा के खराब होने का असर मार्निग वॉक के दौरान पड़ सकता है। चेस्ट इंफेक्शन से लेकर अस्थमा और लंग्स में प्रॉब्लम और हार्टअटैक का भी खतरा है। ऐसे में सुबह मार्निग वॉक और एक्सरसाइज से परहेज करना चाहिए। वहीं आईएमए के प्रेसीडेंट डॉ। प्रवीन कटियार ने बताया कि दिल्ली जैसे हालात कानपुर में अभी नहीं हैं, लेकिन फिर भी प्रदूषण काफी ज्यादा है। आईएमए की तरफ से सिर्फ आम लोगों को सेहत के प्रति सतर्क रहने की सलाह है। बच्चों का खास तौर पर ध्यान रखें। उन्हें मॉस्क भी पहनाएं। बीमार होने पर उन्हें स्कूल जाने से रोके।

 

स्मॉग का शरीर पर ये असर-

- सांस लेने में दिक्कत, आंखों में एलर्जी, नाक कान व गले में इंफेक्शन, खांसी, ब्रोन्काइटिस का खतरा, ब्लड प्रेशर व ब्रेन स्ट्रोक का खतरा, हार्ट अटैक का खतरा

 

 

ऐसे करें बचाव-

- सुबह मुंह पर कपड़ा बांध कर या मॉस्क लगा कर निकले

- हार्ट पेशेंट्स मार्निग वॉक से बचे, बच्चों को अच्छी गुणवत्ता वाला मॉस्क दें

- घर के अंदर की हवा भी स्वच्छ हो यह भी निश्चित नहीं है ऐसे में एयर प्यूरीफायर भी एक विकल्प है

- दमा के रोगी अपना इनहेलर हमेशा साथ रखे और दवा खाने में लापरवाही न बरतें

 

 

दोपहर बाद बदले हालात

शहर में स्मॉग का असर दोपहर क्ख् बजे के बाद एक दम से बढ़ा। पीएम ख्.भ् का जो क्ख् बजे ख्70 मिली ग्राम प्रति घन मीटर था। वही डेढ़ बजे यह खतरनाक तरीके से बढ़ कर भ्भ्भ् मिली ग्राम प्रति घन मीटर हो गया। जोकि मानक से क्0 गुना ज्यादा था। जैसे जैसे धुंध बढ़ी वैसे वैसे पीएम ख्.भ् से हालात और बदतर हो गए।

 

 

ऐसे बढ़ा प्रदूषण-

समय- पीएम ख्.भ्- सीओ

दोपहर क्ख्.ख्भ् बजे- ख्70- ब्.07

क्.ख्भ् बजे- भ्भ्भ्- क्ख्.म्8

ख्.ख्भ् बजे- ब्ख्8- 8.90

फ्.ख्भ् बजे- ब्8फ्- 7.म्ख्

 

(पीएम ख्.भ् का मानक स्तर म्0 मिलीग्राम प्रति घनमीटर है। वहीं कार्बन मोनो ऑक्साइड का मानक स्तर ब् मिलीग्राम प्रति घन मीटर है.)

 

नोट -सभी आकंड़े सीपीसीबी के नेहरू नगर केंद्र के