- विकास भवन में मूलभूत जरूरतों को नजरअंदाज कर सीडीओ संवार रहे चैंबर

- कर्मचारियों के मुताबिक रेनोवेशन के चौथाई बजट से ही संवर जाते शौचालय

BAREILLY: विकास भवन में सीडीओ का चैंबर चमकाने की कवायद शुरू हो गई है। वहीं इसी भवन में कर्मचारियों के लिए बना शौचालय मरम्मत की बांट जोह रहा है। जानकारी सभी को है लेकिन कोई पूछने वाला नहीं है। सीडीओ के चैंबर के रेनोवेशन में करीब भ् लाख रुपए का बजट खर्च होगा। जबकि कई रेनोवेशन के चौथाई बजट के खर्च पर ही म् शौचालय मेंनटेन हो सकते हैं, लेकिन 'सीडीओ साहब' ने शौचालयों की आवश्यकताओं को दरकिनार कर चैंबर चमका में जुट अधिक रुचि दिखा रहे हैं। बकौल सीडीओ महिला कर्मचारियों ने कई बार टॉयलेट को लेकर शिकायत की है लेकिन बजट न होने से काम नहीं हो पा रहा है।

क्या कहते हैं कर्मचारी

'चैंबर के दिन इतने भी बुरे नहीं आए थे कि उसको तुरंत बनाया जाए। टॉयलेट को साफ सफाई कराने और मरम्मत की मांग काफी पहले से की जा रही है। इसके बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की जा रही। है। कर्मचारियों का कहना है कि स्वच्छ पानी के लिए भी कर्मचारी तरस रहे हैं, लेकिन उसके लिए भी कोई ठोस इंतजाम अभी तक नहीं किए गए। मूलभूत सुविधाओं को दरकिनार करने से कर्मचारियों में सीडीओ के प्रति आक्रोश है। कर्मचारी यूनियन का कहना है कि सीडीओ को अपने चेंबर के साथ-साथ कर्मचारियों की सुविधाओं के बारे में भी ख्याल करना चाहिए। आखिर टॉयलेट की मरम्मत भी तो जरूरी है।

दावों का हकीकत से नहीं कोई वास्ता

सीडीओ शिवसहाय अवस्थी ने विकास भवन में पदभार संभालते ही क्भ् दिनों के अंदर टॉयलेट की साफ सफाई और मरम्मत का दावा किया था, लेकिन तीन महीने गुजरने के बाद भी नतीजा सिफर रहा। ास ास भवन के क्भ् विभागों के लिए हर फ्लोर पर महिला और पुरुष टॉयलेट बने हैं। जिनकी सफाई के लिए कर्मचारी नहीं हैं। इनमें सुविधाओं के नाम पर केवल अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है। विकास भवन में दशकों पहले बने टॉयलेट के दरवाजे नीचे की ओर से टूट चुके हैं। दरवाजों में सीलन लगी हुई है। टॉयलेट की छत टपक रही है। करीब दर्जन भर नल टूट चुके हैं। दो वॉशरूम में पानी अवलेबल नहीं है। फर्श भी टूटे हैं।

कुछ ऐसा होगा सीडीआे का चैंबर

सीडीओ कार्यालय पूरी तरह से माडर्न पैटर्न पर रेनोवेट किया जा रहा है। इसमें फर्श को तोड़कर टाइल्स, चूने की पुताई को उखाड़कर डिस्टेम्पर पेंट और टेंचर वर्क कराया जा रहा है। इसके अलावा बेहतरीन डिजाइन के फर्नीचर और एलईडी लाइट्स की चकाचौंध का अरेंजमेंट हो रहा है। नए पंखे और वायरिंग की भी व्यवस्था हो रही है। इसके अलावा कार्यालय से अटैच शौचालय की दीवारों पर नई टाइल्स से रेनोवेट किया जा रहा है। रेनावेशन का कुल खर्च करीब भ् लाख से ज्यादा का है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक रेनोवेट हो रहे कार्यालय के लिए किसी तरह का बजट का खाका नहीं बनाया गया। केवल ठेकेदारों के मार्फत काम किया जा रहा है। जिसका खर्च भी क्लबिंग के जरिए उठाया जाएगा।

कार्यालय की दशा ठीक नहीं थी। इसलिए इसे रेनोवेट किया जा रहा है। शौचालयों की दशा भी खराब है। उसके लिए एस्टीमेट तैयार कराया जा रहा है। बजट मिलते ही काम शुरू हुआ हो जाएगा।

शिव सहाय अवस्थी, सीडीओ