BAREILLY

जिस टेम्प्रेचर में डेंगू के मच्छरों का खतरा नहीं है, प्राइवेट हॉस्पिटल्स सामान्य बुखार को डेंगू बताकर पब्लिक की जेब काट रहे हैं। इस बात का खुलासा सीएमओ ऑफिस की जांच में हुआ। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की न्यूज प्राइवेट हॉस्पिटल्स में भर्ती डेंगू के मरीज पब्लिश की थी, जिसको संज्ञान में लेते हुए डेंगू की बरेली में दस्तक की जांच करायी गई थी। जांच में चीटिंग सामने आने सीएमओ ने डेंगू का इलाज करने वाले सभी प्राइवेट हॉस्पिटल्स को नोटिस देने जा रहा है। साथ ही, हॉस्पिटल्स ने जो संदिग्ध सैंपल दिए थे, उन्हें जांच के लिए आईवीआरआई लैब भेजा जाएगा.


 

बिना एलाइजा टेस्ट कर रहे इलाज

साधारण किट से जांच कर डेंगू का इलाज करने वाले बड़ा गोलमाल कर रहे हैं। मरीजों को प्लेटलेट्स, ब्लड और इलाज के नाम पर मोटा रुपया वसूल रहे हैं। जबकि, डेंगू टेस्ट एलाइजा टेस्ट से ही स्पष्ट होता है। यह भी बात सामने आयी है कि डेंगू का इलाज कर रहे प्राइवेट हॉस्पिटल्स ने डेंगू पेशेंट्स का कोई ब्योरा सीएमओ ऑफिस को नहीं भेजा है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के पास डिस्ट्रिक्ट में डेंगू के मरीजों की संख्या के बारे में कोई भी जानकारी नहीं है.

 

10 हॉस्पिटल्स ने तोड़ा प्रोटोकॉल

प्राइवेट हॉस्पिटल में आने वाले संदिग्ध डेंगू के मरीजों का सैंपल लेने के बाद उसे डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की लैब में भेजना होता है। जिसके बाद डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल सैंपल को दिल्ली स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कॉमनीकेबल डिजीज डिपार्टमेंट एनआइसीडी में भेजा जाता है। जहां से रिपोर्ट आने के बाद ही डेंगू की पुष्टि की जा सकती है। ऐसे में डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के पास डेंगू के मरीजों का ब्योरा भी रहता है कि कितने मरीज कब और कहा मिले, लेकिन प्राइवेट हॉस्पिटल इस प्रोटोकॉल को फॉलो नहीं कर रहे हैं। ऐसे में, स्वास्थ्य विभाग अब डिस्ट्रिक्ट के 10 हॉस्पिटल्स को बिना किसी पुख्ता रिपोर्ट के डेंगू का ट्रीटमेंट करने और सीएमओ ऑफिस में रिपोर्ट न देने पर नोटिस देने जा रहा है.

 

सैंपल्स की जांच आईवीआरआई में

स्वास्थ्य विभाग डेंगू के मरीजों के खून की जांच आईवीआरआई के पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट में करवाएगा। इतना ही नहीं दिल्ली स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कॉमनीकेबल डिजीज डिपार्टमेंट एनआइसीडी में भी जांच कराने की अधिकारी तैयारी कर रहे हैं। जिससे डिस्ट्रिक्ट के प्राइवेट हॉस्पिटल जो लूट मचाए हुए हैं उसको रोका जा सके। शहर में बीते दिनों डेंगू के चार मरीज पाए गए थे। इन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। सभी के एलाइजा जांच में डेंगू की पुष्टि हुई थी। एडी हेल्थ डॉ। प्रमिला गौड़ ने एंटोमोलॉजिस्ट कीट विज्ञानशास्त्री डॉ। दीपक कुमार से मामले की जांच कराने को कहा है। इस पर एंटोमोलॉजिस्ट ने डेंगू के मरीजों का विस्तृत ब्योरा जिला मलेरिया अधिकारी से मांग लिया है। एंटोमोलॉजिस्ट डॉ.दीपक कुमार ने बताया कि मेडिकल टर्म में 32 डिग्री सेल्सियस से तापमान कम होने पर डेंगू होना मुश्किल है। वजह तापमान कम होने पर लार्वा की मेटामॉरफोसिस समाप्त हो जाती है। यानी ठंड में लार्वा बढ़ता नहीं है। मच्छर अंडे किसी भी मौसम में खत्म नहीं होते, मगर लार्वा बड़ा नहीं होता।

 

 

डेंगू का डर दिखा रहे प्राइवेट हॉस्पिटल्स पर कार्रवाई करने की तैयारी पूरी कर ली गई है। फ्राइडे को नोटिस दे दिया जाएगा। साथ जो सैंपल लिए गए थे उन पर आईवीआरआई में टेस्ट कराया जा रहा है।

डॉ। अशोक कुमार, एसीएमओ