- बस स्टेशन पर दिव्यांग के लिए सुविधाओं का अभाव

- जो सुविधाएं हैं उस पर भी विभाग ने जड़ा है ताला

BAREILLY:

परिवहन निगम की बसों में भले ही दिव्यांग पैसेंजर्स को फ्री सफर की फैसिलिटी अवेलेबल है, लेकिन बस अड्डे पर व्हीलचेयर के लिए उन्हें 20 रुपए किराया देना पड़ता है। यह एक सच है दिव्यांगों को मिल रही सुविधाओं का, जो आई नेक्स्ट की 'सोच बदलो' मुहिम में उजागर हुई। परिवहन निगम के बस अड्डों पर दिव्यांगों को मिलने वाली दूसरी सुविधाएं भी बदहाली की मार झेल रही हैं। पढि़ए इस रिपोटर्1 में

सैकड़ों पैसेंजर के लिए एक व्हीलचेयर

परिवहन निगम के बरेली बस अड्डे से रोजाना सैकड़ों की संख्या में दिव्यांग पैसेंजर सफर करते हैं, जिनके लिए महज सेटेलाइट व नॉवेल्टी बस अड्डे पर एक-एक व्हीलचेयर का ही इंतजाम है, जो कि पैसेंजर्स की डिमांड के लिहाज से काफी कम है। इसका नतीजा है कि अक्सर व्हीलचेयर बिजी रहने पर दूसरे दिव्यांग पैसेंजर को वेट करना पड़ता है। या फि र वह बस पकड़ने की जल्दी में घिसट कर बस में चढ़ने को मजबूर होते हैं। व्हीलचेयर की कमी के अलावा हास्यास्पद यह है कि दिव्यांग को सरकार फ्री में सफर की सुविधा दे रही है और परिवहन निगम पैसेंजर से व्हीलचेयर का 20 रुपया किराया वसूल रहे हैं।

निकाल लिए सपोर्टिग रॉड

दिव्यांग पैसेंजर को बस में चढ़ते-उतरते दिक्कत न हो इसके लिए गेट पर लोहे की रॉड लगी रहती थी, जिसे पकड़कर दिव्यांग या फिर वृद्ध यात्री बस में आसानी से चढ़-उतर सकते थे। अफसरों ने बस के गेट पर लगी इस सपोर्टिग रॉड को ही निकाल लिया। रीजन में परिवहन निगम के बेड़े में 500 से अधिक बसें मौजूद हैं। इनमें से अधिकतर बसों में गेट पर लगी सपोर्टिग रॉड गायब हो चुकी है, जिससे करीब दो फीट ऊंची बस की सीढि़यों पर चढ़ने में दिव्यांग को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। हैरत की बात यह है कि सपोर्टिग रॉड न होने से दिव्यांगों को हो रही दिक्कतों को अफसर नजरअंदाज किए हुए हैं

रस्सी और सीढ़ी लगा कर रोक दिया रास्ता

नॉवेल्टी बस स्टेशन पर दिव्यांग के लिए रैंप बना हुआ हैं। लेकिन, अधिकारियों ने रैंप पर रस्सी बांध और सीढ़ी लगाकर रैंप का रास्ता ही बंद कर दिया है। इस बाधा को दिव्यांग तो दूर की बात अच्छे-भले पैसेंजर्स को भी पार पाना मुश्किल हो गया है। इसके अलावा शौचालय आने -जाने के लिए रैंप जैसी कोई व्यवस्था नहीं है। जबकि, पिछले मुख्यालय ने बहुत पहले यह आदेश दिये थे कि बसों में दिव्यांग और बुजुर्गो की मदद के लिए कंडक्टर को लगाये जाने को कहा था। ताकि, उन्हें बस में उतरने और चढ़ते वक्त किसी प्रकार की समस्याएं न झेलनी पड़ी। लेकिन विभाग ने जो सुविधाएं बस स्टेशन पर मौजूद है उसे भी छीन रखा है।

1 से 31 जनवरी के बीच विभिन्न डिपो की बस में जर्नी करने वाले दिव्यांग की संख्या

डिपो - जर्नी करने वाले दिव्यांग

बरेली - 5,273

रुहेलखंड - 7,533

बदायूं - 7,485

पीलीभीत - 6,441