- डीजीपी कार्यालय पर जाति विशेष के पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई का लगाया था आरोप

- आईजी कार्मिक की जांच में पाए गए दोषी, सीएम ने किया सस्पेंड

LUCKNOW : नोएडा व गाजियाबाद में भ्रष्ट पुलिसकर्मियों के सस्पेंशन को जाति विशेष पर कार्रवाई बताकर डीजीपी कार्यालय पर ट्वीट के जरिए निशाना साधना आईपीएस हिमांशु कुमार को महंगा पड़ गया। मामले की जांच में दोषी पाए जाने पर डीजीपी की सिफारिश पर सीएम आदित्यनाथ योगी ने उन्हें सस्पेंड कर दिया। गौरतलब है कि आईपीएस हिमांशु कुमार पर उनकी पत्‍‌नी ने भी दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा का केस दायर कर रखा है। पत्नी का आरोप है कि दबाव बनाने के लिये हिमांशु ने पत्नी व ससुरालीजनों पर ई-मेल अकाउंट हैक करने का मुकदमा दर्ज कराकर प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए बिना आरोपियों का बयान लिये चार्जशीट भी दायर करवा दी। गृह सचिव ने शिकायत मिलने पर जांच की बात कही है।

यह है मामला

बीजेपी सरकार गठित होने के बाद सीएम आदित्यनाथ योगी द्वारा प्रदेश की बदहाल कानून-व्यवस्था को तुरंत दुरुस्त करने के निर्देश दिये थे। जिसके बाद बीते सोमवार को डीजीपी जावीद अहमद ने प्रदेश के सभी आईजी, डीआईजी, जिलों के कप्तानों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए मीटिंग ली थी। इस मीटिंग के दौरान डीजीपी अहमद ने एसएसपी गौतमबुद्धनगर और एसएसपी गाजियाबाद को बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर जमकर फटकार लगाई थी। जिसके बाद दोनों जिलों के कप्तानों ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए ड्यूटी के प्रति लापरवाह और वसूली में लिप्त 90 पुलिस कॉन्सटेबल्स को सस्पेंड कर दिया था। संयोग है कि इस कार्रवाई में ज्यादातर एक जाति विशेष के पुलिसकर्मी चपेट में आ गए थे। इसी कार्रवाई को मुद्दा बनाते हुए आईपीएस हिमांशु कुमार ने डीजीपी कार्यालय पर ट्वीट के जरिए जाति विशेष के पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई का आरोप जड़ दिया था।

आईजी कार्मिक ने जांच में पाया दोषी

आईपीएस हिमांशु कुमार के इस आपत्तिजनक ट्वीट पर डीजीपी जावीद अहमद ने संज्ञान लिया और इसकी जांच आईजी कार्मिक को सौंपी। आईपीएस हिमांशु ने ट्वीट के अलावा एक निजी चैनल में बयान देकर शासन व पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर तमाम आरोप लगाए थे। उनके इस कृत्य को अखिल भारतीय सेवाएं आचरण नियमावली का दोषी पाया गया और इसकी रिपोर्ट व सस्पेंशन की संस्तुति गुरुवार को सीएम आदित्यनाथ योगी को भेज दी गई थी। शनिवार को सीएम आदित्यनाथ योगी ने डीजीपी की रिपोर्ट पर मंजूरी देते हुए आईपीएस हिमांशु कुमार को सस्पेंड करने का आदेश दे दिया। गृह सचिव मणि प्रसाद मिश्र ने बताया कि सस्पेंशन के बाद आईपीएस हिमांशु कुमार को डीजीपी कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। साथ ही उनके बिना अनुमति मुख्यालय छोड़ने पर रोक लगा दी गइर् है।

पत्नी लगा चुकी हैं दहेज उत्पीड़न का आरोप

विवादित ट्वीट करने वाले आईपीएस हिमांशु कुमार पर उनकी पत्नी प्रिया सिंह ने पटना डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया था। बिहार निवासी प्रिया ने बताया कि उनकी शादी 4 जुलाई 2014 को हिमांशु कुमार से हुई थी। शादी तय होने से पहले हिमांशु ने उनके परिजनों को बहला-फुसलाकर उनकी पटना के आशियाना नगर स्थित 6 करोड़ रुपये की जमीन को अपने नाम करा लिया था। वहीं, शादी के बाद वह उसे प्रताडि़त करते रहे। आरोप है कि हिमांशु प्रिया के माता-पिता पर दिल्ली में फ्लैट व कार दिलाने का दबाव बना रहे थे। मांग पूरी न होने पर वह उसे मारते-पीटते थे। जिससे परेशान होकर वह अपने माता-पिता के घर पटना चली गई और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी। जिस पर कोर्ट ने उनके खिलाफ जमानती वारंट भी जारी क दिया।

पत्नी व ससुरालीजनों पर करा दी एफआईआर

प्रिया ने बताया कि पहले तो आईपीएस हिमांशु ने आदमी भेजकर उस पर मामला वापस लेने का दबाव बनाया। लेकिन, उनकी बात न मानने पर उन्होंने गौतमबुद्धनगर के दादरी थाने में प्रिया, उसके माता-पिता, बहन और दो चाचा के खिलाफ ई-मेल अकाउंट हैक करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करा दी। प्रिया ने बताया कि नोएडा पुलिस की जांच में गूगल व माइक्रो सॉफ्ट ने ई-मेल अकाउंट हैकिंग से इंकार कर दिया। पर, हिमांशु कुमार ने इस एफआईआर में फाइनल रिपोर्ट नहीं लगाने दी। जिसके बाद उन्होंने शिकायत कर मामले की जांच गाजियाबाद ट्रांसफर करा दी। पर, वहां भी मामले के विवेचक ने उन्हें जमकर परेशान किया और बिना उनका बयान लिये ही चार्जशीट दायर कर दी। गृह सचिव मणि प्रसाद मिश्र ने बताया कि अब तक उन्हें इस संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है। अगर शिकायत मिली तो इस मामले की भी जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।