- बैठक में डीजीपी ने सभी थानेदारों और सीओ के पेंच कसे

- थाना स्तर पर ही निपटाएं केसेज, पब्लिक में बढ़ रहा अविश्वास

Meerut: डीजीपी बनने के बाद पहली बार मेरठ आए जावीद अहमद ने पुलिसिंग के मुद्दे पर अधिकारियों के खूब पेंच कसे। उन्होंने स्मार्ट पुलिस और विश्वास वाली पुलिसिंग अपनाने की हिदायत दी। क्राइम कंट्रोल के मुद्दे पर उन्होंने तुरंत कार्रवाई कर केसेज को जल्द निपटाने के आदेश दिए। थाने में केसेज पेंडिंग होने पर पब्लिक के बीच पुलिस का विश्वास खत्म हो रहा है।

देर शाम पहुंचे

डीजीपी जावीद अहमद नोएडा से करीब साढ़े छह बजे सर्किट हाउस पहुंचे। उनके साथ आईजी सुजीत पांडेय, डीआईजी लक्ष्मी सिंह और एसएसपी डीसी दूबे भी थे। उनके आगमन से पहले ही कैबिनेट मंत्री शाहिद मंजूर मौजूद थे। उन्होंने मंत्री से फोन पर वार्ता की। सर्किट हाउस पर अल्प विराम करने के बाद वे करीब सवा सात बजे पुलिस लाइन में सभी थानेदारों और सीओ की मीटिंग लेने पहुंचे। उन्होंने करीब एक घंटा मीटिंग ली।

जल्द सुनवाई हो

पुलिस अधिकारियों के ऑफिसेज में पब्लिक की शिकायतों का अंबार लगते जा रहा है। यही नहीं लोग शासन तक शिकायतों का पुलिंदा भेज रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह थाना स्तर पर लोगों की सुनवाई न करने का नतीजा है। इससे आम लोगों के बीच पुलिस के प्रति विश्वास घट रहा है। स्थानीय थाने की कार्यप्रणाली से पब्लिक बेहद नाराज है। अधिकारियों की चौखट पर जनसुनवाई के मामले बढ़ते जा रहे हैें। इसको लेकर उन्होंने सभी थानेदारों के पेच कसें। उन्होंने आदेश दिया कि क्राइम से संबंधित सभी तरह के मामले थाना स्तर पर ही निपटाए जाने चाहिए। ताकि पब्लिक के बीच स्थानीय पुलिस के प्रति विश्वास बढ़े और उनको अधिकारियों से शिकायत करने का मौका न मिले।

अनुशासन पर जोर

पुलिस द्वारा अनुशासन तोड़ने की कई शिकायतें मिल रही हैं। इस पर उन्होंने बेहद नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि अनुशासन में रहते हुए पुलिस को स्मार्ट काम करना है। पहले की तरह चलताऊ काम नहीं करना है। जिससे मामलों की विवेचनाएं महीनों चलती हैं। क्राइम का ग्राफ बढ़ रहा है तो तो उसे सॉल्व करने के लिए पुलिसिंग भी स्मार्ट होनी चाहिए। उन्होंने इसी कॉनसेप्ट पर सभी पुलिस अधिकारियों को विस्तार से संबोधित किया। केस सॉल्व करने में हर संभव टेक्नोलॉजी की मदद लेने की सीख दी। थानेदारों और सीओ के साथ डीजीपी की यह मीटिंग करीब सवा 8 बजे तक चली।