- नकली दवा के कारोबार से जुड़ा है तार, गिरोह को शक हुआ कि धीरज ही करवा रहा छापेमारी

- एक महीने पहले पकड़े गए नकली दवा के कारोबारियों ने लिया था धीरज का नाम

PATNA: दवा बिजनेसमैन धीरज साव की हत्या मामले का तार नकली दवा कारोबार से जुड़ गया है। नकली दवा कारोबार से जुड़े सरगना को यह शक हो गया था कि लगातार नकली दवा के कारोबार में हो रही छापेमारी के पीछे धीरज का हाथ है। पुलिस को भी इस बात के पुख्ता सबूत मिल रहे हैं। इसी दिशा में पुलिस जांच कर रही है। जल्द ही इस मामले में कुछ सफलता मिल सकती है, मगर हत्यारों तक फिलहाल पुलिस के हाथ नहीं पहुंच सके हैं। पुलिस सोर्सेज की मानें, तो इस कांड में भी पटना के कुख्यात अपराधी रवि गोप गिरोह का हाथ सामने आ रहा है। पुलिस की मानें, तो वह नकली दवा के कारोबार से जुड़ा है। ऐसे कारोबारियों से रुपए की उगाई भी वह करता है। वर्ष 2010 में भी अतुल पाण्डेय की इसी तरीके से गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

एसकेपुरी केस में अपराधियों ने लिया था नाम

धीरज की हत्या के तार एसके पुरी थाना के केस 1888/क्ब् से जुड़ने लगे हैं। दरअसल, जून महीने में ही पुलिस ने भ्0 लाख के नकली दवा बरामद किए थे और आधा दर्जन लोगों को गिरफ्तार भी किया था। इस कांड में अपराधियों ने कंफेशन के दौरान धीरज साव का नाम लिया था, जिसके बाद धीरज के दुकान में भी रेड हुई थी, लेकिन उस समय धीरज के दुकान से नकली दवायें नहीं मिली थी। इसके बाद कई दुकानों में छापेमारी होनी शुरू हुई थी और इन धंधेबाजों का शक धीरज की ओर जाने लगा। पुलिस सोर्सेज की मानें, तो एसके पुरी थाना के नकली दवा मामले में त्रिलोकी नाम के व्यक्ति की संलिप्तता रही। धीरज की हत्या मामले में भी पुलिस उसे तलाश रही है। त्रिलोकी के बारे में बताया जाता है कि वह रवि गोप गिरोह से जुड़ा है। उसके इशारे पर ही काम करता है। अगर उससे पूछताछ हो तो कई राज खुल सकते हैं। पुलिस सोर्सेज की मानें, तो रवि का भी नकली दवा के कुछ कारोबारियों के साथ पार्टनरशिप में काम होता है। पुलिस के जांच का एक पहलू इन कारोबारियों की ओर जा रहा है। देखना है कांड से जुड़े अपराधियों को पकड़ने में इससे कितनी सफलता मिल पाती है।