-काशी विद्यापीठ में चार माह पहले बनकर तैयार हुए रेलवे रिजर्वेशन सेंटर का अटका इनॉगरेशन

-रेलवे व यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन के बीच स्टाफ को लेकर फंसी है जिच

VARANASI: चार महीने पहले महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ कैंपस में बनकर तैयार रिजर्वेशन सेंटर को कर्मचारी का इंतजार है। कर्मचारी मिले तो यहां टिकट का रिजर्वेशन हो। बस एक अदद कर्मचारी की कमी के कारण यह रिजर्वेशन सेंटर हाथी दांत ही साबित हो रहा है। यह कब स्टार्ट होगा? यह बताना मुश्किल है। बता दें कि बीएचयू के बाद रेलवे ने काशी विद्यापीठ में रिजर्वेशन काउंटर खोलने का डिसीजन लिया है। लेकिन रेलवे और यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन की आपसी खींचतान के चलते इसकी शुरुआत नहीं हो पा रही है। हालांकि स्थानीय रेलवे ऑफिसर्स इसके कई बार इसके इनॉगरेशन का प्लैन बना चुके हैं लेकिन हर बार असफलता ही हाथ लगी।

तो इसलिए फंसी है जिच

रेल राज्यमंत्री की मंशा के अनुरुप काशी विद्यापीठ एडमिनिस्ट्रेशन कैंपस में रिजर्वेशन काउंटर खोलने के लिए तैयार हो गया। फॉर्मेलिटी के बाद उसने दरियादिली दिखाते हुए कैंपस में काउंटर के लिए आनन फानन में रूम व शेड तो बना दिया। लेकिन चार महीने बाद भी यहां टिकट मिलना स्टार्ट नहीं हो पाया है। कारण कि रेलवे की ओर से काशी विद्यापीठ एडमिनिस्ट्रेशन को भेजे गए एमओयू में प्लेस के साथ ही स्टाफ व बिजली का भी इंतजाम करने का जिक्र है। जो यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन को मंजूर नहीं है। हालांकि अभी इसपर विचार होना बाकी है। एक ऑफिसर के मुताबिक यूनिवर्सिटी अधिक से अधिक काउंटर के लिए जगह उपलब्ध करा सकती है। बाकी इंतजाम रेलवे को ही करना होगा।

हो चुकी है टेस्टिंग

कैंपस में कॉमर्स फैकल्टी के सामने रिजर्वेशन काउंटर के लिए अगस्त में ही रूम व शेड बनकर तैयार हो चुका है। रेलवे के टेक्निकल ऑफिसर्स यहां का मुआयना भी कर चुके हैं। यही नहीं रिजर्वेशन के लिए लगने वाले कंप्यूटर सहित अन्य इक्विपमेंट्स की भी टेस्टिंग कर ली गई है। अब बस स्टाफ के तैनात होने की देर है। जैसे ही इस काउंटर को कर्मचारी मिल जाएगा, यहां से रिजर्वेशन टिकट मिलना स्टार्ट हो जाएगा।

हमारे एंड से जितना वर्क होना था, उसे बहुत पहले ही कम्प्लीट कर लिया गया है। अब स्टाफ की व्यवस्था रेलवे को ही करना चाहिए। बहरहाल एमओयू मिला है जिसपर विचार होना है।

ओम प्रकाश, रजिस्ट्रार, काशी विद्यापीठ