- नमाज अदा करने के बाद मंत्री आजम खां के घर का करना चाह रहे थे घेराव

- लाठीचार्ज में एक की मौत, कई घायल, एक पुलिसकर्मी भी गंभीर

- वक्फ की सम्पत्ति को मर्ज करने और बोर्ड में फैले भ्रष्टाचार का कर रहे थे विरोध

Lucknow@inext.co.in

LUCKNOW: लखनऊ में अलविदा जुमे की नमाज के बाद पहले से घोषित जुलूस और प्रदर्शन में जमकर बवाल हुआ। वक्फ की सम्पत्ति को मर्ज करने और बोर्ड में फैले भ्रष्टाचार के विरोध में नगर विकास मंत्री आजम खां के घर का घेराव करने जा रहे एक समुदाय विशेष के लोगों के साथ पुलिस की जमकर झड़प हुई। पुलिसिया लाठीचार्ज में एक व्यक्ति की मौत की खबर है और तीन दर्जन से अधिक लोग घायल हुए हैं। इस दौरान एक पुलिसकर्मी को पब्लिक ने पीट-पीटकर अधमरा कर दिया जबकि दो पुलिस कर्मियों की रिवॉल्वर छीन ली गयी। उग्र भीड़ ने पीएसी की एक ट्रक, पुलिस की एक वैन और एक दर्जन बाइक को आग के हवाले कर दिया। देर शाम मौलाना कल्बे जव्वाद की गिरफ्तारी के बाद मामला कुछ हद तक कंट्रोल में आया।

पल-पल बदले हालात

दोपहर बारह बजे- बड़ा इमामबाड़ा स्थित आसिफी मस्जिद में अलविदा जुमे की नमाज के लिए लोग इकट्ठा हुए। नमाज के खुत्बे में मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी ने रोजे की फजीलत बयान की। इसके बाद नमाज हुई और लोगों ने अमन-चैन की दुआएं मांगी।

दोपहर डेढ़ बजे- नमाज खत्म हुई और मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी ने लोगों को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि रास्ते में पुलिस रोके तो विरोध न करना, रास्ता बदल देना। उन्होंने अपील की कि मंजिल आजम खां का घर होना चाहिए रास्ता कोई भी हो फर्क नहीं पड़ता। क्योंकि, बगल में ही टीले वाली मस्जिद में सुन्नी समुदाय के लोग अलविदा की नमाज पढ़ रहे थे। इसको देखते हुए पूर्व निर्धारित जुलूस के रास्ते में फेरबदल कर दिया गया और इसे नीबू पार्क, शाहमीना रोड होते हुए शहीद स्मारक पहुंचा। यहां पुलिस ने जबर्दस्त बैरीकेडिंग की हुई थी।

ख्:क्भ् बजे- वक्फ मिनिस्टर आजम खां और यूपी के सीएम अखिलेश यादव और मुलायम सिंह का विरोध करते हुए जुलूस की शक्ल में लगभग चार से पांच हजार लोग शहीद स्मारक पहुंच गये। यहां पहले से पुलिस ने न सिर्फ फोर्स तैनात की हुई थी बल्कि डबल लेयर बैरिकेडिंग भी कर रखी थी। जुलूस की शक्ल में आये मॉक ने न सिर्फ बैरीकेडिंग की एक लेयर तोड़ दी बल्कि पास के पार्क में घुसकर बैरीकेडिंग के दूसरी ओर जाने का प्रयास किया।

ख्:फ्ख् बजे- लगभग क्7 मिनट की जद्दोजेहद के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को पीछे खदेड़ने के लिए लाठियां भांजनी शुरू कर दी और पब्लिक को दौड़ा लिया। इस दौरान जुलूस में शामिल कई मौलाना और पब्लिक के काफी लोगों को चोटें आयीं। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को लगभग क्00 मीटर पीछे ढकेल दिया। लाठीचार्ज के दौरान जख्मी हुए मुफ्तीगंज निवासी कर्रार हुसैन को ट्रॉमा सेंटर भेज दिया गया।

ख्:ब्भ् बजे- प्रदर्शनकारियों ने एक कांस्टेबिल को भीड़ में खींच लिया और उसकी जमकर पिटाई कर दी। दो पुलिसकर्मी बीच-बचाव करने पहुंचे एक इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के कैमरामैन राजीव ने सिपाही को न मारने की गुहार लगायी तो भीड़ उस कैमरामैन को पीटने लगी।

ख्:भ्भ् बजे- जुलूस का नेतृत्व कर रहे मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी शहीद स्मारक के पास पहुंचे और लाठीचार्ज के विरोध में वहीं धरने पर बैठ गये। मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी के साथ मौलाना हबीब हैदर और मौलाना अमीर हैदर समेत कई मौलाना साथ में थे। उन्होंने पब्लिक को पुलिस पर किसी भी तरह का हमला न करने और संयम में रहकर विरोध प्रदर्शन करने की अपील की।

फ्:ख्0 बजे- लाठीचार्ज और भगदड़ में घायल हुए कर्रार हुसैन की मौत हो गयी। इसकी खबर शहीद स्मारक पर पहुंची तो पुलिस के साथ सरकार और आजम खां के खिलाफ नारेबाजी शुरू हो गयी।

फ्:भ्0 बजे- मौलाना की अपील के बावजूद भीड़ नहीं मानी और आरआरएफ के एक कमांडर को भीड़ ने खींच लिया। दूसरे पुलिसकर्मियों ने अपने साथी को पिटते देखा तो पुलिस ने सीधे पब्लिक पर लाठीचार्ज कर खदेड़ दिया। पुलिसिया कार्रवाई में मौलाना कल्बे जव्वाद समेत कई लोगों को चोटों भी आयीं। इस दौरान पुलिस पर पथराव भी किया गया। पीछे खदेड़े गये लोगों ने अपना गुस्सा रास्ते में पड़ने वाली मोटर साइकिल और पीएसी की गाड़ी को आग के हवाले कर निकाला।

ब्:ख्0 बजे- दो घंटे तक टीले वाली मस्जिद से लेकर शहीद स्मारक तक बवाल चलता रहा लेकिन डीएम और एसएसपी को तीन किलोमीटर का सफर तय करने में दो घंटे लग गये। एसएसपी और डीएम ने मौलाना कल्बे जव्वाद से बात करने की कोशिश की लेकिन मौलाना ने कहा कि आप लोग एक करप्ट आदमी का फेवर कर रहे हो और उसके चक्कर में रोजेदारों पर लाठियां बरसा रहे इसीलिए तुम लोगों से कोई बात नहीं करनी। मौलाना ने वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी को अरेस्ट करने की मांग की। एसएसपी ने कहा कि मामला सीबीसीआईडी में हम कार्रवाई कैसे कर सकते हैं। मौलाना ने अपनी गिरफ्तारी का भी प्रस्ताव पुलिस के सामने रखा जिसे एसएसपी ने स्वीकार कर लिया।

भ्:क्0 बजे- यूपी की रोडवेज बस में मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी, मौलाना हबीब हैदर और उनके दर्जनों समर्थकों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और पुलिस लाइन के लिए लेकर रवाना हो गये।

आजम खां के घर पर भी कड़ी पहरेदारी

इस दौरान आजम खां के घर की भी कड़ी पहरेदारी रही। आस-पास बैरिकेडिंग लगायी गयी थी। बावजूद इसके कुछ लोग आजम खां के घर के पास पहुंच गये और नारेबाजी करने लगे। मौके पर मौजूद पुलिस ने लाठियां भांज कर उन्हें तितर बितर किया।

परिजन करते रहे कर्रार का इंतजार

घर में ईद की तैयारियां चल रही थी। जुम्मे की नमाज के बाद सभी कर्रार हैदर का इंतजार कर रहे थे। आखिर वह घर में सबसे बड़े थे। कर्रार ने भी परिवार भर के लिए नए कपड़े दिलवाए थे। वह भी घर वालों के साथ ही ईद की खुशियां मनाना चाहते थे। लेकिन क्या पता था कि अलविदा की नमाज के बाद वह घर ही नहीं लौटेंगे। शहीद स्मारक के पास हुए लाठी चार्ज में मुफ्तीगंज निवासी कर्रार की मौत हो गई। कर्रार की मौत की खबर सुनते ही पत्‍‌नी होशीदी बानो (भ्भ् वर्षीय) बेहोश हो गई। उनकी चार बेटियों में से दो बेटियां रीनू और शीनू उनके साथ ही रहती हैं। कर्रार ने अपने घर से कपड़े का छोटा-मोटा कारोबार करते थे। हर साल की तरह उनके घर में सभी लोग रोजे से थे।

आखिर कौन लीड कर रहा था पुलिस को?

बवाल के दौरान जब पुलिस ने लाठीचार्ज किया तो एक शख्स जो कुर्ता पैजामा पहने हुए था, वह लगातार पुलिस को ना सिर्फ डायरेक्शन दे रहा था, बल्कि पुलिस को लीड करने के अंदाज में चल रहा था। इसकी शिकायत मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों से भी की गयी, लेकिन पुलिस वालों ने उसे दोनों पक्षों का मीडिएटर बताकर उसको साथ रखा। लेकिन जब एतराज बढ़ा और बात बड़े अधिकारियों तक पहुंची तो पुलिस कर्मियों ने उसे खुद से दूर कर दिया। वहीं सोर्सेज की मानें तो यह शख्स समाजवादी पार्टी सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री था। कुछ दिन पहले सीएम अखिलेश यादव ने इसे हटा दिया था।

कहां गयी पुलिस की तीन रिवॉल्वर?

सब कुछ पहले से प्लान था। बावजूद इसके पुलिस जूझती नजर आयी। पहले से तय इस बवाल को रोकने के लिए पुलिस की जो कोशिशें थीं, वह नाकाम साबित हो चुकी थीं। हालत यह थी कि पुलिस और पब्लिक के बीच ऐसा संघर्ष, कि एक दो नहीं तीन-तीन पुलिस कर्मियों की रिवॉल्वर लूट ली गयी। इतना ही नहीं, कई सिपाहियों और सब इंस्पेक्टर को जख्मी कर दिया गया।

एसएसआई वजीरगंज की लुट गयी रिवॉल्वर

जिन तीन पुलिस कर्मियों की रिवॉल्वर इस पूरे बवाल के दौरान लूट ली गयी। इसमें वजीरगंज के सीनियर सब इंस्पेक्टर हरिओम श्रीवास्तव की रिवॉल्वर भी शामिल थी। इसके अलावा पाण्डेय गंज के चौकी इंचार्ज लाल चंद्र सरोज पर हमला बोल दिया और उनकी रिवॉल्वर छीन ली। इस दौरान सरोज को सिर में गंभीर चोटें आयीं हैं। सरोज को बलरामपुर हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है। सीओ चौक सर्वेश कुमार मिश्रा की मानें तो पूरे बवाल के दौरान कुल तीन पुलिस कर्मियों की रिवॉल्वर छीनी गयी है और आधा दर्जन से अधिक पुलिस कर्मियों को चोटें आयीं हैं।

शहर में फोर्स का सूरतेहाल

पद नियतन उपलब्धता

एसएचओ/एसओ ब्फ् ब्फ्

सब इंस्पेक्टर भ्0क् भ्भ्म्

हेड कॉन्सटेबल ब्98 भ्भ्म्

कॉन्सटेबल फ्भ्भ्8 ख्7ब्9

कब-कब बिगड़ी शहर की फिजा

क्7 अगस्त ख्0क्ख्- म्यांमार में मुस्लिमों के कथित नरसंहार के विरोध में जमीयत उलमा-ए-हिंद का हिंसक प्रदर्शन, मीडियाकर्मियों व पुलिसकर्मियों को बनाया निशाना

क्क् जनवरी ख्0क्फ्- बाजारखाला के बिल्लौचपुरा में ताजिया निकालने के दौरान दो पक्ष भिड़े, दो दर्जन घायल

क्म् जनवरी ख्0क्फ्- वजीरगंज में मजलिस पर फायरिंग में सुलेमान उर्फ सानू की मौत, एक समुदाय का होने के शक में वेदप्रकाश यादव की हत्या

क्7 जनवरी ख्0क्फ्- वजीरगंज में फायरिंग में मारे गए सुलेमान उर्फ सानू के जनाजे पर सतखंड में जमकर पथराव, फायरिंग

फ्क् जुलाई ख्0क्फ्- बाजारखाला में एक समुदाय के जुलूस पर जमकर पथराव, फायरिंग। जवाब में तोड़फोड़ व आगजनी

ख् अगस्त ख्0क्फ्- मुफ्तीगंज में एक समुदाय के घरों में आगजनी, जवाब में ठाकुरगंज, सआदतगंज और चौक में दो पक्ष सामने आए, जमकर पथराव और फायरिंग

क्9 जून ख्0क्ब्- सआदतगंज में नारेबाजी को लेकर दो पक्ष सामने आए, पथराव और फायरिंग