VARANASI

बीएचयू के एनॉटमी विभाग में आयोजित 'इंटरनेशनल वर्कशॉप ऑफ इंप्लांट आन ह्यूमन कैडेवर' के दूसरे दिन शनिवार को देश के सैकड़ों दंत चिकित्सकों को स्वयं दंत प्रत्यारोपण करने के बारे में सिखाया गया। उनको जबड़े की हड्डियों मेंडिबल और मैक्जिला की रचना के बारे में भी जानकारी दी गई। विभागाध्यक्ष प्रो। एसएन श्यामल और प्रो। रॉयना सिंह के नेतृत्व में डॉ। निधि सुनहरे, डॉ। आरएस मोरे, डॉ। रुबी भोला, डॉ। सौम्या, डॉ। अर्पित, रश्मि, प्रीति, संध्या, सुप्रिया, अमित ने दांतों के आस-पास विभिन्न नसों, शिराओं, साइनस आदि के बारे में बताया।

आयोजक डॉ। फरहान दुर्रानी ने कहा कि आधुनिक प्रत्यारोपण, पारंपरिक प्रत्यारोपण के बजाय अधिक टिकाऊ व उपयोग में आसान होता है। इससे न सिर्फ चबाने में आसानी होती है, बल्कि मुस्कान भी अच्छी होती है। सबसे पहले कैडेवर पर लाइव प्रशिक्षण दिया गया। इसके बाद केएन उडप्पा सभागार में व्याख्यान का आयोजन हुआ।