-मेडिकल कॉलेज सरकारी आवास कैंपस की सफाई न होने से कूड़े का अंबार

-बीआरडी प्रशासन सालाना निगम को देता है हाउस टैक्स

GORAKHPUR: सीएम के दस्तक अभियान का बीआरडी मेडिकल कॉलेज प्रशासन पलीता लगाने में लगा है। आलम यह है कि स्वीपर व कर्मचारियों के आवास के आसपास गंदगी का अंबार लगा हुआ है। लेकिन जिम्मेदारों ने सफाई के लिए कोई कदम नहीं उठाया। वहीं मेडिकल कॉलेज प्रशासन का कहना है कि सालाना 1.10 करोड़ रुपये टैक्स जमा करने के बाद भी नालों और आवास के परिसर की सफाई तक नहीं होती। जबकि निगम का कहना है कि मेडिकल कॉलेज प्रशासन का खुद का सफाई एजेंसी से ठेका है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन अपनी लापरवाही का ठीकरा नगर निगम पर फोड़ रहा है। इन सब के बीच सफाई न होने से बीआरडी में संक्रमण का खतरा भी मडरा रहा है।

बीआरडी मेडिकल कॉलेज कैंपस में करीब एक हजार कर्मचारियों के रहने के लिए सरकारी आवास हैं। इन आवासों की गलियां कूड़े के ढेर से पटी हुई है। न गलियों में सफाई होती है और न ही नाली चालू है। चारों तरफ जंगल झाड़ी से घिरे सरकारी आवास में रहने वाले लोग कीड़े मकौड़े से भी परेशान हैं। मेडिकल कॉलेज प्रशासन अपने कर्मचारियों के सेहत की परवाह नहीं कर रहा है। इस संबंध में कई बार कर्मचारियों ने बीआरडी प्रशासन को पत्र के माध्यम से अपनी समस्याओें से अवगत भी कराया। फिर भी अफसर उनकी सुधि नहीं ले रहे हैं।

दूषित पानी पीने को मजबूर हैं मेडिकल कर्मचारी

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के सरकारी आवास में पीने के पानी की सप्लाई के लिए कैंपस में मात्र एक पानी की टंकी है। हालत यह है कि कॉलोनी की दूसरे और तीसरे मंजिल तक पानी नहीं पहुंचता है। मजबूरी में कॉलोनी के लोग मोटर लगाकर पानी खींचते हैं। उसके बाद भी दूषित पानी मिलता है। इसकी कई बार शिकायत भी की जा चुकी है, लेकिन न तो उनकी समस्या का निदान होता है और न ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था कराई जाती है। यही नहीं पानी की एक टंकी के भरोसे हजारों परिवार गुजारा कर रहे हैं।

कोट

मैं मेडिकल कॉलेज के टाइप वन सरकारी आवास में रहता हूं। आवास के गलियों की सालों से सफाई नहीं हुई। नाले भी चोक है। इस संबंध में कई बार अफसरों को अवगत कराया गया लेकिन अभी तक निदान नहीं हो सका। इसमें रहने वाले परिवार को संक्रमण का खतरा बना रहता है।

सिद्धार्थ राय, कर्मचारी

सरकारी कॉलोनियों की हालत बद से बदत्तर है। सफाई न होने से परिसर मे ंगंदगी और दूषित पानी पीने से कर्मचारियों के परिवार के सदस्य बीमार हो रहे हैं। जबकि नगर निगम को भी सफाई की जिम्मेदारी मिली है। फिर भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।

असलम हुसैन, कर्मचारी

वर्जन-

सरकारी आवासों की साफ-सफाई कराने की हमारी जिम्मेदारी नहीं है.यह कर्मचारी व नगर निगम की है। इसके लिए हर साल निगम को टैक्स दिए जाते हैं। सरकारी आवास के सामने नालियों पर अतिक्रमण करने से भी नाली बंद हो गई हैं। जिसके चलते समस्या पैदा हो गई।

डॉ। गणेश कुमार, प्रिंसिपल बीआरडी

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मेडिकल कॉलेज एक बड़ा संस्थान है। सफाई से लेकर अन्य समस्याओं को दूर करने की उसकी खुद की जिम्मेदारी है। सफाई की जिम्मेदारी नगर निगम की नहीं है। उनका सफाई के लिए स्वयं का ठेंका है। हम सिर्फ उनकी मदद करते हैं। जहां तक टैक्स की बात है तो वे हमारे क्षेत्र का यूज करते हैं। इसलिए उनसे टैक्स लिया जाता है।

प्रेम प्रकाश सिंह, नगर आयुक्त नगर निगम