- डीआईओएस ने दिया है स्कूलों को सख्ती से निर्देश

- निरीक्षण में फेल हुए 50 स्कूलों के टीचर्स

- बिना लैब वाले स्कूलों की मान्यता होगी रद

Meerut : पिछले दिनों स्कूलों के निरीक्षण में डीआईओएस ने बड़ी खामियां पाई थीं। छठी क्लास के बच्चों को जहां मैथ का टेबल नहीं आता। वहीं टीचर्स के पढ़ाने का ढंग ऐसा था, जैसे उन्हें टॉपिक के बारे में कुछ आता ही नहीं। इसे देखते हुए डीआईओएस श्रवण कुमार ने टीचर्स को निर्देश दिए हैं कि बच्चों को पढ़ाने से पहले टॉपिक को खुद भी पढ़ लें। वहीं स्कूलों की लैब को लेकर भी डीआईओएस नाराज नजर आ रहे हैं।

टीचर्स हो चुके फेल

बीते 15 दिनों में डीआईओएस ने मेरठ के शहरी व ग्रामीण इलाकों के लगभग 50 स्कूलों का निरीक्षण किया है। स्कूलों में टीचर्स के पढ़ाने के तौर तरीके और शिक्षण गुणवत्ता पर पैनी नजर रखी है, जिसमें सभी स्कूलों शिक्षण गुणवत्ता खराब पाई गई हैं। छठी क्लास के बच्चे को तो मैथ्स में टेबल तक याद नहीं थे। वहीं आठवीं के बच्चों को नाउन की नॉलेज नहीं थी। स्कूलों में टीचर्स के पढ़ाने के तरीके से ही लग रहा था जैसे टीचर्स को खुद ही नॉलेज न हो। इसलिए डीआईओएस ने स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि पहले टीचर्स अपने सब्जेक्ट से रिलेटेड खुद भी स्टडी करके स्कूल आए उसके बाद ही बच्चों को पढ़ाए।

लैब नहीं मिली तो मान्यता होगी रद

डीआईओएस ने इन स्कूलों में केमिस्ट्री, फिजिक्स व बायो की भी व्यवस्था को भी देखा है। इनमें से अधिकतर स्कूलों में लैब की दशा सही नहीं मिली है। कुछ स्कूलों में तो लैब ही नहीं मिली है। डीआईओएस ने सख्ती के साथ स्कूलों को अपने स्कूलों लैब बनवाने व दुरुस्त करने की हिदायत दी है। डीआईओएस श्रवण कुमार यादव ने स्कूलों से कहा है कि अगर वह अपनी लैब व्यवस्था दुरुस्त नहीं करते है तो उनपर सख्त कार्रवाई होगी। साथ ही यह भी निर्देश दिए हैं जिन स्कूलों में लैब नहीं है वह अपने स्कूल में लैब बनवाएं अन्यथा बिना लैब वाले स्कूलों की मान्यता रद की जाएगी।