इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में सिम्पोजियम के अंतिम दिन भी हुए व्याख्यान

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में लिब्स सिम्पोजियम के अंतिम दिन वैज्ञानिक सत्र के प्रथम वक्ता डॉ। डी। अलामेलु बार्क, मुम्बई ने लेसर अवलेशन के साथ-साथ मास स्पेक्ट्रोमेट्री के द्वारा कम खर्चे में पर्यावरीणीय सैम्पल के अध्ययन पर व्याख्यान दिया। सेशन के दूसरे वक्ता प्रो। जगदीश पी। सिंह, यूएसए ने लिब्स खाद्य पदार्थो के उपयोग पर विस्तृत व्याख्यान दिया। उन्होंने पत्तागोभी, ब्रोकली, दूध और उनके उत्पाद और विभिन्न प्रकार के मीट के अध्ययन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लिब्स के द्वारा दूध में मिलावट की जांच तुरंत की जा सकती है।

आटे की गुणवत्ता भी जांच सकते हैं

उन्होंने लिब्स के उपयोग से रोटी बनाने में उपयोग में आने वाले आटे की गुणवत्ता को चेक करने का भी विशेष उल्लेख किया। डॉ। वीके उन्नीकृष्णन, मनीपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन बंगलोर ने कहा कि लिब्स और रमन के संयुक्त प्रयोग से किसी भी पदार्थ के बारे में सम्पूर्ण जानकारी मिलती है। वहीं वर्दवान विश्वविद्यालय के प्रो। उदित चटर्जी ने अरैखिक आवृति मिश्रण द्वारा ट्यूनेबल सोर्सेज के बारे में बताया।

इसलिए चमकते हैं जुगनू

प्रो। एजी वरुआ ने जुगनू द्वारा उत्पन्न प्रकाश के अध्ययन को प्रस्तुत करते हुए बताया कि कैसे जुगनू में प्रकाश का उत्सर्जन होता है। डॉ। आशीष कुमार मिश्र, आईआईटी बीएचयू ने नैनोकंपोजिट का उपयोग सेंसर के रूप में रमन स्पेक्ट्रोस्कोपीद्वारा बताते हुए फोनान के बारे में बताया। डॉ। के मोहन राज, चेन्नई ने सोलर सेल एवं हाइड्रोजन उर्जा उत्पादन की दिशा में हो रहे शोध को प्रस्तुत किया।