- बेटे के हत्यारों को पकड़ने के लिए लिए मां ने अपनी बेटी व ननद के साथ किया आत्मदाह का प्रयास

- बीते 31 मार्च को हुई थी सचिन की हत्या। अभी तक पुलिस ने किसी को नहीं पकड़ा

Meerut: परतापुर के घाट गांव में हुए सचिन हत्याकांड का खुलासा नहीं होने पर शुक्रवार को डीआईजी ऑफिस पर उसकी मां और परिवार के दो अन्य महिलाओं ने आत्मदाह का प्रयास किया। डीआईजी कार्यालय पर हुए इस तरह की घटना से वहां मौजूद पुलिसकर्मियों में हड़कंप मच गया। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उनसे पेट्रोल छिनकर किसी तरह काबू पाया। मौके पर सिविल थाना और महिला थाना पुलिस पहुंच गई।

डबल मर्डर में वांछित था सचिन

गत 31 मार्च को 23 वर्षीय सचिन की घेर से बुलाकर हत्या कर दी गई थी। वेदव्यासपुरी में वर्ष 2015 में हुए डबल मर्डर के मामले में सचिन चश्मदीद गवाह था। इस मामले में करीब एक माह पूरा होने को है, लेकिन थाना पुलिस ने इस संबंध में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। यही नहीं अभी तक तो पुलिस हत्या के कारण का भी पता नहीं लगा पाई है। हत्यारोपियों को पकड़ने को लेकर परिजन कई बार पुलिस से गुहार लगा चुके हैं। शुक्रवार को करीब साढ़े तीन बजे सचिन की मां सुरेश अपनी ननद विमलेश और बेटी पूजा के साथ डीआइजी लक्ष्मी सिंह के कार्यालय पहुंची। उस समय डीआईजी जिले से बाहर थीं। उन्होंने काफी देर तक उनका इंतजार किया।

ऑफिस में ही पेट्रोल उड़ेला

काफी देर के इंतजार के बाद सचिन की मां सुरेश और उनके साथ आई दोनों महिलाओं ने डीआईजी कार्यालय में ही अपने ऊपर पेट्रोल उड़ेल लिया और सामूहिक आत्मदाह का प्रयास किया। वहां पर मौजूद पुलिसर्मियों में हड़कंप मच गया। उन्होंने तुरंत महिलाओं को काबू कर वायरलेस पर सूचना दी। जिसके बाद सिविल लाइंस और महिला थाना पुलिस पहुंची। पुलिस के सामने महिलाएं हंगामा करती रहीं। उन्होंने पुलिसकर्मियों पर कई आरोप लगाए। मौके पर मौजूद सीओ सिविल लाइंस बीएस वीर कुमार ने उन्हें आश्वासन देकर पंद्रह पुलिसकर्मियों ने किसी तरह से काबू करने का प्रयास किया और वायरलेस सेट पर सूचना दी। इसके बाद महिलाओं को महिला थाने लाया गया। यहां सीओ सिविल लाइन ने 15 दिन में कार्रवाई का आश्वासन दिया।

पुलिस पर रिश्वत लेने का आरोप

सचिन की मां ने पुलिस पर रिश्वत लेकर केस दबाने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि थाना पुलिस ने दो लोगों को पूछताछ के लिए उठाया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की उन्हें छोड़ दिया गया। पुलिस रुपए लेकर आरोपियों को छोड़ देती है। उन्होंने बताया कि वे कई बार आईजी और डीआईजी से मिलीं, लेकिन किसी ने उनकी एक नहीं सुनी। महज आश्वासन देकर टरका दिया।

काफी देर तक चलता रहा हंगामा

डीआईजी ऑफिस पर महिलाओं का हंगामा काफी देर तक चलता रहा। वे मानने को तैयार नहीं थीं। सचिन की मां सुरेश चीख-चीख कर कह रही थी कि बेटा तो मर गया, वे जिंदा रहकर क्या करेंगी। सूचना फ्लैश करने पर भी महिला और सिविल लाइंस थाना पुलिस काफी देर बाद पहुंची, जिस वजह से हंगामा देर तक चलता रहा। तब तक डीआईजी कार्यालय पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने नहीं पूरी घटना को काबू में रखा।

परिजनों को पंद्रह दिन का टाइम दिया गया है। उन्हें हत्यारों को पकड़ने का आश्वासन दिया गया है। फिलहाल वे तीनों पुलिस हिरासत में हैं और महिला थाने में रखा गया है। थाना पुलिस को जल्द कार्रवाई के लिए निर्देशित कर दिया गया है।

- बीएस वीर कुमार, सीओ सिविल लाइंस