RANCHI: रांची यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट विजय कुमार को मोरहाबादी स्थित बेसिक साइंस बिल्डिंग के बॉटनी डिपार्टमेंट में बुधवार को क्लास करने जाना था। चलने-फिरने में पैर से कमजोर विजय इधर-उधर लिफ्ट खोज रहे हैं। लेकिन, इसमें उन्हें निराशा हाथ लगी और मजबूरन सीढ़ी से ही घिसट कर फ‌र्स्ट फ्लोर स्थित क्लास रूम जाना पड़ा। वापसी में एक स्टाफ से पूछा भी कि कौन सी लिफ्ट से नीचे उतरना है। लेकिन स्टाफ ने कहा कि यहां की लिफ्ट सालों से खराब है। विजय की परेशानी तो एक बानगी है, रांची यूनिवर्सिटी के तमाम पीजी डिपार्टमेंट्स सहित कॉलेजों में भी दिव्यांगों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या दिव्यांगों को पढ़ाई छोड़ देनी चाहिए।

एक बार लिफ्ट खराब हुई, तो बनी नहीं

रांची यूनिवर्सिटी व उसके तमाम कॉलेजों में दिव्यांगों के लिए रैंप की व्यवस्था तो दूर, लिफ्ट की सेवा भी सही से नहीं मिल रही है। जबकि यह संस्थान यहां का सबसे पुराना हैं। वहीं, ख्0क्क् में मोरहाबादी में बेसिक साइंस बिल्डिंग बनी। जहां के दोनों ब्लॉक में लिफ्ट लगाए गए थे। लेकिन कुछ ही दिन बाद ये दोनों लिफ्ट खराब हो गए, जिसे आज तक ठीक नहीं किया गया है। वहीं, जितने भी ऑटोनोमस कॉलेज हैं, वहां सीढि़यां ही हैं। किसी भी फ्लोर पर क्लास करने जाने के लिए दिव्यांग स्टूडेंट के पास सीढि़यां चढ़ने के अलावा दूसरा कोई उपाय नहीं है।

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यूनिवर्सिटी व कॉलेज में रैंप व लिफ्ट अनिवार्य

यूजीसी की गाइडलाइंस के अनुसार, यूनिवर्सिटी हो या कॉलेज, सबमें दिव्यांगों के लिए रैंप व लिफ्ट की व्यवस्था अनिवार्य रूप से होनी चाहिए। लेकिन, बेसिक साइंस बिल्डिंग जब बनी, तब भी इस गाइडलाइंस का खास ख्याल नहीं रखा गया। लिफ्ट लगाई गई, लेकिन रैंप की व्यवस्था नहीं की गई। इतना ही नहीं, लिफ्ट सालों से खराब पड़ी हैं। उसे बनाने की चिंता किसी को नहीं है।

वर्जन

सभी विभागों को कहा गया कि दिव्यांगों के लिए यूजीसी की गाइडलाइंस का हर हाल में पालन करें। बेसिक साइंस बिल्डिंग में भी इंतजाम पहले नहीं किया गया। इस कारण अभी भी दिव्यांग स्टूडेंट्स को परेशानी हो रही है।

-डॉ। सतीश चंद्र गुप्ता,डीएसडब्ल्यू,आरयू, रांची