अस्पतालों में सिर्फ डेंगू का इलाजज!

पांच और की मौत, बुखार के लिए अलग काउंटर

दो छात्राओं की भी जान गई,चार दर्जन नए मरीज

-टालनी पड़ रही सर्जरी, सामान्य मरीजों की छुट्टी

LUCKNOW: डेंगू से मौतों का सिलसिला जारी है। आलम यह कि सरकारी अस्पतालों में सिर्फ डेंगू का ही इलाज हो रहा है, सामान्य मरीजों को तो ठौर ही नहीं मिल रही। इस बीच, शनिवार को फिर दो छात्राओं समेत पांच मरीजों की डेंगू की चपेट में आने से मौत हो गई। वहीं राजधानी के विभिन्न अस्पतालों में शनिवार को 45 से ज्यादा मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है।

फैजुल्लागंज में बढ़ रहा खतरा

फैजुल्लागंज में डेंगू का खतरा कम होने का नाम नहीं ले रहा। पहले ही इलाके में डेंगू के कारण छह मरीजों की मौतें हो चुकी हैं। जबकि शनिवार को मोहिबुल्लापुर के कसाईबाड़ा मुहल्ला निवासी किशोर की पुत्री 15 वर्षीय सुभाषिनी व इसी इलाके के तौफिक (48) की मौत हो गई। इसके अलावा विकासनगर के सलौली गांव निवासी सात वर्षीय अंकिता व गोमतीनगर विस्तार निवासी आठ वर्षीय अलिशा की भी डेथ हो गई। वहीं इंदिरानगर निवासी 24 वर्षीय सफीक की मौत डेंगू की गिरफ्त में आने से हुई है।

अब तक केजीएमयू में 367 को डेंगू

केजीएमयू के माईक्रोबायोलॉजी विभाग में ही अब तक कुल 1525 मरीजों का कार्ड टेस्ट से पाजिटिव आया। जिसके बाद एलाइजा टेस्ट में 367 में डेंगू की पुष्टि हुई। 22 सैंपल के सीरोटाइप की भी जांच की गई है। इसमें सभी सैंपल में डी-2 सीरोटाइप डेंगू का खास प्रकार आया।

बलरामपुर और लोहिया में क्लीनिक

बढ़ रहे फीवर को देखते हुए बलरामपुर और लोहिया अस्पताल में डेंगू व फीवर के लिए अलग से क्लीनिक शुरू की गई। बलरामपुर के डॉ। राजीव लोचन ने बताया कि फीवर के बढ़ते मरीजों को लेकर ही अलग से काउंटर शुरू किया गया है।

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401 में से 300 से फीवर के

डॉ। श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल में 401 में से लगभग 300 से ज्यादा मरीज सिर्फ डेंगू या बुखार के हैं। वहीं लोहिया अस्पताल में भी 350 बेड में से आधे से ज्यादा बुखार के मरीजों से भरे हैं। उधर बलरामपुर अस्पताल में कुल 750 बेड में से लगभग 450 बेड पर बुखार के मरीजों का इलाज किया जा रहा है। बलरामपुर में डेंगू व बुखार के लिए 200 बेड रिजर्व किए गए थे लेकिन मरीज इससे दोगुने से ज्यादा भर्ती करने पड़े। जिससे सर्जरी, ईएनटी, आई, व अन्य विभागों के मरीजों की जगह पर बुखार के मरीज भर्ती किए जा रहे हैं।

अस्पतालों में टल रही सर्जरी

डेंगू के बढ़ते मरीजों को देखते हुए डीजी हेल्थ के निर्देश के बाद कई अस्पतालों ने अपने रुटीन ऑपरेशन टाल दिए हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि जिन मरीजों को अगले माह ऑपरेशन कर सकते हैं। ताकि उनकी जगह पर डेंगू और बुखार के मरीजों को भर्ती किया जा सके। लोहिया अस्पताल के सीएमएस डॉ। ओंकार यादव के मुताबिक सर्जिकल वार्ड के ज्यादातर बेड डेंगू मरीजों के लिए आरक्षित कर दिए गए हैं। कुछ ऐसे ही सिविल अस्पताल में भी सर्जिकल वार्ड में ज्यादातर मरीज डेंगू और बुखार के लिए रिजर्व कर दिए गए हैं।

500 के पार प्लेटलेट्स की डिमांड

केजीएमयू की स्टेट ब्लड बैंक में अब तक के इतिहास में सबसे प्लेटलेट की डिमांड आ रही है। आम दिनों में 40 से 50 यूनिट प्लेटलेट्स की डिमांड आती है तो वर्तमान में आंकड़ा 450 से 500 तक पहुंच गया है। केजीएमयू ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की एचओडी और ब्लड बैंक प्रभारी डॉ। तूलिका चंद्रा ने बताया कि प्लेटलेट चढ़ाने के अपने नुकसान हैं लोगों को यह बात समझनी चाहिए।

तो ही चढ़वाएं प्लेटलेट्स

तूलिका चंद्रा ने बताया कि अगर डेंगू और फीवर है तो 10 हजार प्लेटलेट काउंट पहुंचने तक कोई खतरा नहीं है। जब तक कि शरीर में कहीं से ब्लीडिंग न हो रही हो। अगर बॉडी में कहीं से ब्लीडिंग हो रही है तो 20 हजार होने पर भी प्लेटलेट्स चढ़ा सकते हैं। बहुत से मरीजों के परिजन 18 से 20 हजार प्लेटलेट्स पहुंचने पर ही आ जाते हैं जबकि यह ठीक नहीं है। उन्होंने बताया कि उनके जानने वाले कम से कम 20 मरीज ऐसे हैं जिन्हें 12 से 15 हजार प्लेटलेट्स पहुंचने पर भी नहीं चढ़ाया गया और ठीक हो गए। लेकिन अगर कोई मरीज 60 साल से ऊपर है या फिर पहले से ही किसी अन्य बीमारी से ग्रसित है तो 20 हजार पहुंचने पर प्लेटलेट्स चढ़ानी चाहिए।

कोट--

बुखार के मरीजों के कारण सामान्य मरीजों की सर्जरी टाल दी गई हैं। उनकी जगह पर बुखार के मरीज भर्ती किए जा रहे हैं।

-डॉ। राजीव लोचन, सीएमएस, बलरामपुर

मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण आधे बेड डेंगू व बुखार के मरीजों के लिए रिजर्व कर दिए गए हैं। जो सर्जरी टाली जा सकती हैं उन्हें टाल दिया गया है।

-डॉ। ओंकार यादव, लोहिया अस्पताल