RANCHI: दूसरे राज्यों डेंगू की बीमारी लेकर मरीज रिम्स में इलाज कराने आ रहे हैं। यहां डेंगू वार्ड में कुल सात मरीज भर्ती हैं। इलाज करा रहे गोमिया के कैलाश कुमार ने बताया कि वे पुणे में काम करने गए थे, वहीं तबीयत खराब हो गई। इसके बाद वे रिम्स में भर्ती हुए हैं। यहां मरीजों की देखभाल कर रही सिस्टर इंचार्ज आरआर राय ने बताया कि जनवरी से अब तक यहां कुल क्फ् डेंगू पेशेंट्स भर्ती हुए, जिसमें छह ठीक होकर चले गए और सात भर्ती हैं। उन्होंने बताया कि यहां भर्ती होनेवाला डेंगू का एक भी मरीज रांची का नहीं है। सब बाहर काम करने गए थे, वहीं इन्हें डेंगू हो गया। यहां मरीजों को मेडिसीन के साथ मेडिकेटेड मच्छरदानी और ओआरएस का घोल दिया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ के जवान को मलेरिया

डेंगू के सात मरीजों के अलावा यहां आइटीबीपी के जवान अमित भी भर्ती हैं। इन्हें मलेरिया हुआ था। ये छत्तीसगढ़ में तैनात थे। यहां भर्ती रजीश एसएसबी के जवान हैं। वहीं अमरेंद्र कुमार सीआरपीएफ के जवान हैं और नालंदा के रहनेवाले हैं। आइसोलेशन यूनिट के इंचार्ज डॉ उमेश प्रसाद ने बताया कि बरसात के सीजन में डेंगू का आउटब्रेक होता है। वार्ड में भर्ती कई मरीज जब बाहर काम करने गए, तब उन्हें डेंगू हुआ। हम उनका प्रॉपर ट्रीटमेंट कर रहे हैं।

ख्क् स्टूडेंट नर्स ठीक होकर गई

डॉ उमेश प्रसाद की इसी आइसोलेशन यूनिट में बुधवार को नर्सिग की ख्क् छात्राओं भर्ती कराया गया। वे सभी नर्से साई अपोलो ईरबा की थीं। बरसात में भींगने के कारण बीमार पड़ गई थीं। इलाज के बाद उन्हें बुधवार दोपहर डिस्चार्ज कर दिया गया।

बॉक्स का मैटर

ये हैं डेंगू वार्ड में भर्ती मरीज

जयकृष्ण प्रजापति, गढ़वा

कैलाश कुमार, गोमिया

बबलू शुक्ला, चकाई जमुई

पुष्पा बेक, जमशेदपुर

अजय कुमार, बोकारो

आफताब अहमद, बंबई

खुसो रवानी, गिरिडीह

रिम्स में भ् साल में कितना इलाज

साल मरीज

ख्0क्फ् क्00(इसी साल इलाज शुरू)

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ख्0क्7 क्फ्(अब तक)

यहां से बॉक्स में लें

कैसे फैलता है डेंगू

-डेंगू के सबसे ज्यादा मामले बरसात के मौसम में देखने में आते हैं

-डेंगू फैलाने वाले मच्छर दिन में काटते हैं

- डेंगू मच्छर ठहरे हुए पानी में पनपते हैंए जैसे दृ कूलर के पानी मेंए रुंधे हुए नालों में और आस-पास की नालियों में

- डेंगू कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों को आसानी से हो जाता है

पहचान और लक्षण

-् डेंगू के लक्षण फ् से क्ब् दिन बाद दिखते हैं

- तेज़ ठंड लगकर बुख़ार आता है

-सिर और आंखों में दर्द होता है

-शरीर और जोड़ों में दर्द में होता है

- भूख कम लगती है

-जी मचलानाए उल्टी और दस्त आने लगते हैं

- चमड़ी के नीचे लाल धब्बे आने शुरु हो जाते हैं

- आंख, नाक से खून आ जाता है

बचने के ये हैं उपाय

-घर के अंदर और आस पड़ोस में पानी जमा न होने दें

ख्-फ्ण् पानी के सभी बर्तन को खुला न रखें

- किचेन और वाशरूम को सूखा रखें

-कूलर का पानी सुबह.शाम बदलते रहें

-खिड़कियों और दरवाज़ों में जाली लगवायें

-शरीर पर मच्छर को दूर रखने वाली क्त्रीम लगायें

- शरीर पूरी तरह से ढकने वाले कपड़े पहनें

-सोते समय मच्छर दानी का प्रयोग करें

-घर के आस पास मच्छर मारने वाली दवा का छिड़काव करवायें

वर्जन

मैं काम करने पुणे गया था। उसी दौरान मेरी तबीयत खराब हो गयी। वहां जांच के दौरान पता चला कि मुझे डेंगू है। इसके बाद यहां आकर इलाज करा रहा हूं। यहां बेहतर इलाज हो रहा है।

-कैलाश कुमार, गोमिया

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वार्ड में जितने भी डेंगू के मरीज भर्ती हैं, उन सबको मेडिकेटेड मच्छरदानी दी गई है। उनका प्रॉपर ट्रीटमेंट किया जा रहा है। बरसात में डेंगू का आउटब्रेक नार्मल है।

-डॉ उमेश प्रसाद, मेडिसीन डिपार्टमेंट, रिम्स