RANCHI : रिम्स में अब मरीजों को दोपहर में बना खाना रात में नहीं परोसा जाएगा। अब मरीजों के लिए भोजन बनाने का काम दिन के तीन बजे से शुरू होगा, ताकि उनके बेड तक समय पर ताजा खाना पहुंचाया जा सके। मालूम हो कि दिन के 12.30 बजे ही रात का भी भोजन बना दिए जाने की शिकायत मिलने पर हॉस्पिटल के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट डॉ गोपाल श्रीवास्तव ने किचन संचालक को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि जब मरीजों को रात में खाना परोसा जाना है तो फिर दोपहर में ही भोजन बनाने का क्या तुक है। सात से आठ घंटा पहले बना भोजन मरीजों को परोसा जाना उनकी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। ऐसे में भोजन बनाने का काम दिन के तीन बजे से शुरू हो।

अगर ब्रेकडाउन हो तो

डिप्टी सुपरिंटेंडेंट डॉ गोपाल श्रीवास्तव ने किचन संचालक को साफ-साफ कहा कि किसी भी कीमत में मरीजों के लिए रात का भोजन अहले दिन में नहीं बनना चाहिए। खाना बनाने का काम शाम में हो। उन्होंने यह भी कहा कि किचन में खाना बनाने के लिए मशीनों का इस्तेमाल होता है। अगर किन्हीं वजहों से कोई मशीन ब्रेकडाउन हो तो खाना जल्द बनाया जाए, पर सामान्य परिस्थितियों में भोजन दोपहर तीन बजे से ही बनना शुरू होना चाहिए।

पीएम जनसंवाद पहुंचा मामला

रिम्स में इन दिनों किचन को लेकर हॉट टॉक चल रहा है। खाने में गड़बड़ी तो कभी खाने की क्वालिटी को लेकर हॉस्पिटल प्रशासन को लगातार शिकायतें मिल रही है। अब ये मामला प्रधानमंत्री जन संवाद तक पहुंच चुका है। उपेंद्र यादव नाम के एक शख्स ने मरीजों को परोसे जाने वाले खाने को लेकर प्रधानमंत्री जनसंवाद में शिकायत दर्ज कराई है। इस बाबत रिम्स प्रशासन ने अप-टू-डेट रिपोर्ट मांगी गई है, जिसे लेकर अधिकारियों में हड़कंप है।

क्या दर्ज कराई है शिकायत

शिकायतकर्ता ने कहा है कि पहले यहां मरीजों को हाइजेनिक खाना परोसा जाता था, लेकन वर्तमान किचन संचालक द्वारा तय से कम डाइट के अलावा खराब फल मरीजों को दिया जा रहा है। इसके अलावा नॉन वेज अब मरीजों को नहीं दिया जा रहा है। इतना ही ही नहीं, मरीजों को परोसे जाने वाले भोजन में मेन्यू डाइट का पालन भी नहीं हो रहा है।