PATNA : पटना के थानेदार इन दिनों डबल टेंशन में हैं। एक तरफ अपराधी हाथ नहीं आ रहे हैं तो दूसरी तरफ पैसे से हाथ खाली है। थानेदारों का ऐसा हाल कभी नहीं था। अपराध का ग्राफ बढ़े या घटे उनकी सेहत पर कोई खास असर नहीं पड़ता था, लेकिन अब पटना सेंट्रल के डीआईजी राजेश कुमार के एक एक्शन में सभी चित्त हो गए हैं। डीआईजी ने पटना के 70 थानेदारों का वेतन रोक दिया है जो पिछले एक सप्ताह से एक भी अपराधी नहीं पकड़ पाए हैं। थानेदारों की इस बड़ी लापरवाही से नाराज डीआईजी ने कई एसएचओ सहित पुलिस पदाधिकारियों से जवाब तलब किया है। -डीआईजी का अल्टीमेटम नहीं मानना पड़ गया सब पर भारी डीआईजी पटना सेंट्रल राजेश कुमार ने क्क् नवंबर को रेंज के अपराधों की समीक्षा करने के बाद थानेदारों को अल्टीमेटम दिया था कि वह जल्द से जल्द हत्या, लूट, रंगदारी, डकैती, फिरौती और अपहरण जैसे संगीन अपराधों में वांछित बदमाशों को गिरफ्तार कर जेल भेजें। डीआईजी ने आदेश दिया था कि इसमें लापरवाही करने वालों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा, लेकिन न तो गंभीर अपराधों में वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी हुई और न ही इस दिशा में कोई ठोस प्लान बनाया जा सका। जब डीआईजी ने फिर अपराधों और अपराधियों की गिरफ्तारी की समीक्षा की तो फरार अपराधियों का आंकड़ा वहं मिला जो पहले था। -70 थानेदार डीआईजी की परीक्षा में फेल एक दो नहीं बल्कि पटना के 70 थानेदार डीआईजी की परीक्षा में फेल हो गए हैं जिसमें उन्हें टारगेट पर काम करने का निर्देश दिया गया था। डीआईजी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार ये 70 थानेदार डीआईजी के टारगेट पर शून्य रहे। विशेष अभियान में थानेदारों के फेल होने से डीआईजी काफी नाराज हैं और इस पर कड़ा एक्शन लिया है। डीआईजी का प्लान है कि काम नहीं करने वालों की जगह पुलिस लाइंस में होगी अगर उन्हें थाना में रहना है तो काम करना होगा। अपराधियों की गिरफ्तारी में फेल पटना के 70 थानेदारों का वेतन रोक दिया गया है। सात दिन के अंदर वह एक भी अपराधी गिरफ्तार नहीं कर पाए हैं जो जघन्य अपराध में वांटेड हैं। क्0 पुलिस पदाधिकारियों की लापरवाही भी सामने आई है जिसमें फ् दिन में जवाब तलब किया गया है। अगर पुलिस की सुस्ती ऐसी रही तो और बड़ा एक्शन होगा। राजेश कुमार, डीआईजी पटना एक साथ 70 थानेदारों का वेतन रोकना उचित नहीं है। सजा का कई रूप है और जरूरी नहीं की वेतन रोका जाए। अब बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी तथा गलत परम्परा चलन में आएगी। ऐसे कारणों से सुसाइड व अन्य घटनाएं होती है। मृत्युंजय कुमार सिंह, प्रांतीय अध्यक्ष बिहार पुलिस एसोसिएशन