- सीबीएसई अपने सभी कॉम्पिटीटिव एग्जाम्स में लागू करेगी डिजिटल अटेंडेंस

-कैंडिडेट के आधार से लिंक होगी डिजिटल अटेंडेंस

-एग्जाम्स में लगातार बढ़ रही धांधली को देखते हुए लिया फैसला

ravi.priya@inext.co.in

DEHRADUN: देशभर के विभिन्न कॉम्पिटीटिव एग्जाम्स में नकल, धांधली और फर्जी तरीके से एग्जाम्स में शामिल होने वाले मुन्नाभाइयों की हर प्लानिंग अब धरी की धरी रह जाएगी। उत्तराखंड की बात करें तो यहां भी तस्वीर कुछ अलग नहीं है। आंकड़ों की बात करें तो पिछले दो सालों में यहां भ्0 से ज्यादा मुन्नाभाई धरे जा चुके हैं। अब बोर्ड ने अपने सभी एग्जाम्स में ऐसा फिल्टर लगाने का फैसला किया है कि धांधली हो ही नहीं पाएगी। बोर्ड ने ऐसे मुन्नाभाइयों पर लगाम लगाने के पुख्ता इंतजाम किए हैं। बोर्ड ने अपनी सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में कैंडिडेट्स की हाजिरी डिजिटली लेने का फैसला किया है।

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) से जुड़े कॉम्पिटीटिव एग्जाम्स में अब मुन्नाभाई फटक भी नहीं सकेंगे। बोर्ड अपने सभी एग्जाम्स को हाई सिक्योरिटी से लैस करने जा रहा है। नई पहल के तहत बोर्ड अब अपने सभी कॉम्पिटीटिव एग्जाम्स में डिजिटल अटेंडेंस सिस्टम को लागू करने जा रहा है। बोर्ड अभी तक जेईई मेंस, नीट, यूजीसी नेट, सीटीईटी आदि एग्जाम का संचालन करता है। नए नियम के तहत इन तमाम एग्जाम्स में कैंडिडेट्स की हाजिरी डिजिटली ली जाएगी।

हर साल पकड़े जाते हैं मुन्नाभाई

उत्तराखंड की बात करें तो यहां भी मुन्नाभाइयों का जाल अंदर तक फैला है। बीते दो सालों में ही मेडिकल परीक्षाओं में भ्0 मुन्नाभाई पकड़ में आ चुके हैं। आलम यह है कि बीते अगस्त माह में मेडिकल परीक्षा के दौरान नौ मुन्नाभाई पकड़े गए। यहां उत्तराखंड आयुष प्री मेडिकल टेस्ट के दौरान पुलिस ने 9 से ज्यादा युवकों को किसी और की जगह एग्जाम देते गिरफ्तार किया था। जांच के दौरान लगभग दो दर्जन फर्जी एडमिट कार्ड से एग्जाम देने वालों की भी सूचना थी, जिनमें से क्ख् पुलिस के हाथ भी लगे। फर्जी तरीके से किसी और की जगह एग्जाम देने के लिए यूपी, बिहार और उत्तराखंड में गिरोह सक्रिय हैं। इसके अलावा कई ऐसे दूसरे एग्जाम्स हैं जिनमें दूसरे की जगह कोई और ही शख्स फर्जी तरीके से एग्जाम में बैठा मिलता है।

आधार कार्ड से होगा लिंक

अभी तक डिजिटल अटेंडेंस केवल बायोमेट्रिक होती थी। लेकिन अब बायोमेट्रिक डिजिटल अटेंडेंस एप्लीकेंट के आधार से भी लिंक होगी। जिसके तहत एग्जाम के लिए आवेदन करने वाले कैंडिडेट आवेदन के समय जो आधार नंबर फॉर्म पर अपडेट करेंगे उसी हिसाब से एग्जाम के दौरान अटेंडेंस में भी कैंडिडेट्स के उंगली के निशान से उसके आधार और आवेदन की पूरी जानकारी से मिलान किया जा सकेगा। ऐसे में अगर दोनों जानकारियों में अंतर पाया जाता है तो गड़बड़ी करने वाले आवेदक आसानी से धरे जा सकेंगे।

दून में क्या है कैंडिडेट्स का आंकड़ा

-क्भ्000 से ज्यादा छात्र हर बार जेईई मेन्स में होते हैं शामिल।

-क्ख्000 से ज्यादा छात्र मेडिकल के लिए देते हैं एग्जाम

-7000 से ज्यादा छात्र हर बार देते हैं नेट एंट्रेंस

-क्0000 के करीब छात्र हर बार देते हैं सीटीईटी एग्जाम

(ये सभी एग्जाम्स सीबीएसई कंडटक्ट कराता है)

वर्जन---

बोर्ड की इस पहल से जहां व्यवस्था डिजिटली स्ट्रॉन्ग होगी, वहीं कॉम्पिटीटिव एग्जाम्स में सुरक्षा व्यवस्था भी चाक चौबंद होगी। इससे एग्जाम्स में फर्जीवाड़ों पर रोक लगेगी।

- डा। इंद्रजीत सिंह, प्रिंसिपल, केंद्रीय विद्यालय नंबर-क्, हाथीबड़कला

एग्जाम के दौरान नकलची पकड़े जाने के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। ऐसे में डिजिटल अटेंडेंस सिस्टम काफी कारगर साबित होगा। हालांकि कई एग्जाम्स में बोर्ड बायोमेट्रिक अटेंडेंस लेता है, लेकिन आधार से लिंक होने से सुरक्षा और बेहतर होगी।

- वैभव राय, परीक्षा विशेषज्ञ, वीआर क्लासेज