- अधिकारियों के रवैये से गुस्से में दिखे पुलिस जवान

- विरोध में बच्चों के साथ रोड पर सोई महिलाएं

- पुलिस वालों को ही खदेड़ा

PATNA CITY : एनएमसीएच की जमीन से इन्क्रोचमेंट हटाने के लिए डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन की टीम पूरे तामझाम के साथ पहुंची थी। जेसीबी मशीन, ट्रैक्टर, मजदूर, ख्फ्0 की संख्या में पुलिस फोर्स, मजिस्ट्रेट, एसडीपीओ और एसडीएम भी थे। खाद पर के एरिया से इन्क्रोचमेंट हटाया जाना था। फोर्स भी पटना पुलिस लाइन से काफी पहले आ गई थी लेकिन अधिकारी नदारद थे। घंटे-दो घंटे बीतने के बाद एक-एक कर अधिकारी पहुंचे। नगर निगम ने जेसीबी मशीन और मजदूरों को भी बुला लिया था। इस बीच काफी समय बर्बाद हो चुका था। दोपहर करीब दो बजे इन्क्रोचमेंट को हटाने का काम शुरू किया गया। इस दौरान जिस मजिस्ट्रेट और अधिकारियों को जिम्मेवारी सौंपी गई थी, उनमें से अधिकांश लोगों को धूप व गर्मी बर्दाश्त नहीं हो रही थी। अधिकांश अधिकारी पेड़ों की छांव में खड़े दिखे।

क्ख् की जगह ब् पर चला बुलडोजर

खाद पर के एरिया से क्ख् कच्चे मकानों व झोपडि़यों को हटाना था लेकिन सिर्फ ब् कच्चे मकानों पर बुलडोजर चल सका। बाकी के कच्चे मकानों व झोपडि़यों को तोड़ने में परेशानी हुई। इस दौरान अधिकारियों व पुलिस को लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ा। महिलाएं और बच्चे रोड पर सो गए। गर्मी की वजह से दो महिलाएं बेहोश हो गई थी। जिस कारण इन्क्रोचमेंट हटाने का काम थोड़ी देर के लिए प्रभावित हो गया। गुस्साई महिलाओं ने अधिकारियों व पुलिस फोर्स को खदेड़ डाला।

गुस्से में पुलिस के जवान

महिलाओं की ओर से खदेड़े जाने और अधिकारियों की लापरवाही पर पुलिस काफी गुस्से में थी। समय बर्बाद होता देख पुलिस के जवान खुद से ही कच्चे मकानों व झोपडि़यों को तोड़ने के लिए तैयार हो गए। महिलाओं की ओर से किए गए विरोध की बात पटना सिटी के एसडीएम अनिल राय ने भी मानी। उन्होंने बताया कि टीम को लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। बावजूद इसके बचे हुए क्ख् कच्चे मकान व झोपडि़यों को हटा दिया गया है। दरअसल, हाई कोर्ट की ओर से म्ख्ख् कच्चे मकानों व झोपडि़यों को हटाने का आदेश दिया गया था। इसमें म्क्0 पहले ही हटा दिए गए थे।