लीबिया के तानाशाह कर्नल मुअम्मर गद्दाफी की हत्या के मामले में सनसनीखेज रहस्योद्घाटन हुआ है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक पिछले साल सिर्ते में विद्रोहियों ने नहीं बल्कि एक फ्रांसीसी सीक्रेट एजेंट ने फ्रांस के एक्स प्रेसिडेंट निकोलस सरकोजी के आर्डर पर गद्दाफी के सिर में गोली मारी थी। यह एजेंट उस भीड़ में शामिल हो गया जो सुरंग में छिपे गद्दाफी को पकड़े जाने के बाद उसे घेरे हुई थी। करीब 42 वर्षों तक लीबिया पर शासन करने वाले गद्दाफी को सिर और दोनों पैरों में गोली मारी गई थी। उस वक्त कहा गया था कि वहां मौजूद विद्रोहियों ने गद्दाफी की हत्या की।

 

डेली मेल ने पॉलिटिकल इंफारर्म के हवाले से कहा है कि हत्या के पीछे मंशा यह थी कि गद्दाफी को सरकोजी के साथ संदिग्ध संबंधों को लेकर पूछताछ से रोका जाए। उस समय सरकोजी फ्रांस के राष्ट्रपति थे। कहा जाता है कि 2007 के चुनाव के लिए गद्दाफी ने सरकोजी को लाखों डॉलर दिए थे। वैसे युरोपियन कंट्रीज से सरकोजी एकमात्र नेता नहीं थे, जिनके गद्दाफी से निकट संबंध थे। ब्रिटेन के एक्स प्राइम मिनिस्टर टोनी ब्लेयर रेग्युलरली गद्दाफी से मिलने जाते थे और उन्हें अरबों पौंड के व्यापार समझौते को आसान बनाने में मदद कर रहे थे। इटली के न्यूज पेपर कोरिएरा डेला सेरा का भी कहना है कि फ्रांसीसी एजेंट सरकोजी के डायरेक्शन पर काम कर रहा था।

अखबार ने कहा है कि गद्दाफी के खिलाफ विद्रोह को नाटो का समर्थन मिलने पर लीबियाई तानाशाह ने सरकोजी के साथ अपने संबंधों को उजागर करने की धमकी दी थी। गद्दाफी ने सरकोजी को 2007 के चुनाव अभियान के लिए दी गई लाखों डॉलर की राशि के बारे में भी इनफा रमेशन लीक करने की धमकी दी थी। गौरतलब है कि नाटो के कदम का सरकोजी सरकार ने समर्थन किया था। लास्ट मई में फ्रांसीसी राष्ट्रपति का चुनाव हार जाने वाले सरकोजी ने गद्दाफी से एड लिए जाने से लगातार इन्कार किया है। गद्दाफी शासन के पतन के बाद लीबिया में अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने वाले महमूद जिबरिल ने गद्दाफी की मौत में फ्रांसीसी एजेंट के शामिल होने वाली रिपोर्ट को कंफर्म किया है।

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