- रीजनल स्टेडियम में होगी लगभग 17 गेम्स की प्रैक्टिस

- हर गेम ने बढ़ाया है देश का मान

- चन्द्रविजय सीनियर इंडियन टीम के कोच तो हॉकी में कई खिलाड़ी रह चुके हैं देश की शान

GORAKHPUR : गोरखपुर को खेल की धरती कहा जाता है। यहां के खिलाडि़यों ने रेसलिंग में दम दिखाया है तो क्रिकेट के शॉट भी लगाए। बैडमिंटन में जलवा दिखाया तो हॉकी में इंडिया टीम की शान बन गए। सिटी में बना रीजनल स्पो‌र्ट्स स्टेडियम एक ग्राउंड होने के बावजूद लगभग क्भ् से अधिक गेम की पौध तैयार कर रहा है। जहां गेम की बारीकी सीखने वाले खिलाड़ी प्रदेश और देश की शान बन रहे हैं। फिर चाहे ओलंपियन अली सईद, अर्जुन अवार्डी प्रेम माया, इंटरनेशनल खिलाड़ी जिल्लुर्रहमान हो या फिर व‌र्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में देश को पहला मेडल दिलाने वाले रेसलिंग कोच चन्द्रविजय सिंह, सभी रीजनल स्टेडियम में प्रैक्टिस करते थे।

क्7 गेम्स की होगी प्रैक्टिस

रीजनल स्टेडियम मल्टीपरपज ग्राउंड है। जहां एक, दो नहीं बल्कि इस बार क्7 गेम्स की प्रैक्टिस होने की उम्मीद हैं। स्पो‌र्ट्स डिपार्टमेंट भले इन गेम्स का कैंप एलॉट करें या न करें, मगर प्रैक्टिस रेगुलर होती है। लास्ट इयर क्रिकेट, बैडमिंटन, जूडो समेत कई गेम का कैंप नहीं मिला था, मगर प्रैक्टिस लगातार हो रही थी। इस बार भी स्टेडियम में करीब क्7 गेम में एडहॉक कोच के फॉर्म भरने की उम्मीद है। डिपार्टमेंट जितने गेम का कैंप एलॉट करेगा, उसके साथ बाकी गेम की भी रेगुलर प्रैक्टिस होने की उम्मीद है। हालांकि लास्ट इयर क्0 गेम का कैंप मिला था, जबकि रेसलिंग, हॉकी, फुटबाल, क्रिकेट, कबड्डी, जूडो, वॉलीबाल, पॉवरलिफ्टिंग, हैंडबाल, एथलेटिक्स, खो-खो, बैडमिंटन, जिम्नास्टिक और स्विमिंग गेम की प्रैक्टिस हो रही थी।

रीजनल स्पो‌र्ट्स ग्राउंड मल्टीपरपज ग्राउंड है। हमारी कोशिश रहती है कि अधिक से अधिक खिलाड़ी अपने गेम की प्रैक्टिस कर सकें। जिससे सिटी के साथ देश को टैलेंटेड खिलाड़ी मिलें। इस बार कई नए गेम स्टार्ट होने की उम्मीद है।

अश्विनी कुमार सिंह, आरएसओ

रीजनल स्टेडियम में इन गेम की हो सकती है प्रैक्टिस

-क्रिकेट

-हैंडबाल

-रेसलिंग

-बैडमिंटन

-जिम्नास्टिक

-टेबल टेनिस

-स्विमिंग

-बॉक्सिंग

-पॉवर लिफ्टिंग

-खो खो

-कबड्डी

-फुटबाल

-हॉकी

-एथलेटिक्स

-बास्केटबाल

-वॉलीबाल

-जूडो