- केजीएमयू के आईसीयू में सांस की तकलीफ के चलते कराए गए एडमिट

- सीओपीडी बढ़ने के चलते सांस लेने में हो रही दिक्कत

LUCKNOW: बाबरी मस्जिद मामले के मुद्दई व अयोध्या के रहने वाले 96 वर्षीय हाशिम अंसारी शनिवार को केजीएमयू के आईसीयू में भर्ती कराये गए हैं। डॉक्टर्स के अनुसार उनके फेफड़ों में जकड़न है व उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है। फिलहाल, उनकी हालत स्थिर बनी हुई है। साथ ही, उनकी कुछ जरूरी जांचें कराई जा रही हैं।

जिला अस्पताल ने किया रेफर

बाबरी मस्जिद के पैरोकार हाशिम अंसारी को शनिवार को हार्ट और सांस की समस्या के चलते अयोध्या जिला अस्पताल से केजीएमयू रेफर किया गया था। इसके बाद उन्हें लॉरी कार्डियोलॉजी में भर्ती कर जरूरी जांचें की गई। सीएमओ डॉ। एसएनएस यादव भी मौके पर पहुंचे और उनकी जांच की। केजीएमयू के डिप्टी मेडिकल सुप्रिंटेंडेंटडॉ। वेद प्रकाश ने बताया कि उनका पहले ही पेसमेकर इंप्लांट हो चुका है। उन्हें कुछ समय से खांसी की शिकायत है। इसके अलावा पिछले 8-10 दिनों से उन्हें सांस लेने में तकलीफ है। कमजोरी भी बढ़ती जा रही है। जांच में पता चला है कि पेसमेकर सही से काम कर रहा है। हार्ट से और बीपी व अन्य पैरामीटर भी ठीक है। उनका 2डी इको कराया गया जिसकी रिपोर्ट भी सामान्य है। डॉ। वेद ने बताया कि सीओपीडी बढ़ने से उनके चेस्ट में जकड़न बढ़ गई है। उन्हें नेबुलाइज करने के साथ ही एंटीबायोटिक दवाएं दी गई हैं। फिलहाल उनका डॉ। वेद प्रकाश और डॉ। अक्षय प्रधान इलाज कर रहे हैं।

कौन हैं हाशिम अंसारी

हाशिम अयोध्या के उन चुनिंदा बचे हुए लोगों में से हैं जो लगातार 60 से अधिक वर्षो से अपने धर्म और बाबरी मस्जिद के लिए संविधान और कानून के दायरे में रहते हुए अदालती लड़ाई लड़ रहे हैं। वह लगातार 1949 से अयोध्या में बाबरी मस्जिद मामले की पैरवी कर रहे हैं। उनका परिवार कई पीढि़यों से अयोध्या में रह रहा है। उनका जन्म 1921 में हुआ है। जब वे मात्र 11 साल के थे तभी उनके पिता का देहांत हो गया था। उन्होंने दो दर्जा तक पढ़ाई की फिर दर्जी का काम करने लगे। फैजाबाद में उनकी शादी हुई है। उनका एक बेटा और एक बेटी है। छह दिसंबर 1992 के बलवे में बाहर से आए दंगाइयों ने उनका घर जला दिया था। मगर अयोध्या के हिंदुओं ने उन्हें और उनके परिवार को बचाया। जो कुछ मुआवजा मिला उससे हाशिम ने अपने छोटे से घर को दोबारा बनवाया और एक पुरानी अंबेसडर कार खरीदी थी।