एक्सक्लुसिव न्यूज

- खंभे लगाकर पेंट कराना ही भूल जाते हैं विभाग, जंग लगने से जानलेवा हो रहे खंभे

- बिजली, बीडीए, नगर निगम के जिम्मेदारों की लापरवाही, भुगतने को मजबूर शहरवासी

AREILLY:

बिजली के पोल हों या स्ट्रीट लाइट के पोल, मेनटेनेंस के प्रति जिम्मेदारों का रवैया लापरवाही भरा है। खंभों की नियमित सफाई और पेंट कराना तो दूर जिम्मेदार खंभों के आसपास चूने का छिड़काव तक कराने की जहमत नहीं उठाते हैं। जबकि खंभों को लगाने के साथ ही इसके मेनटेनेंस की गाइड लाइन जारी कर दी जाती है। बिजली विभाग, नगर निगम, आवास विकास हो या बरेली विकास प्राधिकरण कोई भी ठेके पर खंभे लगवाने के बाद इसकी मॉनीटरिंग नहीं करवाता। जिसकी वजह से सालों साल तक की मजबूती वाले खंभे देखरेख के अभाव में जंग लगने से कमजोर और गलकर जानलेवा हो रहे हैं।

5 वर्ष है मेनटेनेंस की शर्त

विभागों द्वारा लाखों रुपयों के खंभे लगाने के ठेके में 5 वर्ष तक मेनटेनेंस की शर्त निहित होती है। लेकिन अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से खंभे लगाने में मानकों को दरकिनार कर दिया जाता है तो मेनटेनेंस दूर की कौड़ी है। सूत्रों के मुताबिक वर्षो तक खंभों की मजबूती बरकरार रखने के लिए लोहे के खंभों को प्रत्येक वर्ष पेंट कराना अनिवार्य है। करीब 5 वर्षों तक संबंधित ठेकेदार को ही पेंट कराने का जिम्मा होता है। इसके बाद सार्वजनिक तौर पर ठेका निकालकर सभी खंभों को दो वर्ष में एक बार पेंट कराना अनिवार्य है। ताकि लोहे के खंभों की क्षमता पर कोई असर न हो सके।

क्यों जरूरी हैं लोहे के पोल

शहर में लगे पीसीसी के पोल्स को हटाकर उनके स्थान पर लोहे के पोल्स लगाए जा चुके हैं। जो कम जगह में, कम गहराई में, मजबूत बेस के साथ टिके रहते हैं। जो एक्सीडेंट में मुड़ सकते हैं लेकिन गिरेंगे नहीं, हल्के होने से गलियों और मोहल्लों में ले जाना सुगम होता है। लेकिन इनमें जंग लगने की पूरी संभावना होती है। पहली बार सिल्वर पेंट से पुते खंभों को लगाने के बाद दोबारा इन्हें पेंट नहीं किया जाता है। शहर के सभी खंभे नियमित मेनटेनेंस न होने से जंग लगका ऊपर से नीचे तक सफेद से काले पड़ चुके हैं, लेकिन जिम्मेदार इससे बेपरवाह बने हुए हैं। पोल से सटकर चूने का छिड़काव कराना होता है ताकि आसपास फंगस या बैक्टीरिया न पनप सके।

पोल लगाने के टेंडर में 5 वर्ष तक मेनटेनेंस की जिम्मेदारी ठेकेदार की होती है। फिर विभाग पेंट कराने का टेंडर निकालकर उन्हें पेंट कराता है। नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।

जितेंद्र उपाध्याय, प्रकाश अधीक्षक, नगर निगम