-ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर हो रही है साजिश, शरारती तत्व को चिंहित कर सख्त कार्रवाई की जा रही है -माहौल बिगड़ने पर एसओ से लेकर आला अधिकारियों पर होगी कार्रवाई

-कंट्रोल रूम में एसपी को फटकारा, आईजी की हेल्पलाइन की सराहना की

KANPUR :

सूबे में ग्राम पंचायत चुनाव के करीब आते ही माहौल बिगाड़ने की साजिश हो रही है। जिसे देखते हुए पुलिस को और अलर्ट रहने की जरूरत है। शरारती तत्वों की चिंहित कर कार्रवाई की जा रही है। अगर किसी भी जिले में कोई बवाल होता है तो उसके जिम्मेदार वहां के आला अधिकारी होंगे। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह बात रविवार को पुलिस के नए डीजीपी जगमोहन यादव ने कही।

कंट्रोल रूम का किया निरीक्षण, एसपी को फटकारा

डीजीपी का पद ग्रहण करने के बाद पहली बार कानपुर आए जगमोहन यादव ने सबसे पहले हाईटेक कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया। उन्होंने कुछ खामियां पाने पर एसपी लाइन को फटकार भी लगाई। उन्होंने कहा कि कंट्रोल रूम तो हाईटेक है, लेकिन सही तरीके से इस्तेमाल नहीं हो रहा है। उन्होंने एसपी से कंट्रोल रूम की बाबत एक सवाल किया, लेकिन वो कुछ नहीं बता पाए। जिस पर उनका पारा चढ़ गया। उन्होंने एसपी को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि कंट्रोल रूम का सही से इस्तेमाल किया जाए तो क्राइम में अंकुश लग सकता है। उन्होंने कंट्रोल रूम में ट्रेंड ऑफिसर को लगाने की नसीहत दी।

माहौल बिगाड़ने की हो रही है साजिश

डीजीपी जगमोहन यादव ने ग्राम पंचायत चुनाव के लिए अभी से कमर कसने का निर्देश दिया है। उन्होंने आईजी, डीआईजी, एसएसपी समेत अन्य ऑफिसर्स को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि चुनाव के करीब आने से शरारती तत्व सक्रिय हो गए हैं। वे चुनाव में फायदा उठाने के लिए छोटे-छोटे मामलों को सांप्रदायिक रूप देने की साजिश कर रहे हैं। इसलिए पुलिस को और सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इससे निपटने के लिए हर मुमकिन कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि शरारती तत्वों को चिंहित कर कार्रवाई की जा रही है।

कानपुर और फर्रुखाबाद में बढ़ा है क्राइम ग्राफ

डीजीपी जगमोहन यादव ने आईजी, डीआईजी समेत अन्य जिलों के साथ मीटिंग कर क्राइम की समीक्षा की तो पता चला कि कानपुर और फर्रुखाबाद के क्राइम में बढ़ोत्तरी हुई है। जिस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए एसएसपी कानपुर और फर्रुखाबाद को क्राइम कंट्रोल करने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि थाने स्तर पर काम करने की जरूरत है। तभी क्राइम कंट्रोल हो पाएगा। उन्होंने कहा कि शिकायत पर तुरन्त एक्शन लेने से अपराधियों को आसानी से पकड़ा जा सकता है। उन्होंने छोटी-छोटी शिकायतों को गंभीरता लेकर उसका निस्तारण करने का निर्देश अन्य अधिकारियों को दिया। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी समस्या ही बवाल की जड़ होता है। छोटी शिकायत को संज्ञान में लेकर उसका निस्तारण कर लेना चाहिए।

एसओ से लेकर आला अधिकारी नपेंगे

डीजीपी जगमोहन यादव ने दो टूक कहा है कि कोई भी बवाल होने पर सिर्फ सिपाही और दरोगा पर गाज नहीं गिरेगी। उन्होंने कहा कि अगर किसी भी जिले में कोई भी बवाल होता है तो उसके लिए वहां के एसओ से लेकर एसपी जिम्मेदार होंगे। जिनके खिलाफ जांच कर कार्रवाई की जाएगी। इसलिए आला अधिकारियों को और ज्यादा अलर्ट रहने की जरूरत है।

तो वो निकम्मा ऑफिसर है।

अगर पुलिस के आला अधिकारियों के ऑफिस में फरियादियों की भीड़ जमा हो रही है तो इससे साफ है कि थाने स्तर पर फरियादी की सुनवाई नहीं हो रही है। इसके लिए थानेदार से ज्यादा आला अधिकारी दोषी है। आला अधिकारी की जिम्मेदारी होती है कि वो थानेदार समेत अन्य जूनियर ऑफिसर्स के काम की मानीटरिंग कर कार्रवाई करें। ताकि उन पर भी कार्रवाई का भय बना रहें। अगर कोई ऑफिसर यह नहीं कर पा रहा है तो वो ऑफिसर निकम्मा है। उसी की गलती से ही उसके ऑफिस में फरियादियों को जमावड़ा लगता है। उन्होंने कहा कि आला अधिकारी जूनियर ऑफिसर्स से काम करवाता है न कि वो खुद ही काम करने लगेगा। उन्होंने कहा कि हर पुलिस वाले की अपनी ड्यूटी है। इसलिए आला अधिकारी खुद के ऑफिस में भीड़ लगाने के बजाय थाने में जाकर मानीटरिंग करें।

'एक नम्बर भरोसा की' सराहना की

आईजी जोन आशुतोष पाण्डेय की पहल से शुरू हुई हेल्पलाइन 'एक नम्बर भरोसे का' के कंट्रोल रूम का भी डीजीपी ने निरीक्षण किया। उन्होंने डेमो करके भी देखा। उन्होंने आईजी की पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को सूबे में लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने आईजी से इसका प्रस्ताव भेजने के लिए कहा है।