फैसला सुरक्षित रखा

दिल्ली की तीस हजारी फास्ट ट्रैक कोर्ट ने बीते साल हुए उबर कैब रेप मामले में आज सजा सुनाया है। जिसमें इस मामले में आरोपी ड्राइवर शिव कुमार यादव दोषी पाया गया है। हालांकि अभी कोर्ट ने इसकी सजा का ऐलान नहीं किया है। ऐसे में अब इस ड्राइवर को कितनी सजा मिलती है इस बात का ऐलान 23 अक्टूबर को किया जाएगा। बतातें चलें कि यह फैसला बीते 7 अक्टूबर को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कावेरी बवेजा की अदालत में हुई सुनवाई के आधार पर हुआ है। इस दौरान दोनों पक्षों से अंतिम दलीलें सुनने के बाद उनका फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। गौरतलब है कि बीते साल दिल्ली में ड्राइवर शिवकुमार ने रेप की घटना को अंजाम दिया था। 25 साल की पीडि़ता ने 5 दिसंबर को ऐप के जरिए उबर कंपनी की एक कैब बुक कराई थी। जिससे ड्राइवर शिवकुमार उसकी बताई हुई जगह पर कैब लेकर पहुंच गया। पीड़ित युवती उसी कैब से ही वसंत विहार से नॉर्थ दिल्ली के इंद्रलोक इलाके में स्थित अपने घर आ रही थी।

मथुरा से गिरफ्तार

इसी दौरान उसके साथ हादसा और पूरे देश में उबर कैब की सर्विस पर सवाल उठने लगे। 6 दिसंबर को एफआईआर दर्ज हो गई और पुलिस काफी सक्रिय हो गई। दूसरे ही दिन पुलिस ने आरोपी शिवकुमार यादव को मथुरा से गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद ही जनवरी में आरोपी पर रेप, किडनैपिंग, जान से मारने की कोशिश समेत कई धाराओं में आरोप तय हुए। इस दौरान शिवकुमार के वकील भी लगातार उसे बचाने की कोशिश्ा करते रहे। उन्होंने इस मामले की दोबारा सुनवाई की के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दे दी थी। जिस पर हाईकोर्ट ने मार्च 2015 को 14 गवाहों के बयान दर्ज करने इजाजत दी। ऐसे में पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। इसके बाद कोर्ट ने इस मामले पर रुख थोड़ा सख्त किया और दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया। कोर्ट ने एक बार फिर निचली अदालत में सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया।

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