-सर्किट हाउस कॉलोनी में पंखे में फंदे से लटकी मिली उप कृषि निदेशक की बेटी

-हाथ बंधे होने से सुसाइड पर शक, गंभीर बीमारी के चलते सुसाइड की आशंका

BAREILLY: कोतवाली थाना अंतर्गत सर्किट हाउस कालोनी के सरकारी क्वार्टर में उप निदेशक कृषि की बेटी के सुसाइड से हड़कंप मच गया। उप निदेशक की बेटी दुपट्टे का गले में फंदा लगाकर पंखे से झूल गई थी। उसके दुपट्टे से दोनों हाथ भी बंधे हुए थे, जिससे सवाल खड़ा हो रहा है कि यह कैसा सुसाइड है। हाथ बंधा होना हत्या की ओर इशारा कर रहे है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हैंगिंग आया है। डाक्टर्स ने विसरा प्रिजर्व कर लिया है। पोस्टमार्टम के बाद उप निदेशक बेटी के शव को लेकर पैतृक गांव हमीरपुर रवाना हो गए। सुसाइड की वजह गंभीर बीमारी से ग्रसित होना बताया जा रहा है लेकिन परिजनों ने अभी तक सुसाइड का असली कारण पुलिस को नहीं बताया है।

खाना खोकर सोई थी

सर्किट हाउस कॉलोनी के 4/13 मकान नंबर में कृषि विभाग के उप निदेशक हरनाथ सिंह रहते हैं। क्वार्टर में उनकी 26 वर्षीय बेटी मंजूषा और नौकर गोविंद भी रहता है। उप निदेशक का बेटा दिल्ली में रहता है। मंडे रात को खाना खाने के बाद मंजूषा अपने कमरे में सोने के लिए चली गई थी। वह हर रोज सुबह चार बजे उठकर पढ़ती थी, लेकिन ट्यूजडे सुबह जब उसका रूम का गेट नहीं खुला तो गोविंद ने गेट खटखटाया। दरवाजा न खुलने पर उसने हरनाथ को बुलाया। हरनाथ दूसरे गेट से अंदर पहुंचे तो देखा बेटी फंदे पर लटकी हुई थी।

मौके पर नहीं बुलाई फील्ड यूनिट

सुसाइड की सूचना पर कोतवाली पुलिस पहुंची तो देखा कि पंखे में दुपट्टा का फंदा लगा हुआ था। मंजूषा की जीभ भी बाहर निकली हुई थी। साइड में कुर्सी पड़ी हुई थी और पंखा भी मुड़ा हुआ था, लेकिन दोनों हाथ दुपट्टे से बंधे होने के चलते पुलिस को शक हो गया। इसके बावजूद मौके पर पहुंचे एसएसआई ने फील्ड यूनिट को बुलाने की जहमत नहीं उठाई। जबकि सुसाइड, मर्डर, लूट व अन्य बड़ी वारदातों में फील्ड यूनिट को मौके पर बुलाना जरूरी होता है। फील्ड यूनिट को दोपहर बाद पोस्टमार्टम हाउस पर बुलाया गया। हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हैंगिंग आने से पुलिस ने राहत की सांस ली।

हाथ बंधे होने पर सवाल

मंजूषा के दोनों हाथ दुपट्टे से बंधे हुए हैं ऐसे में कई सवाल खड़े हो रहे हैं, क्या मंजूषा के किसी ने हाथ बांधे हैं और फिर उसे फंदे पर लटका दिया गया, लेकिन मंजूषा के शरीर पर कोई संघर्ष के निशान नहीं मिले हैं। हो सकता है कि मंजूषा ने पहले फंदा बनाया होगा और फिर दुपट्टे से अपने दोनों हाथ बांधे होंगे। यदि कोई दूसरा हाथ बांधता तो हाथ पीछे से बंधे होते और दोनों हाथ एक साथ बंधे होते, लेकिन मंजूषा के दोनों हाथ अलग-अलग बंधे हुए हैं।

सुसाइड के अलग-अलग रीजन

पुलिस को मौके पर कोई सुसाइड नोट नहीं मिला, जिससे सुसाइड की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है। परिजनों ने पुलिस को बताया कि मंजूषा भाई के साथ दिल्ली जाकर तैयारी करने की बात कह रही थी, लेकिन उसे जाने से मना किया था। इसलिए वह परेशान चल रही थी। वहीं पुलिस की जांच में आया है कि मंजूषा को गंभीर बीमारी थी। वह इससे परेशान चल रही थी। इसी के चलते उसने सुसाइड किया है। फिलहाल पुलिस सुसाइड के असली कारणों का पता लगाने में जुटी हुई है।

होनहार थी मंजूषा

मंजूषा ने सुसाइड भले कर लिया हो, लेकिन वह पढ़ने में काफी होनहार थी। वह पोस्टग्रेजुएट थी और सिविल सर्विसेस की तैयारी कर रही थी। उसके कमरे में भी महापुरुषों के स्लोगन लिखे हुए मिले हैं। वह पिता की तरह सरकारी नौकरी पाना चाहती थी।

प्रथम दृष्टयता सुसाइड का केस ही सामने आया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी हैंगिग आई है। सुसाइड की वजहों का पता नहीं चल सका है। यदि फील्ड यूनिट को बुलाने में देरी की गई है तो इसकी भी जांच कराई जाएगी।

समीर सौरभ, एसपी सिटी बरेली