-सिटी में फि1स रिस्पॉन्स टाइम 15 मिनट तो रूरल में है 20 मिनट

-एमडीटी, मोबाइल और वायरलेस में प्रॉ4लम बन रही दि1कत

BAREILLY: मुसीबत में फंसी प4िलक को तुरंत हेल्प पहुंचाने के लिए यूपी 100 की शुरुआत की गई थी। यूपी 100 को शुरू हुए एक वर्ष से अधिक समय हो चुका है, लेकिन अ5ाी 5ाी प4िलक को समय पर हेल्प नहीं मिल रही है। यूपी 100 की पीआरवी (पुलिस रिस्पॉन्स व्हीकलल) का रिस्पॉन्स, तय टाइम से चार गुना अधिक टाइम लग रहा है। कई पीआरवी तो एक से डेढ़ घंटे की देरी से मौके पर पहुंच रही हैं। जबकि सिटी में 15 मिनट में पहुंचना होता और रूरल एरिया में 20 मिनट में पहुंचना होता है। ऐसे में, साफ अंदाजा लगाया सकता है कि प4िलक को किस तरह से हेल्प मिल रही होगी। डेढ़ घंटे देरी से पहुंचने पर पीआरवी स्टाफ से जबाव तलब किया गया है। शुरुआती जांच में टे1िनकल प्रॉ4लम बताई जा रही है।

5 पीआरवी 1 घंटे से अधिक समय में पहुंची

बरेली में एक या दो पीआरवी का यह हाल नहीं है बल्कि एक-एक दिन में 5-5 पीआरवी एक घंटे की देरी से मौके पर पहुंच रही हैं। एक पीआरवी तो एक ही दिन में एक घंटे से अधिक समय में पहुंची। एक इवेंट पर यह पीआरवी 1 घंटा 26 मिनट में पहुंची तो दूसरी बार 1 घंटा 8 मिनट में पहुंची। इसी तरह से तीसरी पीआरवी1 घंटा 25 मिनट, , चौथी पीआरवी 1 घंटा 6 मिनट और पांचवी पीआरवी 1 घंटा 3 मिनट में पहुंची। इन स5ाी पीआरवी से जवाब मांगा गया है।

वाराणसी में 3 घंटे तक की देरी

पूरे प्रदेश की बात करें तो एक दिन में 58 पीआरवी एक घंटे से अधिक समय में पहुंची। सबसे ज्यादा समय वाराणसी की पीआरवी ने लिया। टॉप थ्री की लिस्ट में टॉप टू पीआरवी वाराणसी की हैं और थर्ड नंबर पर देवरिया है। वाराणसी की पीआरवी 3 घंटे 40 मिनट और 2 घंटा 46 मिनट में पहुंची। देवरिया की पीआरवी 2 घंटे 45 मिनट में पहुंची। एक घंटे से अधिक समय में पहुंचने वाली पीआरवी के रिकार्ड पर गौर करें तो एक घंटा 6 सेकंड है।

मडीटी से लेकर वायरलेस तक प्रॉ4लम

यूपी 100 के तहत सूचना पहुंचाने के लिए ल2ानऊ कंट्रोल रूम से एमडीटी (मोबाइल डाटा टर्मिनलल) स्मार्टफोन और कंट्रोल रूम को सूचना दी जाती है। यूपी 100 की शुरुआत से ही एमडीटी में प्रॉ4लम आ रही हैे, जिसकी वजह से पीआरवी में इवेंट ही नहीं पहुंच पाता है। इसी तरह से स्मार्टफोन ही 2ाराब हो रहे हैं। बरेली से 7 स्मार्ट फोन 2ाराब हैं, जिन्हें ल2ानऊ बनने के लिए 5ोजा गया है। इसी तरह से रोजाना स्मार्टफोन 2ाराब हो रहे हैं। बरेली में लग5ाग आधे स्मार्टफोन 2ाराब हो चुके हैं। सबसे अधिक प्रॉ4लम टच में आ रही है। टच की वजह से मेसेज ही नहीं पहुंचता है और कई बार न तो कॉल रिसीव होती है। यही नहीं इसकी वजह से पीआरवी स्टॉफ कॉलर से संपर्क नहीं कर पाता है। लॉस्ट ऑप्शन वायरलेस का होता है, कई एरिया में तो यह 5ाी प्रॉ4लम करता है।

ऐसे काम करता है सिस्टम

सबसे पहले कोई 5ाी कॉलर 100 नंबर पर कॉल करता है। कॉल ल2ानऊ में बने यूपी 100 के हेड1वार्टर में जाती है। यहां पर कॉल ऑफिसर कॉल रिसीव कर इन्फॉरमेशन नोट करते हैं। जिसके बाद डिस्पैच ऑफिसर उस एरिया में मौजूद पीआरवी को एमडीटी पर मेसेज सेंड करते हैं। एमडीटी पर इवेंट आने पर एकनॉलेज करना होता है। उसके बाद इन रूट, एराइव, और ए1शन टेकेन रिपोर्ट 5ारनी होती है। एमडीटी पर एकनॉलेज न करने पर स्मार्टफोन पर मेसेज 5ोजा जाता है। यहां से 5ाी रिस्पॉन्स न मिलने पर डिस्ट्रि1ट कंट्रोल रूम को सूचना दी जाती है और कंट्रोल रूम से पीआरवी मौके पर 5ोजी जाती है।

यहां 5ाी पहुंचता है मैसेज

किसी 5ाी घटना यानी इवेंट का मेसेज सिर्फ पीआरवी पर ही नहीं पहुंचता है बल्कि निर्धारित रेस्पांस टाइम एसएसपी, एसपी सिटी, उस एरिया के सीओ और उस एरिया के थाना प्र5ारी के मोबाइल 5ाी इवेंट जाता है। जब 5ाी कोई बड़ा मामला होता है तो इन अधिकारियों को 5ाी रिस्पांस करना होता है। डिस्ट्रि1ट में एसपी ट्रैफिक को नोडल ऑफिसर बनाया गया है। वह लेट पहुंचने वाली पीआरवी पर नजर र2ाते हैं। इसके अलावा टे1िनकल प्रॉ4लम को रेडियो डिपार्टमेंट दे2ाता है।

हेड1वार्टर से आ रहे अधिकारी

पीआरवी समय पर पहुंच रही हैं और उसमें मौजूद स्टॉफ लापरवाही नहीं कर रहा है। इसके लिए रोजाना पीआरवी की अधिकारियों के द्वारा चेकिंग की जाती है और लापरवाही के हिसाब से ए1शन लिया जाता है। अब अलग-अलग तरह की प्रॉ4लम दूर करने के लिए हेड1वार्टर से 5ाी एडिशनल एसपी प्रत्येक जिले में जाकर निरीक्षण कर रहे हैं। बरेली में 16 दिसंबर को एडिशनल एसपी हरेंद्र कुमार निरीक्षण करने आ रहे हैं।

-15 मिनट सिटी-और 20 मिनट रूरल एरिया में

-डेढ़ घंटे की देरी से पहुंच रहीं कई पीआरवी

-1102 एमडीटी जोन में जिसमें से 1082 का रिस्पॉन्स एमडीटी पर

-876 एमडीटी जोन में रिपोर्ट 1लोज हो सकी

-84 पीआरवी, जिसमें 79 ऑन फील्ड और 5 रिजर्व

-43 पीआरवी रूरल में और 36 सिटी एरिया में

जिले में अब रिस्पॉन्स टाइम बेहतर हुआ है। औसतन सिटी में 15 और रुरल में 20 मिनट में पीआरवी पहुंच रही हैं। कुछ पीआरवी टे1िनकल प्रॉ4लम की वजह से काफी देरी से पहुंची है। उसमें रिपोर्ट मंगाकर कार्रवाई की जाएगी।

कमलेश बहादुर, नोडल ऑफिसर यूपी 100