- 25 अगस्त तक चीफ सेक्रेटरी में मांगी रिपोर्ट

- हाईकोर्ट ने दिए हैं यमुना में मूर्ति विसर्जन न करने के हैं निर्देश

आगरा। यमुना किनारे तालाब को लेकर सिंचाई विभाग और कमिश्नर के अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं। सिंचाई विभाग का कहना है कि जांच में अभी तक यमुना के किनारे कोई तालाब नहीं मिला है और न ही ऐसी कोई जमीन मिली है जहां तालाब बनाया जा सके। वहीं कमिश्नर प्रदीप भटनागर का कहना है कि तालाब मिल चुका है। ऐसे में कौन सही है और गलत इसका पता तो आगामी दिनों में विभिन्न उत्सवों के दौरान मूर्ति विसर्जन के वक्त पता चल पाएगा। बुधवार को लखनऊ में हुई मीटिंग में

प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी आलोक रंजन ने सभी जिलों के डीएम व कमिश्नर से इस सन्दर्भ में रिपोर्ट मांगी है। चीफ सेक्रेटरी ने कहा है कि 25 अगस्त तक तालाब में मूर्ति विसर्जन के लिए कितना खर्च आ जाएगा। इसकी भी जानकारी उपलब्ध कराई जाए।

सिंचाई विभाग और प्रदूषण विभाग की संयुक्त जांच में नहीं मिले थे तालाब

अगस्त के पहले हफ्ते में कमिश्नर प्रदीप भटनागर के निर्देश पर सिंचाई विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, तहसीलदार व एसडीएम ने यमुना किनारे तालाब खोजने के लिए संयुक्त रूप से जांच की थी, जिसमें सिंचाई विभाग के खण्ड सहायक अभियन्ता जेपी सिंह, अभियन्ता यशवीर सिंह, ब्रज किशोर उ.प्र। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एफसी यादव, व डॉ। अनिल कुमार यादव एसडीएम एत्मादपुर जेपी सिंह आदि ने संयुक्त रूप से यमुना के आसपास के इलाके को खंगाला।

किया गया था स्थलीय निरीक्षण

टीम ने रुनकता शनिदेव मन्दिर घाट से ककरैठा तक यमुना नदी के किनारे स्थलीय निरीक्षण किया। टीम ने डीएम पंकज कुमार को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा कि इसमें जंगलात की बैल्ट है, जिसमें कहीं 500 मी। 100 मी। चौड़ाई तक कोई तालाब नहीं होने का उल्लेख किया। इसके अलावा टीम ने ककरैठा से ताजगंज धांधूपुरा तक निरीक्षण किया गया। वहीं एसडीएम एत्मादपुर ने भी अपनी रिपोर्ट तालाब के लिए किसी भी प्रकार की जमीन न होने का उल्लेख किया था।

तालाब के लिए जमीन मिल चुकी है। सिंचाई विभाग की जमीन में ही तालाब की व्यवस्था की जाएगी।

- प्रदीप भटनागर, कमिश्नर आगरा

यमुना के किनारे तालाब के लिए कोई जमीन नहीं मिली है। हां फोरेस्ट विभाग की जमीन है। वैसे अभी सिंचाई विभाग के रेवेन्यू रिकॉर्ड में इसे दिखवाया जा रहा है।

-इम्तियाज रहमान, एक्सईएन सिंचाई विभाग आगरा

तालाब के लिए अभी जमीन नहीें मिल सकी है। फिर भी मूर्ति विसर्जन के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। आज डीएम साहब की मीटिंग है। इसमें देखो क्या रास्ता निकलता है।

- एके आनंद, आरओ केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आगरा