उन पर लाठियां बरपा रहा था

इधर वे अपनी डिमांड पर अड़ी थी और उधर उनकी बातों को सुनने के बजाय पुलिस प्रशासन उन पर लाठियां बरपा रहा था। सुबह 11 बजे ही कॉलेज गेट से विरोध मार्च विधानसभा के लिए निकला। अपनी मांगों के साथ ये आगे बढ़ती जा रही थीं। डाकबंगला पर पहले से ही भारी संख्या में महिला पुलिस को रखा गया था। डाकबंगला से स्टूडेंट्स बेली रोड की ओर जाना चाह रही थीं, पर पुलिस ने वहीं रोक दिया। इसके बाद स्टूडेंट्स स्टेशन रोड होते हुए आर ब्लॉक पहुंची।

पुलिस ने दांत तोड़ दिए

स्टूडेंट्स जब आर ब्लॉक पर पहुंची तो गेट खुला हुआ था। पुलिस ने पीयू स्टूडेंट्स यूनियन के प्रेसिडेंट आशीष सिन्हा और टे्रजरर अभिषेक गुप्ता को दूसरी ओर ले जाकर खूब पिटाई की। आशीष सिन्हा के दांत व कान में चोट आई है। उनके आगे का दांत टूट गया है। वहीं, अभिषेक गुप्ता को भी काफी चोटें आई हैं। मारने के बाद इन दोनों को सचिवालय थाना ले जाया गया। हंगामा के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। आर ब्लॉक पर स्टूडेंट्स 12 से 3 बजे तक डटे रहे। कोई सड़क पर बैठी रही, तो कोई लगातार नारेबाजी करती रही। गन्ने का जूस पीकर स्टूडेंट्स ने अपना टाइम गुजारा। 3 बजे प्रशासन के कहने पर 10 स्टूडेंट्स को बुलाया गया।
 

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कॉलेज हमेशा ही जूझते रहा है प्रॉब्लम

मगध महिला कॉलेज के पास हमेशा से ही स्पेस की कमी रही है। नतीजतन, नैक एक्रीडेशन मिलने में भी कॉलेज को प्रॉब्लम का सामना करना पड़ा। कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ। डॉली सिन्हा ने बताया कि जब 2011 में नैक की टीम कॉलेज का विजिट की थी, उस समय हमने स्पेस प्रॉब्लम की बात टीम से की थी, जिस कारण हमें नैक एक्रीडेशन नहीं मिला.

 
बस आश्वासन ही मिलता रहा

कॉलेज के हर एनुअल डे फंक्शन पर सिटी एसपी आवास और सिविल सर्जन आवास देने का आश्वासन मिलता रहा है। प्रिंसिपल की ओर से हमेशा डिमांड की जाती रही है, पर कभी भी प्रोवाइड नहीं करवाया गया.

 
40 से 4000 तक हो गए स्टूडेंटस

कॉलेज के पास अभी दो बिल्ंिडग है। दूसरी बिल्डिंग 1972 में बनी थी। इसके बाद कॉलेज में आज तक कोई कंस्ट्रक्शन नहीं हो पाया है। हर साल स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ती जा रही है, पर स्पेस जस का तस है। इस कारण ना तो लैब है और ना ही कोई टे्रनिंग सेंटर। हर प्रोग्राम और सेमिनार, टे्रनिंग आदि के लिए एक ही स्टेज हॉल पर डिपेंड रहना पड़ता है.

 
कॉलेज की प्रॉब्लम्स

- कॉलेज में स्टूडेंट्स की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है, पर क्लासरूम पिछले 10 सालों में नहीं बढ़ा।

- क्लासरूम की कमी के कारण ग्रेजुएशन और वोकेशन कोर्स के क्लास की टाइमिंग अलग-अलग रखी गई है।

- ग्रेजुएशन के ऑनर्स पेपर की पढ़ाई सुबह और सबसिडियरी की पढ़ाई 2 बजे के बाद होती है। इस बीच, 12 से 2 बजे के बीच वोकेशनल कोर्स की पढ़ाई होती है, जिससे ऑनर्स के स्टूडेंट्स को दिनभर कॉलेज में रहना पड़ता है।

- कॉलेज के पास अपना स्पोट्र्स ग्राउंड नहीं है, जिससे स्पोट्र्स में चाहते हुए भी स्टूडेंट्स बहुत आगे नहीं बढ़ पा रही हैं।

- स्टूडेंट्स अपना टाइम या तो कॉलेज के गेट के बाहर एक्सपेंड करती हैं या फिर बास्केटबॉल ग्राउंड में। यहां एक प्रॉपर ग्राउंड तक नहीं है।

- पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है। टीचर्स की गाड़ी हो या स्टूडेंट्स की स्कूटी जहां तहां रखी रहती हैं।

- लैब और लाइब्रेरी छोटी होने के कारण उसे ई-लाइब्रेरी में डेवलप नहीं किया जा सका है।

- बड़े स्टेज हॉल की कमी है, जिससे प्लेसमेंट के लिए आने वाली कंपनीज को स्टेज हॉल खाली होने के अनुसार डेट दी जाती है.

 

एमएमसी बढ़ा रहा पीयू का मान

- मगध महिला कॉलेज पीयू का दूसरा बड़ा कॉलेज है, जहां सबसे अधिक गल्र्स पढ़ती हैं।

- नैक के 'एÓ एक्रीडेशन वाला यह पीयू का दूसरा कॉलेज है।

- यहां पर कैम्पस सेलेक्शन के लिए काउंसिलिंग सेंटर है। इस साल अभी तक 40 स्टूडेंट्स का कैम्पस सेलेक्शन हो चुका है।

- यहां पर हर्बल केमेस्ट्री की पढ़ाई नहीं होती है। इसकी पढ़ाई बिहार के किसी भी कॉलेज में नहीं होती है.

 
14 दिसंबर को होगा फैसला

मगध महिला कॉलेज के रास्ते और गेट को लेकर चल रहे विवाद का अंत 14 दिसंबर को हो सकता है। 14 दिसंबर को एजूकेशन डिपार्टमेंट के प्रधान सचिव अमरजीत सिन्हा और बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी चंचल कुमार के साथ होने वाले एक मीटिंग में इस पर फैसला लिया जाएगा। सोमवार को स्टूडेंटस के सड़क पर उतर आने के बाद विभाग की ओर से यह डेट दी गई। इस संबंध में मगध महिला कॉलेज की कैबिनेट की जेनरल सेक्रेटरी नीलिमा ने बताया कि 14 दिसंबर को एजूकेशन डिपार्टमेंट में मीटिंग होगी, जिसमें पीयू के वीसी डॉ। अरुण कुमार, कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ। डॉली सिन्हा के साथ पीयू स्टूडेंटस यूनियन के मेंबर्स और कॉलेज की कैबिनेट की टीम रहेगी.

 
एजूकेशन डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी व बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी से मिलने गए डेलिगेट्स

- नीलिमा

- अनुपमा कुमारी

- मेहर फातिमा

- अंकिता

- कृति सिंह

- वर्षा सिंह

- आशीष सिन्हा, प्रेसिडेंट, पीयू स्टूडेंट्स यूनियन

- अनुप्रिया, सेक्रेटरी, पीयू स्टूडेंट्स यूनियन

- अंशुमान, पीयू स्टूडेंट्स यूनियन

- अभिषेक गुप्ता, ट्रेजरर, पीयू स्टूडेंट्स यूनियन

 
कॉलेज आने के बाद आज हमलोग मार्च में शामिल हुए। आज कॉलेज में पढ़ाई नहीं हुई है। कॉलेज का गेट और रास्ता बंद हो जाने से हमें काफी प्रॉब्लम होगी।

विद्या, स्टूडेंट

 
पुलिस लाइन की ओर गेट होने से हम बिलकुल ही सुरक्षित नहीं रहेंगे। इस पर गवर्नमेंट को सोचना चाहिए। हमारा जो रास्ता है, वही रहने दें।

अद्वेता, स्टूडेंट

 
हम कई घंटे से यहां पर खड़े हैं। प्यास लग रही है। गन्ने का जूस पी रही हूं। हम कॉलेज में पढऩे आते हैं, पर सरकार के कारण ये सब भी करना पड़ रहा है।

सोनल, स्टूडेंट
 

 

गवर्नमेंट को हमारी मांगें माननी ही होगी। इस कंवेंशन हॉल के बनने से हमें बहुता प्रॉब्लम होगी। कंवेंशन हॉल के पीछे हमारा कॉलेज हो जाएगा, जिसे अनसेफ हो जाएंगे।

सुधा, स्टूडेंट

 

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