* इंटरनेशनल मार्केट में तेंदुए की खाल की कीमत 2 से 5 करोड़

* काले हिरन की खाल समेत ब्लैक बग, चिकारा की खोपडिय़ां बरामद

* रिटायर्ड कर्नल के घर ने मिले वन्य जीवों के बेशकीमती अवशेष

तेंदुए की खाल बरामद

शनिवार को अपराह्न 1:30 बजे डीआरआई (दिल्ली), वन विभाग और पुलिस की संयुक्त कार्यवाही में मेरठ के पॉश सिविल लाइन्स इलाके से बड़े पैमाने पर हथियारों और वन्य जीवों की तस्करी का खुलासा हुआ था। रविवार को चीफ कन्जरर्वेटर (वेस्ट यूपी) मुकेश कुमार ने छापेमारी में पकड़े गए वन्य जीवों के अवशेषों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि छापेमारी कर बड़ी संख्या में वन्य जीवों के अवशेष बरामद किए गए, जिसमें वयस्क नर तेंदुए की खाल शामिल है।

वन विभाग ने कराया मुकदमा

मुख्य आरोपी रिटायर्ड कर्नल का बेटा और नेशनल शूटर प्रशांत विश्नोई बहुमंजिली मकान के द्वितीय तल पर बने प्लाईवुड के कमरे को गोदाम के तौर पर प्रयोग में ला रहा था। इंटेलीजेंस और वन विभाग की टीमों ने यहीं से वन्य जीवों के अवशेष बरामद किए हैं। मुख्य वन संरक्षक ने बताया कि वन विभाग की ओर से आरोपी प्रशांत के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 यथा संशोधित की धारा-50, 51, 44, 49ए और 49बी के अंतर्गत कानूनी कार्रवाई की गई है। विभिन्न धाराओं में अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है।

ये हुआ बरामद  

अवशेष                                          कीमत

1-तेंदुए की खाल                               2-5 करोड़

2-काला हिरन की खाल                         1-2 करोड़

3-सांभर खोपड़ी सींग सहित ट्राफी की शक्ल में 20-50 लाख

4-काला हिरन, खोपड़ी सींग सहित                20 लाख

5-काला हिरन, खोपड़ी गर्दन, दो सींग सहित ट्राफी के रूप में 20 लाख

6-सींग सांभर बच्चा (3 यूनिट)                  5-10 लाख

7-चिकारा खोपड़ी (4 यूनिट)                    50 लाख

8-ब्रेकिंग डियर स्कल सींग सहित                 5 लाख

9-खोपड़ी बिना सींग                              5 लाख

10-वन्य जीवों के दांत (दुर्लभ)                  10 लाख

11-चाकू जिसकी मूठ हाथी दांत से बनी है        2 लाख

12-ब्रेंकिंग डियर स्कल सींग सहित               2 लाख

13-117.5 किग्रा वन्य जीव मांस (45 पैकेट में)  गैर अनुमानित

नोट: कीमत का आंकलन अंतरराष्ट्रीय बाजार के आधार पर है।

रिटायर कर्नल के घर रेड : हथियार और करोड़ों के दुर्लभ जीव अवशेष मिले,जिले की पुलिस के पास भी नहीं हैं इतने कारतूस

देशभर में फैला है जाल

चिकारा हिरन यूपी में नहीं मिलता है, ये सिर्फ राजस्थान में ही मिलता है। मूलरूप से राजस्थान का रहने वाले प्रशांत विश्नोई के तार देशभर में फैले वन्य जीव तस्करों से जुड़े थे। बरामदगी पर वन विभाग ने दावा किया कि प्रशांत के पास यूपी, उत्तराखंड, राजस्थान आदि राज्यों के जंगलों में पाए जाने वाले वन्य जीवों के अवशेष बरामद हुए हैं, ये वन्य जीव तस्करी के बड़े रैकेट का सरगना है। चीफ कन्जरवेटर से साफ कहा कि प्रशांत के अलावा अन्य लोग भी वन्य तस्करी में निश्चित तौर पर जुड़े हुए हैं, गिरफ्तारी के बाद वन विभाग पूछताछ करेगी।

सवाल, जिनके नहीं जवाब

वन विभाग की टीम ने इंटरनेशनल स्मग्लर के रिटायर्ड कर्नल पिता से किए सवाल और उनके जबाव।।।

सवाल-कहां से आए वन्य जीवों के अवशेष?

जबाव-नहीं मालूम।

सवाल-मीट किसका है?

जबाव-नीलगाय का।

सवाल-कहां से आया?

जबाव-नहीं मालूम।

सवाल-कहां, मारा था तेंदुए को।

जबाव-नहीं मालूम

सवाल-वाइल्ड एनीमल किलिंग की परमीशन है?

जबाव-नहीं।

सवाल-मीट रखने या टे्रडिंग करने की परमीशन है?

जबाव-नहीं मालूम।

सवालों के जबाव हासिल करने में नाकाम वन विभाग टीम ने रिटायर्ड कर्नल को वयोवृद्ध बताते हुए उनका पीछा छोड़ दिया। डीआरआई समेत वन विभाग ने प्रशांत को ही आरोपी बनाया है, जबकि पिता देवेंद्र विश्नोई, मां, पत्नी और दो बेटियां छापेमारी के दौरान घर पर ही मौजूद थे।

जनपद में नहीं हैं इतने कारतूस

दो लाख कारतूस! रिटायर्ड कर्नल के घर से बरामद हुए कारतूस इतने हैं कि जितने पूरे जिले की पुलिस फोर्स के पास नहीं हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार एक थाने में सारी राइफलों और पिस्टलों को मिलाकर करीब एक हजार कारतूसों का कोटा रहता है। मेरठ में कुल तीस थाने में हैं, ऐसे में यदि सूत्रों की बात पर यकीन किया जाए तो प्रशांत के घर से बरामद हुए कारतूस पूरे जिले के थानों की पुलिस पर भारी हैं।

रात भर चली बचाने की कवायद

टीम का काम तो काफी पहले खत्म हो चुका था, लेकिन टीम के मेरठ मेें पहुंचने के बाद से घर से बाहर निकलने तक दिल्ली से लेकर लखनऊ तक से आरोपी के बचाव में कॉल आती रहीं। कई प्रभावशाली व्यक्तियों द्वारा मामले को रफा-दफा करने दबाव बनाते रहे। अधिकारियों ने प्रशांत के न मिलने पर उसकी पत्नी निधि को हिरासत में लेने का प्रयास किया, लेकिन दबाव के सामने उसे छोड़ दिया गया। उधर, प्रशांत के पिता कर्नल देवेन्द्र विश्नोई ने हाल ही में हुए अपनी आंखो के आपरेशन का हवाला देते हुए खुद को बचा लिया।

जांच को लैब भेजा मीट

चीफ कन्जरवेटर ने बताया कि बरामद किए गए मीट के सैंपल को जांच के लिए देहरादून स्थित वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया भेजा जा रहा है। जांच रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट होगा कि यह मीट किसका है?

अंतरराष्ट्रीय मार्केट में पकड़े गए वन्य जीव के अवशेषों की कीमत करोड़ों रुपये है। विभिन्न धाराओं में मुख्य आरोपी प्रशांत बिश्नोई के खिलाफ वन विभाग द्वारा मुकदमा दर्ज कराया गया है। गिरफ्तारी के बाद टीम पूछताछ करेगी।

-मुकेश कुमार, चीफ कन्जरवेटर, वेस्ट यूपी

National News inextlive from India News Desk

National News inextlive from India News Desk